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दिल्ली : ओला-ऊबर के किराए और पेनिक बटन-की के खिलाफ टैक्सी ड्राइवरों की भूख हड़ताल

दिल्ली सरकार की ड्राइवर विरोधी नीतियों के खिलाफ और टैक्सी बस मालिकों और ओला-ऊबर के ड्राइवरों की काफी लम्बे समय से लंबित माँगों को पूरा कराने के लिए, ड्राइवर और मालिक 21 दिसंबर को जंतर मंतर पर एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे।
दिल्ली : ओला-ऊबर के किराए और पेनिक बटन-की के खिलाफ टैक्सी ड्राइवरों की भूख हड़ताल

मंगलवार 21 दिसंबर 2021 को दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट और ओला ऊबर ड्राइवर ने जंतर मंतर पर दिल्ली सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ एक दिन का सांकेतिक भूख हड़ताल की। इस भूख हड़ताल में दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टस एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट और सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ऑफ़ दिल्ली के अध्यक्ष श्री कमल जीत गिल ने अन्य लोगो के साथ भूख हड़ताल पर बैठकर अपना विरोध दर्ज कराया।

इसके साथ ही टैक्सी एसोसिएशन ने अपना ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल को दिया।

ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने टैक्सी बस मालिकों और ओला उबेर के चालकों की काफी लम्बे समय से लंबित मांगो को पूरा कराने के लिए ये भूख हड़ताल की गई है।

संजय सम्राट का कहना है कि दिल्ली परिवहन विभाग के 500 रुपए के आदेश के बावजूद आज भी स्पीड गवर्नर के प्राइवेट वेंडर और दिल्ली परिवहन विभाग से पंजीकृत कार बनाने वाली कम्पनी के शोरूम वाले टैक्सी मालिकों से 2500 रुपए ले रहे हैं। पैनिक बटन का कोई कॉल सेंटर नहीं है, ना ही वो कुछ काम करता फिर भी 9000 रुपये टैक्सी मालिकों को दिल्ली परिवहन विभाग को देने पड़ते हैं ये एक तरह से महिला सुरक्षा पर भी खिलवाड़ हैं।

संजय सम्राट का कहना हैं कि दिल्ली सरकार डीजल टैक्सियों को कबाड़ा बनाने पर तुली है। पूरे देश में ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की डीजल टैक्सियों को 10 साल की वैधता है पर दिल्ली में हमारी डीजल टैक्सियों का परमिट 5 साल के बाद नवीकरण नहीं किया जा रहा है। हम टैक्सी मालिक वैसे ही करोना महामारी से पीड़ित हैं।

एसोसिएशन ने ये भी मांग की कि दिल्ली की सारी गाड़ियों को 2 साल की वैधता और दी जाए क्योंकि कोरोना महामारी ने सब दिल्लीवासियो की आर्थिक कमर तोड़ दी है।

प्रदर्शनकारियों ने डीजल पर वैट कम करने की भी मांग की है।

सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ऑफ़ दिल्ली के अध्यक्ष कमलजीत गिल का कहना है कि ओला ऊबर के चालकों को इन कम्पनी ने गुलाम बना दिया है हमारे चालकों से ये 25% कमीशन लेती हैं और चालकों का लगातार शोषण कर रहीं है उन्होंने मांग की ओला ऊबर का किराया दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित किया जाए।

ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने ये भी मांग की है कि दिल्ली मे कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों और आल इंडिया टूरिस्ट परमिट डीजल बसों और टेम्पो ट्रैवेलर की वैधता 2 साल और बड़ाई जाये।

इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों की अन्य मुख्य माँगें इस प्रकार हैं-

-दिल्ली में डीजल की यूरो 6 टैक्सी बसों का रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाए

-स्पीड गवर्नर और पैनिक बटन घोटाले की जांच सीबीआई द्वारा की करवाई जाए

-DIMTS द्वारा हर साल जीपीएस के नाम पर लेनी वाली फीस बंद की जाये

अंत में दोनों एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि अगर सरकार हमारी माँगें जल्दी नहीं मानी गईं तो हम दिल्ली में चक्का जाम करेंगे।

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