Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

दिल्ली: OPS लागू करने की मांग को लेकर 1 अक्टूबर को महारैली, जुटेंगे लाखों कर्मचारी !

इस रैली को पेंशन शंखनाद महारौली का नाम दिया गया है। इस रैली को देश के किसान और अन्य मज़दूर संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है।
OPS protest
फाइल फ़ोटो। PTI

देशभर में कर्मचारी पुरानी पेंशन को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में 1 अक्टूबर 2023 को नेशनल मूमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के बैनर तले देशभर से लाखों कर्मचारियों के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। ये रैली दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में होनी है। इस रैली को पेंशन शंखनाद महारौली का नाम दिया गया है। इस रैली को देश के किसान और अन्य मजदूर संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है।

संयुक्त किसान मोर्चा और अखिल भारतीय किसान महासभा (राष्ट्रीय घटक संयुक्त किसान मोर्चा) ने 1 अक्टूबर 2023 को पुरानी पेंशन स्कीम की मांग पर दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कर्मचारियों की रैली को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि किसान महासभा और संयुक्त किसान मोर्चा देश में चल रही निजीकरण, कॉर्पोरेटीकरण, छटनी और न्यू पेंशन स्कीम के जरिये देश के कर्मचारियों पर किए जा रहे सत्ता के हमलों का डट कर विरोध करता है।

उन्होंने कहा कि "भाजपा जब भी सत्ता में आती है, हमेशा कर्मचारी विरोधी, किसान-मजदूर विरोधी फैसले लेती है। भाजपा के नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम खत्म कर उनके भविष्य को असुरक्षित बनाया। उसी वाजपेयी सरकार ने कृषि और लघु उद्योगों के उत्पादों के आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटाकर देश के किसानों और स्मॉल स्केल इंडस्ट्री की भी कमर तोड़ दी। इसका नतीजा हुआ कि भारत में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली खेती घाटे का सौदा बन गई और छोटे उद्योग धंधे बड़े पैमाने पर बर्बाद हो गए।"

किसान नेता पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि आज मोदी सरकार एक तरफ सरकारी व सार्वजनिक संस्थानों व संपत्तियों को कौड़ी के भाव अपने चहेते कॉर्पोरेट को लूटा रही है, दूसरी ओर खेती, अन्न के भंडारण और खुदरा बाजार पर भी कॉर्पोरेट को कब्जा कराती जा रही है। उन्होंने कहा ऐसी स्थिति में कर्मचारियों, मजदूरों, किसानों की व्यापक एकता आज भारत की सबसे बड़ी जरूरत है। इस देश को बनाने, उत्पादन करने और चलाने वाले हम तीनों तबकों की एकता के बल पर ही अब देश को एक नए रास्ते पर ले जाया जा सकता है। अभी 5 राज्यों के चुनाव और 2024 का लोकसभा चुनाव आ रहा है। इस कर्मचारी, किसान, मजदूर विरोधी सरकार से बदला लेने का संकल्प लेकर यहां से जाना है।

किसान नेता श्री शर्मा ने कहा देश की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने मिल कर देशव्यापी आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है। हमारी यह व्यापक एकता हमारी जीत का मार्ग अवश्य प्रशस्त करेगी। बीते दिनों प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी डीआरएम ऑफिस, लहरतारा से लोकतांत्रिक तरीके से पुरानी पेंशन बहाल करो, जो पुरानी पेंशन बहाल करेगा, वही देश में राज करेगा, इत्यादि नारो के साथ हजारों रेलवे कर्मचारियों ने एनपीएस व निजीकरण के खिलाफ मशाल जुलूस, वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन तक निकाला।

फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे/एनएमओपीएस के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र पाल ने कहा कि एनपीएस व निजीकरण/निगमीकरण के खिलाफ जारी हमारा संघर्ष पुरानी पेंशन बहाली व जनता की सवारी भारतीय रेलवे के निजीकरण/निगमीकरण का पूरी तरह से समाप्ति तक जारी रहेगा। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय आह्वान पर 1 अक्टूबर 2023 को रामलीला मैदान, नई दिल्ली में होने वाली पेंशन शंखनाद रैली में वाराणसी से पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे और बनारस रेल कारखाने से हजारों रेलवे कर्मचारी शामिल होंगे। आज के मशाल जुलूस में रेलवे में कार्यरत सभी कटेरिगल एसोसिएशन से जुड़े हजारों रेलवे कर्मचारियों की भागीदारी इस बात का प्रमाण है।

नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे के राष्ट्रीय प्रचार सचिव व एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो यात्रा के सहयात्री डॉ कमल उसरी ने कहा कि एनपीएस व निजीकरण भारत छोड़ो यात्रा जो 1 जून 2023 गांधी आश्रम, भितरहवा, चंपारण बिहार से शुरू होकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, नई दिल्ली, राजघाट पर 18 हजार किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए 28 जून 2023 को पहला चरण पूरा की है। एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो यात्रा को देश भर में मिले अपार जनसमर्थन ने ओपीएस को खत्म कराने के गुनहगार, एनपीएस के ट्रस्टी रेलवे में मान्यता प्राप्त यूनियनों को पूरी तरह से बेकनाब कर दिया है।

आज पेंशनविहीन सरकारी कर्मचारी यूनियनों/ संगठनों के दबाव से मुक्त होकर स्वयं के विवेक से क्रांतिकारी पहलकदमी लेते हुए फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे/एनएमओपीएस द्वारा जारी पुरानी पेंशन बहाली के संघर्ष में हजारों- लाखों की संख्या में जगह जगह भागीदारी कर रहा है।

डॉ कमल उसरी ने कहा ओडिशा के बालासोर में हुए रेल दुर्घटना का मुख्य कारण रेलवे का अंधाधुंध तरीके से हो रहा निजीकरण और रेलवे में लाखों कुशल और प्रशिक्षित रेलवे कर्मचारियों की कमी है। वर्तमान केंद्र सरकार अमीरों का लाभ और गरीबों का विनाश करते हुए पैसेंजर ट्रेन का किराया एक्सप्रेस का कर दी है, वहीं वंदे भारत समेत सभी ट्रेनों के एसी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव श्रेणी के किराए में 25% तक कटौती कर रही है। आम-आवाम की भागीदारी व सहयोग से रेलवे के निजीकरण और रेलवे यात्रियों की सुविधाओं में हो कटौती के रोका जायेगा।

एनई रेलवे मेंस कांग्रेस- ज़ोनल अध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने कहा कि आज सरकारी कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा पुरानी पेंशन बहाली है। 2024 लोक सभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन बहाली कराना हमारा लक्ष्य है।

NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने न्यूजक्लिक से बातचीत में इस रैली की तैयारी को लेकर कहा कि इस रैली में कितने लोग आएंगे इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है क्योंकि ये अब एक जन आंदोलन बन चुका है और देशभर से लोग स्वंय इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। इससे पहले जब हमारा संगठन इतना मजबूत नहीं था तब भी हमने एक लाख से अधिक कर्मचारियों के साथ दिल्ली में रैली की थी। इस बार तो ये संख्या और बढ़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा अगर सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती तो कर्मचारी वोट फॉर OPS करेगा जो हमारी पेंशन को लागू करेगा हम उसका साथ देंगे।

इसे भी देखें : 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest