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‘’पोस्टल बैलेट में सपा को 304 सीटें’’। क्या रंग लाएगा अखिलेश का दावा?

उत्तर प्रदेश चुनावों में भाजपा ने एक बार फिर सत्ता में वापसी कर भले ही इतिहास रच दिया हो लेकिन सपा ने जो दावा किया है वो चौंकाने वाला है।
Akhilesh Yadav

सियासतदानों के लिए ‘हार’ जैसा शब्द बड़ा नासूर सा होता है। पूरे पांच साल ये खुद के होने का अहसास दिलाता रहता है। कुछ ऐसा ही एहसास इन दिनों उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के नेताओं को हो रहा होगा। क्योंकि तमाम प्रयासों, रैलियों, गठबंधनों और समीकरणों के बाद भी चुनावी नतीजों में उन्हें पांच साल का इंतज़ार मिला है।

ख़ैर... ज़मीनी मुद्दों को धराशाई करके रख देने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इतिहास रचा और सत्ता में वापसी कर ली। लेकिन अब कुछ दिनों बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक नया दावा कर मामले को ज़रा पेचीदा बना दिया है। अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया और पोस्टल बैलेट के ज़रिए सपा गठबंधन की भारी जीत का दावा कर दिया। अखिलेश ने ट्वीट किया कि--- ‘’पोस्टल बैलेट में सपा-गठबंधन को मिले 51.5% वोट व उनके हिसाब से 304 सीटों पर हुई सपा-गठबंधन की जीत चुनाव का सच बयान कर रही है। पोस्टल बैलेट डालने वाले हर उस सच्चे सरकारी कर्मी,शिक्षक और मतदाता का धन्यवाद जिसने पूरी ईमानदारी से हमें वोट दिया। सत्ताधारी याद रखें, छल से बल नहीं मिलता!’’

अखिलेश यादव के इस ट्वीट ने कई गंभीर सवाल तो खड़े ही किए साथ ही लोगों के मन में शंकाएं भी पैदा कर दी। वहीं अखिलेश यादव के बाद योगी कैबिनेट में मंत्री पद छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी की हार के लिए एक बार फिर ईवीएम में धांधली का आरोप लगाया है। फाजिलनगर में अपनी सीट जीतने में भी असफल रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि बैलेट पेपर की वोटिंग में समाजवादी पार्टी 300 से अधिक सीटों पर जीती, लेकिन ईवीएम में भाजपा की जीत हुई। उन्होंने दोनों में अंतर बताकर कहा कि कोई ना कोई बड़ा खेल हुआ है।

मौर्य ने ट्वीट किया कि--- ‘’बैलेट पेपर की वोटिंग में समाजवादी पार्टी 304 सीटों पर जीती है, जबकि भाजपा मात्र 99 पर। किंतु ईवीएम की गिनती में भाजपा चुनाव जीती, इसका मतलब है कोई न कोई बड़ा खेल हुआ है।‘’

सीएसडीएस का पोस्ट पोल सर्वे बताता है कि इस चुनाव में मुसलमानों ने लगभग एकतरफा सपा के पक्ष में मतदान किया। सपा को 5 साल पहले 46 फीसदी मुसलमानों ने वोट दिया था तो इस बार उसे अल्पसंख्यक समुदाय के 79 फीसदी वोट मिले। बसपा को 2017 में जहां 19 फीसदी मुस्लिम वोट मिले थे तो इस बार महज 6 फीसदी मुस्लिम हाथी के साथ रहे। भाजपा को भी 2 फीसदी अधिक मुस्लिम वोट मिले। भगवा दल को 5 साल पहले 6 फीसदी मुस्लिम वोट मिले तो इस बार 8 फीसदी अल्पसंख्यकों ने भाजपा में अपना भरोसा जताया।
इस मामले में जब सपा के प्रवक्ता अब्दुल हफीज़ गांधी से न्यूज़ क्लिक ने बातचीत की तो उन्होंने कहा--

हमारी पार्टी ने पोस्टल बैलेट से 304 सीटों पर जीत हासिल की है, इसका मतलब ये है कि प्रदेश की जनता समाजवादी पार्टी की सरकार चाहती थी। सरकारी कर्मचारियों ने हमपर विश्वास जताया है। लेकिन मतदान के वक्त और बाद में जिस तरह से ईवीएम बिना सुरक्षा के इधर-उधर घुमाए गए इससे साफ होता है कि भाजपा ईमानदारी से चुनाव नहीं जीत सकती। अब्दुल हफीज़ गांधी ने कहा कि ईवीएम के ज़रिए इस चुनाव में जनत लूटने का काम किया गया क्योंकि जब हमसे ज्यादा वितसित देशों ने ईवीएम पर विश्वास नहीं कर बैलेट पेपर से मतदान लागू किए तो हमारे देश में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है। हमारी मांग है कि ईवीएम हुई धांधली और जनता की आस्था के साथ हुए खिलवाड़ की निषपक्ष जांच होनी चाहिए। 

आपको याद होगा कि आखिरी चरण के चुनावों के बाद ईवीएम लेकर विपक्ष यूपी के कई जिलों में हंगामा कर रहा था। वाराणसी से शुरू हुआ बवाल बरेली, सोनभद्र, उन्नाव, मुरादाबाद समेत कई जिलों में पहुंचा था। इन हंगामों के बीच वाराणसी के जिला निर्वाचन अधिकारी ने एडीएम आपूर्ति नलिनी कांत सिंह को हटा दिया था। इसके अलावा सोनभद्र और बरेली में भी एसडीएम हटाए गए थे। चलिए देखते हैं कि कहां-कहां पकड़ी गई थीं ईवीएम...

• सोनभद्र में राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज लोढ़ी स्थित मतगणना स्थल के पास से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक वाहन से बैलेट पेपर बरामद किया। यह गाड़ी नायब तहसीलदार घोरावल की थी।

• मिर्जापुर में भी ईवीएम में छेड़छाड़ और अदला-बदली के आरोप लगाकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बथुआ स्थित पॉलिटेक्निक में बने स्ट्रांग रूम में रखे ईवीएम से बीप की आवाज़ आ रही थी।

• बहेड़ी में मतगणना स्थल पर कूड़े की गाड़ी में पोस्टल वैलेट मिले थे। इसके बाद सपा के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने आरओ और बहेड़ी की एसडीएम पारुल तरार को हटा दिया है।

• मुरादाबाद मंडी समिति में नगर निगम की गाड़ी में बैलेट पेपर छिपाकर ले जाने का आरोप लगाकर सपाइयों ने जमकर हंगामा किया। जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

• मथुरा में स्ट्रांग रूप में बिना आईडी कार्ड के घुस रहे शख्स को देखते ही सपा और बसपा के कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। यह देखते ही वहां तैनात सुरक्षाकर्मी के साथ पुलिस अधिकारी पहुंच गए। इसके बाद मामले का खुलासा हो सका।

• कानपुर के नौबस्ता गल्लामंडी में एक संदिग्ध व्यक्ति पर सुरक्षा घेरा तोड़कर अंदर घुसने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने जमकर हंगामा किया।

• खलीलाबाद तहसील में कार्यरत एक लेखपाल एचआरपीजी कॉलेज में बने मतगणना स्थल पर जा रहा था। अभी वह कॉलेज गेट के सामने पहुंचा ही था कि शक के आधार पर सपा नेता व पूर्व प्रमुख मनोज राय ने उसे रोक लिया। लेखपाल के पास मौजूद रजिस्टर की तलाशी ली तो रजिस्टर में दो बैलेट पेपर आरओ के हस्ताक्षर युक्त मिला।

ये घटनाएं होती हैं और जस की तस ही रहती हैं, दूसरी ओर पार्टियां सरकार में आकर सत्ता भी चलाने लगती हैं। लेकिन सोचने योग्य बात ये है कि इन छोटी-छोटी घटनाओं में कितने वोट छिपे हो सकते हैं जो शायद सत्ता का रुख बदल दें।

21 मार्च को विधायकों संग अखिलेश की बैठक यूपी की चुनावी हार के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक्टिव मोड में आते दिख रहे हैं। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव 21 मार्च 2022 को लखनऊ में पार्टी कार्यालय में सपा के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद समाजवादी पार्टी की सीटें बढ़ने और मत प्रतिशत में इजाफा होने पर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य की जनता का धन्यवाद किया था और कहा था कि हमने दिखा दिया है कि भारतीय जनता पार्टी की सीटों को घटाया जा सकता है।

सपा ने जारी किया ये आदेश

वहीं उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 111 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर रहने वाली समाजवादी पार्टी ने कार्यकर्ताओं को बीजेपी आईटी सेल से सतर्क रहने के लिए कहा है। साथ ही किसी भी किस्म के सुझाव के लिए सीधे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से संपर्क करने के लिए कहा गया है। इसके लिए अखिलेश की ईमेल आईडी जारी की गई है।

किसे कितनी सीटें मिलीं

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बीते विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत हासिल कर दूसरी बार सत्ता में वापसी की। बीजेपी गठबंधन को 273 सीटें मिली हैं। समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 125 सीटें मिली हैं। बसपा एक, कांग्रेस और जनसत्ता दल के उम्मीदवारों ने 2-2 सीटों पर जीत दर्ज की है। समाजवादी पार्टी ने 2017 में 52 सीटें जीती थीं।

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