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भोपाल में कोरोना से पहली मौत, मप्र में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हुई

एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमित एक मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गयी है। कोविड-19 महामारी से भोपाल में यह पहली मौत हुई है।
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Image courtesy: India Today

भोपाल: भोपाल में 52 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत के साथ ही मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 14 पर पहुंच गयी है।

एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमित एक मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गयी है। कोविड-19 महामारी से भोपाल में यह पहली मौत हुई है।

जिला कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने बताया कि यह व्यक्ति हाल ही में कोरोना वायरस की जांच में संक्रमित पाया गया था और उसकी भोपाल के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान रविवार देर रात को मौत हो गयी।

निजी अस्पताल के डॉक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि मृतक व्यक्ति थोक सब्जी बाजार में चौकीदार का काम करता था। वह लम्बे समय से अस्थमा की बीमारी से भी पीड़ित था।

प्रदेश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 पर पहुंच गयी है। इनमें इन्दौर के नौ, उज्जैन के दो और भोपाल, खरगोन और छिंदवाड़ा के एक-एक मरीज शामिल हैं।

भोपाल में दूध, दवाइयों की दुकानों को छोड़कर पूरी तरह से बंद
 
भोपाल में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इंदौर की तर्ज पर कल, 5 अप्रैल की रात 12 बजे से दूध एवं दवाइयों की दुकानों को छोड़कर पूरी तरह से बंद घोषित कर दिया गया है।

वर्तमान में चल रहे लॉकडाउन की प्रक्रिया को और सख्त करने के संबंध में भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने आदेश जारी कर दिया है।

आदेश में कहा गया है, ''टोटल लॉकडाउन में दूध एवं दवाइयों की दुकानों को छोड़कर शेष समस्त प्रकार की दुकानें आगामी आदेश तक बंद रहेंगी। आम आदमी को सिर्फ निकटतम दूध और दवाई की दुकान तक अकेले जाने हेतु अनुमति रहेगी।''

इसमें कहा गया है कि उपरोक्त स्थिति में नगर निगम द्वारा खाना वितरण प्रणाली एवं केवल होम डिलेवरी प्रणाली चालू रहेगी। यह आदेश रात्रि :पांच अप्रैल: 12 बजे से आगामी ओदश तक लागू रहेगा।

इसी बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को एम्स भोपाल के डॉयरेक्टर, मेडिसिन विभाग के प्रमुख तथा कोविड 19 के स्टेट टेक्निकल एडवाइजर से चर्चा कर कोरोना वायरस की स्थिति एवं चिकित्सा व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

एम्स के निदेशक प्रोफेसर सरमन सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया, ''भोपाल के सभी मरीजों की हालत अच्छी है। भोपाल में कम्युनिटी स्प्रेड जैसी कोई स्थिति नहीं है।''

एम्स के चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष रजनीश जोशी तथा स्टेट टेक्निकल एडवाइजर कोविड-19 लोकेंद्र दवे ने मुख्यमंत्री को इलाज की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी दी।

एम्स के निदेशक सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना के इलाज की दृष्टि से भोपाल में चिरायु, हमीदिया, जे.के., एम्स एवं जेपी अस्पतालों को क्षेत्रवार पूल किया जा रहा है। इससे आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को वहीं चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी। ऐसे प्रबंध किए जा रहे हैं, जिससे आवश्यकता होने पर जिस अस्पताल में इलाज हो रहा हो, वहीं मरीज के लिए आईसीयू की व्यवस्था हो सके।

मुख्यमंत्री ने मेडिकल टीम को निर्देश दिए,‘‘ कोरोना के जितने भी सैंपल लिए जा रहे हैं, उनका ट्रैक रिकॉर्ड रखा जाए। एम्स में भर्ती दो मरीजों (एक पुलिसकर्मी सहित) के साथ-साथ सभी मरीजों का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे वे जल्दी से जल्दी स्वस्थ हों। दिन-रात दूसरों की जान बचाने के कार्य में लगे हमारे कोरोना योद्धाओं का हमें पूरा ध्यान रखना है। हमें हर हालत में कोरोना को हराना है।’’

चौहान ने कहा कि पृथकवास में रखे गए व्यक्तियों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये प्रयास करना चाहिए।

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