10 दिसंबर बुद्धवार को फिलिस्तीन सरकार में वरिष्ठ मंत्री ज़िअद अबू यिन का दिन के उजाले में इसरायली सैनिकों ने उस वक्त क़त्ल कर दिया गया जब वे वेस्ट बैंक के गाँव तुर्मुस अया में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। ज़िआद अबू यिन पर इजराइल के तीन सैनिकों जोकि सीमा पर तैनात हैं, ने उनके गले और छाती पर जमकर हमला किया जिसकी वजह से वहीँ पर ढेर हो गए। जब उन्हें इस हालत में अस्पताल ले जाया गया तो उन्हें वहां चिकत्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

यह विरोध प्रदर्शन अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के रूप में मनाया जा रहा था। करीब तीन सौं फिलिस्तीनी कार्यकर्ता इस अवसर पर गाँव की ज़मीन के एक हिस्से पर कब्ज़ा करने के खिलाफ शांतिपूर्वक सांकेतिक प्रदर्शन करने के लिए जैतून के पौधे को लगाने के लिए इकट्ठा हुए थे। प्रदर्शनकारियों की इच्छा इजराइल सरकार के भूमि को कब्ज़ा के करने की परियोजना और वहां पर इसरायली लोगों के लिए जबरदस्ती रिहाईशी मकान बनाने के फैसलें के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करने की थी। यह विरोध पिछले कईं महीनों से तेज़ हो गया । इससे पहले की प्रदर्शन शुरू हो पाता, इजराइल के सैनिकों ने आंसू गैस, चौकाने वाले हथगोलों और उन पर सीधे तौर पर वहां जमा कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया।
ज़िआद अबू यिन फिलिस्तीनी प्रशासन में वरिष्ठ अफसर थे। वे परिनिर्धारण/विभाजित दीवार और बस्तियों के विरुद्ध गठित आयोग के सर्वे सर्वा और फ़तह क्रांतिकारी परिषद् के मुख्य सदस्य थे। पहले वे 9 वर्ष तक बंदीगृह के उप-मंत्री रहे हैं। कब्ज़े के विरुद्ध संघर्ष में एक विशिष्ठ व्यक्ति, ज़िआद अबू यिन ने फिलिस्तीनी जनता के हकों के लिए कई आन्दोलनों के आयोजन और संगठन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्हें इजराइल ने दो इसरायली युवकों के झूठे क़त्ल के इलज़ाम में जिसे 1979 का तिबेरिअस हमला कहा गया, में फ़साने की कोशिश की। इस झूठे आरोप के विरुद्ध दुनिया के नागरिक अधिकार मंचों ने जमकर विरोध किया और 1985 में जबतक वे रिहा नहीं हो गए यह विरोध जारी रहा। इजराइल सरकार द्वारा मानव अधिकारों के उलंघन के विरुद्ध ज़िआद अबू यिन एक सशक्त आवाज़ बन कर उभरे।
ज़िआद अबू यिन के क़त्ल से पूरे फिलिस्तीन में आक्रोश की लहर दौड़ गयी है। रमाल्लाह, पूर्वी जेरुसलम और अन्य शहरों में विरोध कार्यवाहियां और टकराव शुरू हो गया है। महमूद अब्बास जोकि फिलिस्तीन सरकार के प्रमुख हैं ने इस क़त्ल को "बर्बर" और शब्दों के हर अर्थ में घिनौना अपराध बताया है। तीन दिन का शोक रखने की घोषणा के साथ उन्होंने इशारा किया कि इस घटना के जवाब के लिए सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार किया जाएगा। हमास और इस्लामिक जिहाद द्वारा रखे मांगों के अनुरूप, पी.ए. ने इसराइल के साथ सुरक्षा समन्वय को रोकने का फैसला किया है। पूर्व समूहों ने हत्या के मद्देनज़र वेस्ट बैंक क्षेत्र में इन्तिफादा को दोबारा शुरू करने को कहा है। फिलिस्तीनी लिबरेशन फ्रंट ने इस घटना को “फिलिस्तीनियों के विरुद्ध द्वेषपूर्ण/शातिर और अहंकारी कदम बताया है।”

इस हत्या के सम्बन्ध में दुनिया भर की सरकारों से तेज प्रतिक्रियायें मिल रही है। जॉर्डन ने दृढ़ता से इस घटना की निंदा की है। अरब लीग ने लगातार फिलीस्तीनी लोगों पर इजरायली राज्य द्वारा आतंक के ताजा प्रकरण के रूप में हत्या की निंदा की है। फिलीस्तीनी विधान परिषद के साथ संबंध यूरोपीय संसद के प्रतिनिधिमंडल के ब्यूरो ने इसे "अपमान और एक अपराध 'के रूप में इस घटना का वर्णन किया गया है। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख, फ़ेडेरिका मोघ्रेनी ने इस मौत के लिए तत्काल और स्वतंत्र जांच के लिए मांग की है। अमेरिका, का रुख दिलचस्प है, और उसने "गहरी चिंता 'व्यक्त की है।
इन प्रतिक्रियाओं के बावजूद, इसराइल इस अपराध से इनकार की जिद्द में अड़ा हुआ है। जबकि इजरायल के रक्षा मंत्री, मोशे यालों ने कमजोर शब्दों में "माफी" जारी की है, और उन्होंने तथ्यों को विकृत करने के लिए एक उन्मत्त प्रयास किया । इजरायली के रक्षा बलों ने इस विरोध को एक अनाधिकृत "दंगा" का दर्ज़ा दिया है। इसके अलावा, इसे "पूर्व मौजूदा" स्वास्थ्य की खराब स्थिति के परिणाम के रूप में मौत को चित्रित करने करने का प्रयास किया हैं। इजरायल ने यह स्थापित करने की कोशिश की है कि यह मौत एक हृदय रोग की वजह से हुई है और इसके लिए उसने सबूत के रूप में शव परीक्षण रिपोर्ट का सहारा लिया है। दृढ़ता से फिलीस्तीनी पैथोलॉजिस्ट द्वारा चुनौती दी गई है कि यह मौत हमले की वजह से भारी तनाव के चलते हुयी है। अबू यिन की गर्दन पर गहरे चोट के निशान और उसके सामने दांत को तोड़ने की वजह से यह तथ्य साबित होता है कि उसे मार डालने के लिए हमला किया गया था। यह उस सबके अलावा है जिन सबूतों (विडियो या फोटो) में उनपर हमला होते हुए दिखाया गया और वहां मौजूद लोगों की गवाही भी इस बात को पुख्ता करती है कि यह कोई कुदरती मौत नहीं ।
साथ ही, हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को क्रूरता के साथ कुचला जा रहा हैं। प्रदर्शनकारियों पर जिंदा गोला बारूद और धातु गोलियों से हमला किया जा रहा है। एक चौदह वर्षीय लड़का रमल्ला में एक विरोध प्रदर्शन में गंभीर रूप से घायल हो गया है।वृद्ध प्रदर्शनकारियों को विशेष रूप से लक्षित किया गया है। कई लोगो को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है।
ज़िआद अबू यिन की हत्या इजराइल सरकार द्वारा पहले से ज़ारी हिंसा को बढ़ावा देने की नीति का हिस्सा है। एक तरफ बढ़ती आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता से प्रेरित होकर, और दुसरी और फिलिस्तीन राज्य को आज़ाद करने की व्यापक मांग के उठने से घबरा कर मौजूदा इसरायली प्रशासन ने कब्ज़े की मुहीम को तेज़ कर दिया है। निर्माण की वृद्धि की आवश्यकता, और कब्जा कर लिए गए क्षेत्रों से फिलिस्तीनियों के बड़े पैमाने पर विस्थापन के चलते पूर्वी जेरुसलम में जूदाइज़्म में बढ़ोतरी हुयी और इसकी वजह से पवित्र शहर में धार्मिक उत्तेजना बढ़ गयी है। राष्ट्र-राज्य बिल, दंडात्मक विध्वंश की बहाली और नकाब के बेदौइन्स में बड़े पैमाने पर बेदखली और अलगाव, इस परियोजना के विभिन्न पहलु हैं। ज़िआद अबू यिन इसका नया शिकार है।
(अनुवाद:महेश कुमार)
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