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यूपी विधानमण्डल के दोनों सदनों में उठा अलीगढ़ लाठीचार्ज का मुद्दा

"अलीगढ़ में रविवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रही महिलाओं समेत प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।"
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लखनऊ : अलीगढ़ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर लाठीचार्ज के मुद्दे की गूंज सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानमण्डल के दोनों सदनों में सुनाई दी।

विधानसभा में जहां सपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया। वहीं, विधान परिषद में इसी विषय को लेकर विपक्षी सदस्यों के जोरदार हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सपा एवं विपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि अलीगढ़ में रविवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रही महिलाओं समेत प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि चौधरी हर बार एक ही मुद्दा उठाकर सदन का वक्त बर्बाद कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं कि इन विरोध प्रदर्शनों को कौन हवा दे रहा है और नए नागरिकता कानून से कौन प्रभावित हो रहा है।’’

चौधरी ने इस मुद्दे पर प्रश्नकाल के दौरान ही चर्चा कराने पर जोर देते हुए कहा कि वह जो मुद्दा उठा रहे हैं, वह रविवार की ही घटना से जुड़ा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि संसदीय कार्य मंत्री इस मुद्दे पर जवाब देने से बच रहे हैं।

मंत्री खन्ना ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सरकार के पास हर चीज का जवाब है और कानून—व्यवस्था उसकी पहली प्राथमिकता है।

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा के सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए।

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा की अगुवाई में कांग्रेस विधायक भी सरकार पर महिला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।

उधर, विधान परिषद में सपा सदस्य नरेश उत्तम ने प्रश्न प्रहर के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सदन का बाकी काम रोककर इस पर चर्चा कराने की मांग की।

उत्तम ने आरोप लगाया कि अलीगढ़ में महिलाओं पर अमानवीय व्यवहार और अत्याचार हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ धरना और प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, इसके बावजूद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया।

सपा सदस्य की बात को आगे बढ़ाते हुए नेता विपक्ष अहमद हसन ने भी सदन में इस विषय पर चर्चा कराने की मांग की।

सभापति रमेश यादव ने कहा कि यह प्रश्नकाल है। यह मामला शून्य प्रहर में भी उठाया जा सकता है। मगर सपा सदस्य नहीं माने और सदन के बीचोबीच आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। हंगामे के मद्देनजर सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

पुलिस के अनुसार रविवार को अलीगढ़ के अपर कोट क्षेत्र में महिलाओं को प्रदर्शन करने से रोकने पर भीड़ में से किसी ने पथराव शुरू कर दिया। उसके बाद स्थिति बिगड़ने लगी। भीड़ को तितर—बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबड़ की गोलियां चलाईं।

इस संघर्ष में पांच लोग घायल हो गए।

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