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उपचुनाव: मतदान की रफ़्तार धीमी, सपा का मतदान के दौरान धांधली का आरोप

देशभर में एक लोकसभा और 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। जिसमें उत्तरप्रदेश की मैनपुरी जैसी महत्वपूर्ण सीट भी शामिल है।
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फ़ोटो साभार: अमर उजाला

गुजरात विधानसभा चुनावों में दूसरे चरण के साथ आज देश में एक लोकसभा और 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। जिसमें एक लोकसभा यानी उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट पर दोपहर 1 बजे तक 31.64 प्रतिशत मतदान हो चुके हैं, इसके अलावा जबकि उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर 19.01 प्रतिशत और खतौली विधानसभा सीट पर 33.20 प्रतिशत वोट पड़ चुके है।

इसके अलावा बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट पर 37 प्रतिशत, ओडिशा की पदमपुर विधानसभा सीट पर 46.96 प्रतिशत, राजस्थान की सरदारशहर विधानसभा सीट पर 36.68 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ की भानुप्रताप विधनासभा सीट पर 50.83 प्रतिशत मतदान दर्ज किए जा चुके हैं।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है। जबकि बसपा और कांग्रेस ने इन उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं।

चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी ने अनेक स्थानों पर मतदान के दौरान धांधली का आरोप लगाया है। पार्टी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर निर्वाचन आयोग से शिकायत की है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस और प्रशासन पर मैनपुरी लोकसभा और रामपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान मतदाताओं को वोट डालने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग इससे जुड़ी शिकायतों को नजरअंदाज कर रहा है। अखिले ने मैनपुरी में कहा कि ‘‘आखिर पुलिस को क्या हिदायत दी गयी है? उनसे कहा गया है कि मैनपुरी में लोगों को मतदान से रोकें। रामपुर में भी प्रशासन लोगों को वोट नहीं डालने दे रहा। हर हथकंडा अपनाया जा रहा है, ताकि लोग वोट डालने के लिये बाहर ही न निकलें। भाजपा को पूरी छूट दी गयी है। वे शराब बांट रहे हैं और सपा को नुकसान पहुंचाने के लिये हर तरीका अपना रहे हैं।''

इसके अलावा सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ''मैनपुरी के जिलाधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं और उन्होंने अपना फोन किसी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को दे रखा है। आखिर कोई अधिकारी ऐसा कैसे कर सकता है। खासकर तब, जब चुनाव हो रहा हो।''

वहीं अखिलेश की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि सपा के तमाम इल्जाम झूठे हैं और उसे तीनों ही सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ेगा।

हालांकि दूसरी ओर भाजपा ने भी मैनपुरी में सपा पर मतदान को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने मैनपुरी विधानसभा के मतदान केंद्र संख्या 370 पर सपा के पक्ष में जबरन मतदान कराये जाने तथा कई अन्य केंद्रों पर मतदान को प्रभावित करने के भी आरोप लगाये।

फिलहाल आपको बता दें कि मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है। वहीं, रामपुर सदर विधानसभा सीट आजम खां को नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने और खतौली सीट भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है।

मैनपुरी लोकसभा और रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र अरसे से समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे हैं। लिहाजा उसके लिए यह उपचुनाव दूरगामी संदेश लेकर आएंगे।

हालांकि इन उपचुनावों का केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि दोनों ही जगह भाजपा के पास पूर्ण बहुमत से ज्यादा का संख्या बल है। मगर इन उपचुनाव में हार-जीत का मनोवैज्ञानिक असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है।

मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं। वहीं, भाजपा की तरफ से रघुराज सिंह शाक्य चुनाव लड़ रहे हैं। शाक्य कभी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के करीबी सहयोगी थे। इस साल के शुरू में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया था।

रामपुर सदर सीट पर आजम खां के करीबी आसिम राजा को सपा का प्रत्याशी बनाया गया है जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है। खतौली सीट पर निवर्तमान विधायक विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं जबकि सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने मदन भैया को प्रत्याशी बनाया है।

उत्तर प्रदेश के अलावा ओडिशा की पदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 319 केंद्र बनाए गए। यहां मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की ख़बर नहीं आई है, हालांकि सीईओ एस. के. लोहानी ने बताया कि चार मतदान केंद्रों पर ईवीएम में तकनीकी खराबी सामने आई, जिसके बाद उन्हें बदला गया। इस सीट पर 2.57 लाख से अधिक लोगों के पास मताधिकार है, जिनमें 12 लोग ट्रांसजेंडर समुदाय के हैं। आपको बता दें कि इस सीट से भाजपा ने पूर्व विधायक प्रदीप पुरोहित को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने सत्य भूषण साहू को उम्मीदवार बनाया है।

राजस्थान की सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र में 2.90 लाख के करीब मतदाता हैं, जिनके लिए 295 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इनमें निर्दलीय उम्मीदवार विजय पाल सिंह श्योराण,  भाजपा के अशोक कुमार,  मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सांवरमल मेघवाल,  इंडियन पीपल्स ग्रीन पार्टी के परमाना राम,  कांग्रेस के अनिल कुमार शर्मा,  राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के लालचंद और निर्दलीय सुभाष चंद्र, उमेश साहू, प्रेम सिंह एवं सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित शामिल हैं। आपको बता दें कि सरदारशहर सीट पर कांग्रेस का लंबे समय तक कब्जा रहा। ये सीट कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के निधन से खाली हुई है। शर्मा का नौ अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वे सात बार विधायक रहे।

छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में ज़बरदस्त वोटिंग हो रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते मतदान सिर्फ दोपहर 3 बजे तक ही कराया गया। यहां के 256 बूथों में से 99 नक्सल प्रभावित हैं। इसके चलते करीब छह हजार जवानों की तैनाती की गई है।

यह चुनाव मनोज मंडावी के निधन से खाली होने के कारण कराया जा रहा है। कांग्रेस ने जहां इस सीट पर स्वर्गीय मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा की ओर से ब्रह्मानंद नेताम को उम्मीदवार बनाया गया है।

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