न्यायालय ने दिव्यांगजनों के संबंध में दाखिल एक याचिका पर केन्द्र से मांगा जवाब
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र से उस यचिका पर सोमवार को जवाब मांगा जिसमें अनुरोध किया गया है कि दिव्यांग जनों को मिलने वाली सहायता, समान सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत अन्य लोगों को मिलने वाली सहायता की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक होनी चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़,न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने दिल्ली के संगठन ‘भूमिका ट्रस्ट’ द्वारा दायर याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा और मामले को चार सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
पीठ ने साथ ही अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एश्वर्य भाटी से इस मामले में उच्चतम न्यायालय का सहयोग करने का अनुरोध किया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 24 (1) के नियम को आधार बनाया है ।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 24 सामाजिक सुरक्षा से संबंधित है।
संगठन के अध्यक्ष जयंत सिंह राघव ने पीठ को बताया कि अधिनियम की धारा 24 (1) के नियम के अनुसार समान सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत दिव्यांग व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली सहायता अन्य लोगों की तुलना में 25 प्रतिशत अतिरिक्त होनी चाहिए।
पीठ ने कहा,‘‘ कौन सी योजनाएं हैं जिनके संदर्भ में आप 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुरोध कर रहे हैं।’’ इस पर राघव ने विभिन्न राज्यों द्वारा दी जा रही दिव्यांगजन पेंशन का जिक्र किया।
पीठ ने कहा, ‘‘ फिलहाल सभी राज्यों को नोटिस जारी करने के बजाय हम केवल भारत संघ को नोटिस जारी करेंगे और फिर देखते हैं कि केंद्र सरकार क्या जवाब देती है।’’
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