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एमएसआई मज़दूरों की हड़ताल: प्रदर्शनकारी 2 अक्टूबर को भूख हड़ताल पर जाएंगे

सीआईटीयू के झंडे तले कई मज़दूर संगठन हड़ताली मज़दूरों के साथ एकजुटता जताने के लिए गांधी जयंती पर अपनी कंपनियों में काम का बहिष्कार करेंगे।
MSI workers

मायॉन्ग शिन ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमएसआई) में हड़ताली मज़दूर तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर जिले के मणूर गांव में, अपने विरोध को मजबूत बनाने की योजना बना रहे हैं। कंपनी के लगभग 150 कर्मचारी 6 सितंबर से मज़दूर युनियन की मान्यता देने और वार्ताबद्ध मजदूरी समझौते की मांग कर रहे हैं। युनियन के पदाधिकारियों सहित अब तक 15 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है।

कंपनी कोरियाई निर्माता माईंग शिन की भारतीय सहायक कंपनी है, जो कोरियाई ऑटो प्रमुख हुंडई को मशीन के विभिन्न भागों की आपूर्ति करती है। हड़ताली कर्मचारियों ने 27 सितंबर को चेन्नई में कोरियाई वाणिज्य दूतावास के सामने मार्च आयोजित किया था, जिसमें इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए वाणिज्य दूतावास से कहा अपील की गयी थी। उन्हें बिना किसी उत्तेजना के पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसलिए कर्मचारियों ने शुक्रवार से कंपनी के सामने एक धरना शुरू कर दिया है।

कांचीपुरम के सीआईटीयू जिला सचिव कन्नन साउंडराजनन कहते हैं, "कंपनी किसी भी प्रकार के समझौते को मानने के लिए तैयार नहीं है।" सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू) ने कोरियाई वाणिज्य दूतावास के आयुक्त को याचिका दी है कि वे कंपनी को भारतीय कानून का पालन करने और कर्मचारियों को उचित मज़दूरी देने के लिए दबाव बनाए। वाणिज्य दूतावास के डिप्टी कमिश्नर ने सोमवार, 1 अक्टूबर को कर्मचारियों से मिलने के लिए सहमति दी है।

इस बीच कर्मचारियों के परिवार आज यानी 1 अक्टूबर से हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। और 2 अक्टूबर को, गांधी जयंती पर, कर्मचारी कंपनी के सामने भूख हड़ताल पर जाएंगे।

मुख्य उत्पादन के लिए अस्थायी मज़दूर?

वर्तमान में, एमएसआई के तहत लगभग 750 अस्थायी कर्मचारी काम कर रहे हैं। उनमें से कुछ को एनईईएम योजना के प्रावधान के तहत भर्ती किया गया था जो कंपनी को प्रशिक्षण के तहत न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करने की इजाज़त देता है। मुख्य उत्पादन प्रक्रिया के लिए अस्थायी कर्मचारियों का उपयोग श्रम कानूनों का उल्लंघन है क्योंकि अस्थायी कर्मचारियों के पास उचित प्रशिक्षण नहीं होता है। इससे दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। अब तक श्रम आयोग ने इस मुद्दे के बारे में कोई कार्रवाई नहीं की है।

यामाहा मोटर मज़दूरों की हड़ताल

तमिलनाडु के कांचीपुरम संयंत्र में भारत यामाहा मोटर प्राइवेट लिमिटेड (आईवाईएम) के मज़दूर भी अपना विरोध जारी रखे हुए हैं। मज़दूर युनियन के गठन के बाद दो मज़दूरों को अवैध रूप से हटा दिया गया। यामाहा कर्मचारी भी 2 अक्टूबर को भूख हड़ताल के लिए एमएसआई प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल होंगे।

अन्य कंपनियों के कर्मचारी सीआईटीयू के बैनर के तहत एमएसआई और यामाहा के हड़ताली मज़दूरों के समर्थन में भी कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। कन्नन ने कहा, "2 अक्टूबर को, वे एमएसआई और यामाहा के मज़दूरों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अपनी कंपनियों में काम का बहिष्कार करने जा रहे हैं।"

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