Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

26 जनवरी को देशभर में होगी किसानों की ट्रैक्टर रैली : एसकेएम ने किया ऐलान

किसानों के साझे मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि मार्च के महीने में दिल्ली में 'किसान रैली' का आयोजन किया जाएगा। इस रैली की तारीख़ की घोषणा 26 जनवरी को हरियाणा के जींद में की जाएगी।
SKM farmers protest

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एकबार फिर देशभर में किसान आंदोलन का बिगुल फूँक दिया है। एसकेएम ने सरकार पर किसानों से किए वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाया और इसके खिलाफ फिर से सड़कों पर उतरने का निर्णय किया है।

किसानों के सांझे मंच एसकेएम ने कहा कि वह 26 जनवरी को हरियाणा के जींद में एक ‘किसान महापंचायत’ का आयोजन करेगा। इसके साथ ही देशभर में ट्रैक्टर रैलियां और सम्मेलन आयोजित होंगे।

एसकेएम नेताओं ने इस संबंध में बीते शनिवार को करनाल में एक बैठक की थी। बैठक में राकेश टिकैत, दर्शन पाल, बीजू कृष्णन और जोगिंदर सिंह उगराहां समेत कई किसान नेता शामिल हुए थे।

पाल ने बताया कि उत्तरी राज्यों की महापंचायत 26 जनवरी को जींद में होगी।

एसकेएम के एक बयान में कहा है, ‘‘बैठक में गणतंत्र दिवस मनाने और आधिकारिक सरकारी कार्यक्रमों को बाधित किए बिना राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद ट्रैक्टर रैलियां और सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।’’

इसमें कहा गया है कि एसकेएम 26 जनवरी को उसकी एकता को तोड़ने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की ‘‘साजिश का पर्दाफाश’’ करेगा।

पाल ने कहा कि 26 जनवरी को एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान इस दिन अपनी मांगों के समर्थन में संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपेंगे।

बयान में कहा गया है कि मार्च में दिल्ली में ‘किसान रैली’ का आयोजन किया जाएगा और इसकी तारीख की घोषणा 26 जनवरी को जींद में की जाएगी।

एसकेएम नेताओं ने पंजाब के फिरोजपुर में एक डिस्टिलरी और इथेनॉल संयंत्र के खिलाफ जारी आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त की।

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव बीजू कृष्णन ने कहा कि हरियाणा मे जिस तरह से कृषि उपज पर सेस लग रहा है उसके खिलाफ भी हमने प्रस्ताव पास किया है। उन्होंने कहा, "इसके साथ ही बीजेपी सरकार किसान आंदोलन में साथ देने वाले लोगों और कलाकारों पर दमन कर रही है। इसका भी हम विरोध करते हैं। इसके साथ ही पंजाब मे किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हैं। ये मोदी सरकार पहले भी ज़िद पर अड़ी थी। लेकिन किसान मज़दूर की एकता ने 56 इंच की सरकार को झुकने पर मज़बूर कर दिया था। देश में कोई भी सरकार किसान मजदूरों के खिलाफ जाकर सत्ता मे नहीं रह सकती है।"

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest