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होटल अग्निकांड : हादसे के बाद सरकार को होश आया कि होटल तो नियमों के ख़िलाफ़ बना था

दिल्ली के पॉश इलाके करोलबाग में होटल में लगी आग में 17 ज़िंदगी ख़ाक हो जाने के बाद सरकार को पता चला कि ये होटल तो बिना इजाज़त के निर्माण मानदंडों का उल्लंघन करते हुए बनाया गया था।
ARVIND KEJRIWAL
करोलबाग स्थित होटल में आग के बाद घटना का जायजा लेते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के पॉश इलाके करोलबाग में होटल में लगी आग में 17 ज़िंदगी ख़ाक हो जाने के बाद सरकार को पता चला कि ये होटल तो बिना इजाज़त के निर्माण मानदंडों का उल्लंघन करते हुए बनाया गया था। अक्सर शासन-प्रशासन को नियम-कायदों का होश हादसे होने के बाद ही आता है। यहां भी ऐसा ही हुआ।  

दिल्ली सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को मध्य दिल्ली के अर्पित पैलेस होटल में लगी भयावह आग की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश देते हुए कहा कि होटल के मालिक ने निर्माण मानदंडों का उल्लंघन किया था, और होटल की इमारत को छह मंजिला बना लिया था। जबकि इस इलाके में चार मंजिल बनाने की इजाजत है।

सत्येंद्र जैन, होटल के बाहर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने भवनों के मानदंडों के उल्लंघन पर टिप्पणी की और कहा कि मालिकों के पास घर के अंदर होटल व बार चलाने के वैध लाइसेंस हैं या नहीं, इसकी जल्द जांच की जाएगी।

इस दुखद घटना की वजह से आम आदमी पार्टी (आप) ने अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर प्रस्तावित एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया। इसमें लोकप्रिय गायक विशाल ददलानी अपनी प्रस्तुति देने वाले थे।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "करोल बाग की दुखद आग की घटना में कई लोगों की जान चली गई। इस वजह से आज दिल्ली में शाम को आयोजित ददलानी के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। शोकसंतप्त परिवारों के साथ हमारी हार्दिक संवेदनाएं हैं।"


Arpit Palace Hotel, delhi.jpg

अर्पित पैलेस होटल में एक बेसमेंट, एक भूतल व चार अन्य मंजिले थीं। एक परिवार ने कम से कम 35 कमरे बुक किए थे। परिवार शहर में एक विशेष कार्यक्रम के लिए ठहरा था। बताया जाता है कि आग तीसरी और चौथी मंजिल पर लगी, लेकिन यह नीचे भी फैल गई। सिर्फ बेसमेंट व भूतल आग से बचे रहे।

दमकल विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सुबह 4.30 बजे आग लगने की सूचना मिली जिसके तुरंत बाद दमकल की 25 गाड़ियां घटनास्थल पर भेजी गईं, आग से बचने के लिए तीन लोगों ने इमारत से नीचे छलांग लगा दी।

पुलिस उपायुक्त मंदीप रंधावा ने आईएएनएस को बताया कि करोल बाग में छह मंजिला होटल अर्पित पैलेस से 35 लोगों को बचाया गया है। इस दौरान कमरे और टॉयलेट्स की तलाशी भी ली गई ताकि ये पता चल सके कि उनमें कोई फंसा तो नहीं रह गया।
दमकल विभाग के मुख्य अधिकारी जी.सी. मिश्रा ने कहा
"जब दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची, तो आग की लपटें इमारत से बाहर निकल रही थीं। उस समय भी कई लोग सो रहे थे।"

अधिकारी ने कहा, "प्रथम दृष्टया हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट लग रही है।"

हादसा बहुत बड़ा रहा। मंत्री जैन ने ट्वीट करके भी कहा कि " भवन निर्माण में कानून का उल्लंघन स्पष्ट है। चार मंजिल की इजाजत के बजाय, इमारत को एक अस्थायी मंजिल के साथ छह मंजिला बनाया गया। इलाके में इमारतों की अग्निशमन जांच के आदेश दिए गए हैं।"
लेकिन यही सवाल दिल्ली में हर बार उठता है वो चाहे होटल हो या कोई फैक्ट्री। पता चलता है कि वो अवैध तौर पर बनाई गई थी या अवैध तौर पर चल रही थी। सेफ्टी नार्म्स का उल्लंघन तो एक आम बात है। लेकिन ये हैरत है कि करोलबाग जैसे पॉश इलाके के शानदार होटल को नियमों का उल्लंघन कर बनाया गया है, ये शासन-प्रशासन को हादसे के बाद पता चला जबकि चार मंजिला इलाके में छै मंजिला इमारत दूर से ही दिख सकती है।

इस सबसे साफ है कि कानून के उल्लंघन में कानून बनाने और चलाने वाले सभी शामिल हैं।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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