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दिल्ली: पिछले तीन महीने में भेजे गए नमूनों में से 80 फीसदी में वायरस का डेल्टा स्वरूप पाया गया

महाराष्ट्र में ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के डेल्टा प्लस स्वरूप के कुल 45 मामले सामने आए हैं।
कोरोना

नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा पिछले तीन महीने में जीनोम श्रृंखला के लिए भेजे गए नमूनों में कम से कम 80 फीसदी में वायरस का डेल्टा स्वरूप पाया गया। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की एक बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में जुलाई में जीनोम श्रृंखला के लिए भेजे गए नमूनों में से 83.3 फीसदी में, जून में भेजे गए नमूनों में से 88.6 में, जबकि मई में भेजे गए नमूनों में 81.7 फीसदी में वायरस के डेल्टा स्वरूप की पहचान की गई।

आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में भेजे गए नमूनों में से 53.9 फीसदी में यह स्वरूप पाया गया था।

महाराष्ट्र में अब तक कोविड-19 के डेल्टा प्लस स्वरूप के 45 मामले सामने आए

मुंबई: महाराष्ट्र में ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के डेल्टा प्लस स्वरूप के कुल 45 मामले सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को यह जानकारी दी गई। विभाग ने कहा कि डेल्टा प्लस प्रकार से संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।

उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव में ऐसे 13 जबकि तटीय कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी में 11 मरीज सामने आए हैं। विभाग ने एक बयान में कहा, “जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 80 प्रतिशत नमूनों में (कोरोना वायरस के) डेल्टा प्लस स्वरूप के संक्रमण की पुष्टि हुई। 45 मरीजों में से जलगांव से 13, रत्नागिरी से 11, मुंबई से छह, ठाणे से पांच, पुणे से तीन और पालघर, सिंधुदुर्ग, सांगली, नंदुरबार, औरंगाबाद, कोल्हापुर और बीड से एक-एक हैं।”

बयान में कहा गया कि इन 45 नमूनों में से 35 मरीजों के बारे में विभाग ने सूचना प्राप्त की है। एक मरीज की मौत हो गई जबकि बाकी मरीजों में हल्के और मध्यम लक्षण सामने आए हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए नमूनों की सटीक संख्या और समय के बारे में नहीं बताया गया।

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