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मथुरा: गौ-रक्षा के नाम पर फिर हमले हुए तेज़, पुलिस पर भी पीड़ितों को ही परेशान करने का आरोप, कई परिवारों ने छोड़े घर

मथुरा के जैंत क्षेत्र में कुछ हिंदुत्ववादियों ने एक टैंपो चालक को गोवंश का मांस ले जाने के शक में बेरहमी से पीटा। इसके अलावा मनोहरपुरा सेल्टर हाउस इलाके में आए दिन काफ़ी लोग बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर आते हैं तथा गोकशी के नाम पर मुसलमानों को परेशान करते हैं।
Mathura
पुलिस और गौ-रक्षकों से तंग आकर घर छोड़कर चले गए हैं कई मुस्लिम परिवार

उत्तर प्रदेश में फिर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनने के बाद से हिंदुत्ववादियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं। हिंदुत्ववादी गाय के नाम पर लगातार लोगों को परेशान कर रहें हैं।

बात अगर मथुरा नगरी की ही करें तो पहला मामला थाना जैंत क्षेत्र के राल गांव का हैं जहां पर कुछ हिंदुत्ववादियों ने एक टैंपो चालक को गोवंश का मांस ले जाने के शक में बेरहमी से पीटा। इस घटना की एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है। वीडियो में कुछ लोग ड्राइवर आमिर को नंगा करके चमड़े की बेल्ट से बेरहमी से पीट रहे हैं तथा पीड़ित रहम की भीख मांग रहा है।

मथुरा के एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह ने इस मामले पर अपना बयान ज़ारी करते हुए कहा है “प्राथमिक जांच में सामने आया है कि उस गाड़ी में कोई भी गोवंश या गोमांस नहीं था। पीड़ित लोगों की शिकायत पर 16 लोगों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज़ की गई है।”

दूसरा मामला मनोहरपुरा सेल्टर हाउस इलाके का है। आरोप है कि यहां पर आए दिन बजरंग दल के लोग काफ़ी संख्या में एकत्रित होकर आते हैं तथा गोकशी के नाम पर मुसलमानों को परेशान करते हैं। लोगों का आरोप हैं कि पुलिस भी उन्हें ही परेशान करती हैं जिसके कारण इलाक़े के लोग खौफ में हैं तथा कई लोग घरों में ताले लगाकर परिवार सहित पलायन कर गए हैं।

लोगों के अन्दर दहशत इतनी ज्यादा है कि कोई भी कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ लोगों ने नाम और पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि 13 मार्च को इतवार के दिन सुबह साढ़े 5 बजे के आस पास 15-16 बजरंग दल वाले लाठी डंडे लेकर आए और हमको गाली दी, दरवाजों में धक्का मारा, हमने कहा भाई हमारे यहां अब मांस का काम नहीं होता, हम खुद परेशान हैं। हमने उनको जाने के लिए कहा तो उन्होंने हम पर पथराव किया। पुलिस वाले भी आते हैं तो घरों में घुस जाते हैं यहां पर पुलिस और बजरंग दल दोनों का गुंडा राज चल रहा हैं।

एक अन्य महिला ने बताया “बजरंग दल वाले हमारे यहां आकर हमको परेशान करते हैं, वे मुँह पर कपड़ा बांधकर आते हैं और गंदी-गंदी गाली देते हैं दरवाज़े तोड़ते हैं, बहुत परेशान करते हैं। हम इंसाफ़ चाहते हैं। हमारे यहां मीट का काम भी नहीं हो रहा है फिर भी वे हमें परेशान करते हैं। पुलिस वाले भी आते हैं वह भी हमको ही परेशान करते हैं। पुलिस भी बजरंग दल वालों की सुनती है हमारी नहीं सुनती है। पुलिस वालों के डर से हम लोग रात को घरों के ताले लगाकर चले जाते हैं। पुलिस वाले हमारे नाबालिग बच्चों को उठा लेते हैं। हममें से 70-80 लोग घर छोड़कर अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं, हम लोग बहुत परेशान हैं।

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पास ही बैठे एक बुजुर्ग बताते हैं "यहां के लोग मीट का काम करते थे इसको प्रशासन ने बंद करवा दिया। कोई और काम इनको आता नहीं हैं। सन 1998 में कोर्ट ने ऑर्डर दिया था कि इन लोगों का कट्टी खाना बना दिया जाए। और अगर कट्टी खाना यहां नहीं बनता हैं तो किसी दूसरी जगह बना दिया जाए। और जब तक कट्टी खाना नहीं बनता हैं तब तक इन लोगों को अन्य रोजगार मुहैया कराए जाएं। जब तक दूसरे रोज़गार ना मिलें तब तक बेरोज़गारी भत्ता दिया जाए। ताकि यह लोग अपना गुजर बसर कर सकें। कोर्ट तो ऑर्डर करता है लेकिन अमल में कुछ भी नहीं आ पाता है। हम लोग रोज़ी रोटी से तो जूझते ही हैं अशांति का माहौल बनने से और ज्यादा परेशानी होती हैं। हमें बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा हैं कम से कम इतना तो हो कि हमारे दिलों का डर दूर हो। लोग अपने घरों पर तो आकर सोएँ।

इस मामले में जब कोतवाली थाना इंचार्ज से बात की तो उन्होंने कहा कि बजरंग दल वालों को मनोहरपुरा में गोकशी की सूचना मिली थी जिसके बाद वह लोग पुलिस को सूचित करके वहां पहुंचे थे। बजरंग दल वाले पुलिस से पहले पहुंच गए थे इसलिए इलाक़े के लोगों ने उन पर हमला कर दिया। इसलिए इस मामले में बजरंग दल वालों के ऊपर कोई एफआईआर दर्ज़ नहीं हुई हैं क्योंकि उनकी पिटाई हुई है। इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया।

इस मामले में जब भाजपा विधायक श्रीकांत शर्मा से बात करने की कोशिश की तो उनके पीए ने फोन उठाया। उनको घटना की सारी जानकारी दी गईं। उसके बाद उन्होंने विधायक श्रीकांत शर्मा के साथ रहने वाले किसी अन्य व्यक्ति का नंबर दिया उस नंबर पर कॉल करने पर उनसे बात नहीं हो सकी।

पूर्व विधायक प्रदीप माथुर से जब इस मामले में बात की तो उन्होंने कहा, यहां कुरेशी समाज के कुछ ग्रुप चोरी छिपे भैंस का मांस बेचते हैं और जब एक ग्रुप बेचता है तो दूसरा ग्रुप उनकी मुखबरी करता है। उसके बाद गो रक्षा वाले उस मांस को गाय का बता कर हंगामा करते हैं। इस मामले में कुछ बेकसूर लोगों को भी फंसाया गया हैं। हम 23 मार्च को एसएसपी से मुलाक़ात करेंगे तथा उनके सामने सारी बात रखेंगे।

(मुहम्मद अली और शिवानी मथुरा स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं) 

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