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बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

देश के 129 शहरों की सूची में पटना सबसे ज्यादा प्रदूषित है जिसका सूचकांक 365 पाया गया है। वहीं दूसरे स्थान पर बिहार का ही मुंगेर शहर है जिसका सूचकांक 358 पाया गया है।
air pollution
Image courtesy : India Today

बिहार की राजधानी पटना की हवा में कोई सुधार नहीं हो रहा है। बीते रविवार को भी पटना की वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही। देश के 129 शहरों की सूची में यह सबसे ज्यादा प्रदूषित है जिसका सूचकांक 365 पाया गया है। वहीं दूसरे स्थान पर बिहार का ही मुंगेर शहर है जिसका सूचकांक 358 पाया गया है। ज्ञात हो कि गत मार्च महीने में स्विस संगठन आईक्यूएयर की ओर से जारी2021 की वर्ल्‍ड एयर क्‍वालिटी रिपोर्ट में बिहार की राजधानी पटना दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से जारी हाल की रिपोर्ट के अनुसार पटना देश की राजधानी दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित है। ज्ञात हो कि इस रिपोर्ट में 342 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ सिंगरौली तीसरे स्थान पर रहा। जबकि देश की राजधानी दिल्ली का सूचकांक 261 रहा। बिहार के अन्य शहरों की बात करें तो मुजफ्फरपुर का सूचकांक 332, बिहारशरीफ का 309 और हाजीपुर का सूचकांक 290 रहा।

गांधी मैदान का वायु गुणवत्ता सूचकांक 500

रिपोर्ट के अनुसार बिहार की राजधानी पटना के शहरी क्षेत्र में छह प्रमुख स्थानों में गांधी मैदान क्षेत्र का अधिकतम सूचकांक 500 तक पहुंच गया जबकि अन्य क्षेत्रों में राजधानी वाटिका का सूचकांक 431, पटना सिटी का 358, एयरपोर्ट का सूचकांक 243 रहा। इन सभी क्षेत्रों में पीएम 10 और पीएम 2.5 यानी मोटे और महीन धूलकण की मात्रा मानक से चार गुना अधिक पाई गई है। रविवार को दिनभर तेज गर्मी के साथ-साथ तेज हवाओं के चलने के चलते शहर की हवा में धूलकण फैल गया जिससे लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया।

धूलकण के चलते ख़राब हुई हवा

पटना शहर के वायु प्रदूषण का मुख्य कारण सड़कों पर मौजूद धूलकण और नाला से निकला गाद है जिसे उड़ाही के बाद सड़कों के किनारे ही छोड़ दिया जाता है और सूखने के बाद धूल में बदल जाता है। तेज हवा के चलने से यह गंदगी हवा में फैल गई जिसके चलते हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गई है।

बिहार में वायु प्रदूषण

बिहार में वायु प्रदूषण की बात करें तो राजधानी पटना, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बिहार शरीफ और हाजीपुर के बाद समस्तीपुर रहा जहां का वायु सूचकांक 275 पाया गया है जबकि भागलपुर का 272, दरभंगा का 272, सहरसा का 262 और छपरा का 255 पाया गया है।

देश में शहरों का सूचकांक

वायु गुणवत्ता सूचकांक में देश के अन्य शहरों की बात की जाए तो सिगरौली का 342रहा जबकि दूर्गापुर का320, भीवाड़ी का 313, हापुड़ का 308, यूपी की राजधानी लखनऊ का 285, ग्रेटर नोएडा का 265, कानपुर का 123 और इंदौर का 122 पाया गया।

बता दें कि इसी साल मार्च महीने में स्विस संगठन आईक्यूएयर की ओर से जारी 2021 की वर्ल्‍ड एयर क्‍वालिटी रिपोर्ट में बिहार की राजधानी पटना दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल था। दुनिया की सबसे गंदी हवा बिहार के दो शहरों में पाई गई थी। विशेषज्ञों ने चेताया था कि अगर हालात नहीं संभले तो जल्‍द ही दो से चार शहर सबसे प्रदूषित हो जाएंगे और बिहार में स्वास्थ्य समस्या और जटिल हो जाएगी।

स्विस संगठन की रिपोर्ट में बिहार के दो शहर शामिल

स्विस संगठन आईक्यूएयर की ओर से पिछले महीने जारी की गई 2021 की वर्ल्‍ड एयर क्‍वालिटी रिपोर्ट के अनुसार बिहार में पटना और मुजफ्फरपुर दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल था। ये दोनों शहर 21वें और 27 वें स्थान पर हैं। पिछली रिपोर्ट में दोनों शहरों की रैंकिंग 28वीं और 32वीं थी। रिपोर्ट के अनुसार न केवल रैंकिंग में गिरावट आई है बल्कि पीएम2.5 (2.5 माइक्रोन से कम आर्टिक्यूलेट मैटर) में भी वृद्धि हुई है।

तेजी से बढ़ रहा पीएम 2.5

पीएम 2.5 का घनत्व वर्ष 2021 में 78.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी जो वर्ष 2020 के 68.4 प्रति घन मीटर की तुलना में 14.3 फीसदी वृद्धि हुई है। इसी तरह, वर्ष 2021 में मुजफ्फरपुर की पीएम 2.5 का घनत्व 82.9 प्रति घन मीटर थी, जो वर्ष 2020 में 74.3 प्रति घन मीटर थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि वर्ष 2021 में बिहार की राजधानी पटना में वायु प्रदूषण से अनुमानित 1,600 मौतें हुई थीं। सबसे प्रदूषित शहरों बिहार के दो शहरों का शामिल होना चिंता का विषय है। यह स्पष्ट संकेत है कि वायु प्रदूषण बिहार के लिए एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य की चिंता का विषय बन गया है। जिसपर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।

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