बनारस में किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज के ख़िलाफ़ प्रदर्शन, प्रतिरोध सभा में न्यायिक जांच प्रस्ताव पास
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ट्रांसपोर्टनगर योजना से प्रभावित किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में बड़ी तादाद में जुटे किसानों ने प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के बैरवन गांव के बगीचे में आयोजित प्रतिरोध सभा में किसानों ने गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग की। पुलिसिया दमन के खिलाफ न्यायिक जांच का प्रस्ताव पारित किया गया।
भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप के बावजूद बैरवन गांव के बगीचे में किसानों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। पुलिसिया दमन के खिलाफ किसानों ने जमकर नारेबाजी की तो विपक्षी दलों के नेताओं ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला। 16 मई 2023 को ट्रांसपोर्टनगर योजना से प्रभावित किसानों के खेतों में किसानों की खड़ी फसलों को रौंदे जाने पर पुलिस और किसानों के बीच तीखी झड़प हुई थी। बाद में पुलिस के जवानों ने निर्दोष किसानों पर जमकर लाठीचार्ज किया। इस घटना के बाद पुलिस ने बैरवन गांव में पहुंचकर तांडव मचाया। आधी रात में महिलाओं पर जोर-जुल्म ढाया गया। इस बीच करीब एक दर्जन किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रांसपोर्टनगर योजना रोहनिया विधानसभा क्षेत्र में है। विधानसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व बीजेपी समर्थक अपना दल के विधायक डॉ.सुनील पटेल करते हैं तो संसद में पीएम नरेंद्र मोदी।
ट्रांसपोर्टनगर योजना से प्रभावित किसानों पर पुलिसिया अत्याचार और जुल्म-ज्यादती के खिलाफ बनारस के किसान गुस्से में हैं। आरोप है कि पटेल समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर पुलिस ने लाठियां तोड़ी। पुलिसिया दमन के खिलाफ किसानों ने न्यायिक जांच और गिरफ्तार किए निर्दोष किसानों की रिहाई की मांग उठाई गई। मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के संरक्षक किसान नेता विनय शंकर राय "मुन्ना" ने न्यायिक जांच की मांग का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। इसके लिए शासन और प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया। पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई और वाराणसी विकास प्राधिकरण की तानाशाही रवैये के खिलाफ किसान खूब गरजे।
प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय महासचिव एवं इलाहाबाद के सिराथु की विधायक पल्लवी पटेल कहा, "बीजेपी सरकार कमेरा समाज की जमीनें लूट रही है। भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 का उल्लंघन कर वह किसानों के हक-हकूक पर डाका डाल रही है। किसानों की उपजाऊ जमीन लूटकर गुजरात के लोगों को कौड़ियों के दाम पर दिया जा रहा है। ट्रांसपोर्टनगर योजना को वापस लेने की तैयारी की जा रही थी, तभी सरकार ने भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी। जिन किसानों को अभी तक मुआवजा भी नहीं मिला था उनकी जमीनों पर खड़ी फसलों को बुल्डोजर से रौंदा गया। प्रतिरोध करने पर हथियारबंद पुलिस के जवानों ने किसानों पर लाठियां तोड़ी। बाद में रात में बैरवन गांव में पहुंची पुलिस ने मां, बहनों और बेटियों की इज्जत व आबरू पर डाका डाला। इस मुद्दे को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष किया जाएगा। पुलिस के शर्मानाक कृत्य के बावजूद बीजेपी सरकार ने दोषी पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ जांच व दंडात्मक कार्रवाई नहीं की। बीजेपी सरकार कमेरा समाज को अपना दुश्मन मानती है। उसकी नीति और नीयत दोनों किसानों के खिलाफ है।"
कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र में किसानों का दमन जुल्म-ज्यादती की सीमा को तोड़ता जा रहा है। इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सरकार की चुप्पी से यह बात प्रमाणित होती है कि उसकी चुप्पी से ही किसानों का दमन किया जा रहा है।" विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने कहा, "यूपी विधान परिषद के अगले सत्र में मोहनसराय ट्रांसपोर्टनगर योजना से प्रभावित किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया जाएगा। साथ ही समूचे मामले की न्यायिक जांच की मांग उठाई जाएगी। हम चाहते हैं कि लाठीचार्ज की घटना की जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट के किसी जज के नेतृत्व में कराई जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो समूचा विपक्ष सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगा।
सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव "लक्कड" ने किसानों में जोश भरते हुए कहा, "भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 की मांग करना अगर किसानों का अपराध है तो हम सभी अपराधी हैं।" कांग्रेस के प्रवक्ता संजीव सिंह ने कहा, "17 मई 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसले की तारीख तय थी। इससे एक दिन पहले ही 16 मई 2023 को बुल्डोजर लगाकर दमनात्मक तरीके से किसानों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश की गई। किसानों पर जुल्म-ज्यादती सहन नहीं किया जाएगा।"
किसान प्रतिरोध सभा की अध्यक्षता गांधीवादी नेता रामधीरज और संचालन गगन प्रकाश यादव ने किया। इससे पहले लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल राधा देवी, सुनीता पटेल, उर्मिला देवी, जगरानी देवी, पूनम पटेल, साधना पटेल, वर्षा पटेल, शकुन्तला देवी, अनीता पटेल, छेदी पटेल, कल्लू पटेल, प्यारे पटेल, राहुल पटेल, संजय पटेल ने भरी सभा में अपने ऊपर हुए पुलिसिया अत्याचार की कहानी सुनाई।
किसानों की प्रतिरोध सभा में पूर्व विधायक सुरेंद्र पटेल, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, अपना दल (कमेरावादी) के जिलाध्यक्ष दिलीप पटेल, किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पटेल, पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज पटेल समेत बड़ी संख्या में किसानों ने हुंकार भरी। किसानों ने गिरफ्तार किसानों की रिहाई और जुल्म-ज्यादती के पर्याय बने पुलिस अफसरों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग उठाई।
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