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एम.एच. 17 त्रासदी: पश्चिमी मीडिया रूसी विरोधी घृणा को उकसा रहा है

 

17 जुलाई को एक दुखद हवाई आपदा देखने को मिली -  एक मलेशियाई विमान एमएच 17 यूक्रेन के ऊपर हवा में मार गिराया गया था जिसमे सभी यात्रियों और चालक दल मारे गए। इस विमान को मार गीराने कि शर्मिंदगी भरी घटना सेर पूरी दुनिया दंग रह गयी और आगे इसने नागरिक विमानों पर इसी तरह के हमलों की पहले की यादें ताज़ा कर दी। इस घटना हाल ही में एक अन्य मलेशियन विमान के रहस्यमय ढंग से लापता होने के बाद काफी जल्दी घटी घटना है।

 

यात्री देशों की सूची की घोषणा में एयरलाइन के 15 चालक दल के सदस्यों सहित 154 डच, 27 आस्ट्रेलियाई, 43 मलेशियाई, शामिल है। 41 यात्रियों की राष्ट्रीयता का पता लगाया जाना अभी बाकी है। कीव प्रशासन ने तुरंत ही इस भीषण कार्य के लिए रूसी संघवादीयों को  दोषी ठहराया है। उन्होंने दावा किया कि कुआलालंपुर से एम्सटर्डम जा रही बोइंग 777 को  संघवादीयों ने  सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया। उन के अनुसार,  उन्होंने उन्नत रूस निर्मित मिसाइल प्रणाली का अधिग्रहण किया है। अमेरिका ने भी तुरंत इस बात की पुष्टि करने के लिए कहा कि इस विमान को  मार गिराने के लिए जिस मिसाइल का इस्तेमाल हुआ है उसके लिए रूस जिम्मेदार है क्योंकि वही  संघवादीयों को परिष्कृत हथियारों की आपूर्ति करता है। हालांकि, वे उस जगह को नहीं बता पाए हैं जहाँ से यह मिसाइल दागी गयी, लेकिन उन्हें यह जरूर पता है कि विमान को मिसाइल ने ही मार गिराया है और इसे किसने दागा। अमरीकी और कीव निजाम तब काफी जल्दबाजी में लगे जब उन्होंने रूस की सरकार और संघवादियों पर इसकी पूरी तोहमत लगा दी, यहाँ तक कि बिना किसी ठोस जांच के घटना के कारन ढूंढ लिए गए। इस घटना के इर्द-गिर्द पूरा पश्चिमी मीडिया काफी सक्रियता से रूस के खिलाफ नफरत का बीज बो रहा है।

 

दूसरी तरफ, रुसी सरकार कह रही है कि इस विमान को गिराने में उसका कोई हाथ नहीं है, वे इसके उलट एक पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए सहमत है। वे संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन से जांच का नेतृत्व करवाना चाहते हैं, जिसमे अंतर्राष्ट्रीय विमानन समिति के साथ साथ, मास्को स्थित नागरिक उड्डयन प्राधिकरण जिसमे यूक्रेन सहित पूर्व सोवियत संघ के 11 राज्यों शामिल हैं और जिसे 1991 में स्थापित किया गया था। यहां तक ​​की डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (DNR) के नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से दुर्घटना स्थल की जांच करने के लिए अनुमति देने की मांग पर भी राजी है, ऐसा डेनिस संसद अध्यक्ष डेनिस पुशिलिन ने इतर-तास से बातचीत में यह सुचना दी। "हम इस त्रासदी के एक अधिक व्यापक और तेजी से जांच के लिए एक अंतरराष्ट्रीय आयोग में जाने के लिए तैयार हैं," उन्होंने कहा। मलेशियाई सरकार ने कहा है कि इस आपदा के लिए किसी को दोषी ठहराने के उनके पास कोई सबूत नहीं है। मलेशियाई सरकार के अधिकारियों के अनुसार, वे किसी पर उंगली उठाने से पहले जांच पूरी होने जाने का  इंतजार कर रहे हैं।

 

इससे साफ जाहिर है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा समर्थित यूक्रेन, आपदा के लिए संघवादियों  और रूस को दोषी ठहराने के लिए उत्सुक है। यह उत्सुकता अपनी हार को कवर करने की उनकी मंशा को दर्शाता है जब उनको दक्षिण पूर्व में संघवादियों  के हाथों में भारी नुकसान उठाना पड़ा था। यूक्रेनी सैनिक आज भी दक्षिण-पूर्व में अपनी असफलता से हताश हैं।

 

अमेरिकी सरकार ने कीव और यूक्रेनी सैनिकों में हताशा को दूर करने के लिए और उनके मनोबल को किनारे करने के लिए रूस के खिलाफ अधिक प्रतिबंधों की पहल की थी। कीव शासन का नाजी चरित्र तेजी से स्पष्ट होता जा रहा है। इसमें लड़ाई के बारे में पश्चिमी मीडिया के आउटलेट जो जमीन से रिपोर्ट कर रहे हैं वे उन लोगों के बीच नव नाजी तत्वों की उपस्थिति के बारे में रिपोर्ट करने पर मजबूर हो रहे हैं जिनके खिलाफ संघवादी लड़ रहे हैं। बीबीसी ने हाल ही में एक यूक्रेनी सोशल नेशनल असेंबली नामक संगठन के बारे में सूचना दी जिसका उद्देश्य हैं; “' यूक्रेन के आगे विस्तार के लिए पूरी सफेद नस्ल को अंतर्राष्ट्रवादी सट्टा पूंजी के वर्चस्व से मुक्त कराने के लिए संघर्ष तेज करना।” रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि इन नव नाजी समूहों के साथ, समान विचारधारा को साझा करने के लिए, विदेशी नागरिकों के बारे में भी उल्लेख है जो इन समूहों के साथ लड़ना चाहते हैं। परिणामों से बेखबर कीव शासन, सक्रिय रूप से इस तरह के समूहों को प्रोत्साहित कर रहा है।

 

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख मे व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारो को नहीं दर्शाते ।

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