महाराष्ट्र में सत्ता की लड़ाई नये दौर में पहुंच रही है. शिव सेना की कार्यकारिणी बैठक के साथ शिंदे गुट को लेकर शिवसैनिकों के तेवर आज तीखे नजर आये. कहा जा रहा है कि मुंबई लौटने पर शिंदे गुट के कुछ विधायक मूल पार्टी में लौट सकते हैं. इधर, विद्रोही गुट के दर्जन भर से ज्यादा विधायकों की सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है. मामला डिप्टी स्पीकर के विचारार्थ है. ऐसे में महाराष्ट्र का मामला बहुत पेंचीदा हो गया है. क्या केंद्र निकट-भविष्य में राष्ट्रपति शासन का विकल्प आजमा सकता है? #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण: