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दिल्ली एमसीडी : महापौर का चुनाव जल्द कराने वाली 'आप' की याचिका पर एससी में सुनवाई

यह याचिका 'आप' की महापौर उम्मीदवार शैली ओबेराय और अन्य लोगों की तरफ] से दाख़िल की गई है।
supreme court
फ़ोटो साभार: PTI

उच्चतम न्यायालय दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के महापौर का चुनाव कराने का आग्रह करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने के लिए राजी हो गया। यह याचिका आप की महापौर उम्मीदवार शैली ओबेराय और अन्य लोगों की तरफ से दाखिल की गई है।

इस याचिका में एमसीडी के महापौर का चुनाव जल्द कराने का आग्रह किया गया है। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने आप की ओर से पेश एक अधिवक्ता की उस दलील का संज्ञान लिया, जिसमें याचिका पर तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया गया।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इसे कल के लिए सूचीबद्ध करेंगे।’ इससे पहले सोमवार को एमसीडी सदन हंगामे के कारण तीसरी बार भी महापौर का चुनाव करने में नाकाम रहा। यह हंगामा पीठासीन अधिकारी के यह कहने के बाद हुआ कि उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत किये गए ‘एल्डरमैन’ भी चुनाव में मतदान करेंगे।

इसके बाद आप के आक्रोशित नेताओं ने कहा कि वे उच्चतम न्यायालय जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आप, दोनों ही दल एक दूसरे पर महापौर चुनाव में बाधा डालने का आरोप लगा रहे हैं। विवाद का मुख्य विषय ‘एल्डरमैन’ के मतदान के अधिकार को लेकर है।

दो सौ पचास सदस्यीय सदन में 134 सीट पर जीत के साथ बहुमत हासिल करने वाली आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा मनोनीत सदस्यों को मताधिकार प्रदान करके उसे मिले जनादेश की चोरी करने की कोशिश कर रही है।

बता दें कि महापौर के चुनाव के लिए दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक गत सोमवार को बुलाई गई थी लेकिन हंगामे के बाद इसे रद्द कर दिया गया। हंगामे के कारण सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। बता दें कि महापौर चुनने की लगातार तीन कोशिशें भी नाकाम हो चुकी हैं।

दिल्ली नगर निगम सदन में पीठासीन अधिकारी के महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने पर हुए हंगामे के बाद सोमवार को एक बार फिर महापौर का चुनाव नहीं हो पाया था और कार्यवाही अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की कार्यवाही सोमवार को आधे घंटे की देरी के बाद पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई थी। इसके तुरंत बाद ही शर्मा ने घोषणा की थी कि महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव एक-साथ होंगे।

इस घोषणा के बाद ‘आप’ के पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। पार्टी के नेता मुकेश गोयल ने कहा था कि ‘एल्डरमैन’ वोट नहीं दे सकते।

सदन से बाहर आने के बाद ‘आप’ की नेता आतिशी ने कहा था कि, ‘‘ हम उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे और आज ही याचिका दायर करेंगे ताकि अदालत की निगरानी में महापौर पद के लिए चुनाव हो सके।’’

ज्ञात हो कि दिल्ली नगर निगम का गठन अप्रैल 1958 में हुआ था और उसके महापौर के पास 2012 तक प्रभावशाली शक्तियां थीं। वर्ष 2012 में निगम का तीन अलग-अलग नगर निगमों में विभाजन हुआ और प्रत्येक निगम का अपना महापौर बना, लेकिन 2022 में केंद्र ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का विलय कर दिया गया। हालांकि इसमें वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गयी।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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