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हरियाणा: किसान आंदोलन का समर्थन करने पर दो शिक्षक और एक अधिकारी सस्पेंड

ऑल इंडिया गवर्नमेंट एम्पलायी फैडरेशन के आह्वान पर 26 फरवरी को अखिल भारतीय प्रतिरोध दिवस मनाया जा रहा है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा सभी ज़िला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करते हुए अन्य मांगों के साथ-साथ तीनों कर्मचारियों की सेवा बहाली की मांग को भी प्रमुखता से रखेगा।
डॉ. अजय बल्हारा और राजेश दलाल
डॉ. अजय बल्हारा और राजेश दलाल

किसानों को दिल्ली की सरहद पर बैठे ढाई महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। इस दौरान ना सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी किसान आंदोलन को समर्थन मिल रहा है। एक तरफ किसान आंदोलन जबरदस्त तरीके से गांवों तक फैल रहा है तो दूसरी तरफ इसे कमज़ोर करने के लिये सरकार और सरकारी मशीनरी भी सक्रिय है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने शिक्षा विभाग के तीन कर्मचारियों को किसान आंदोलन का समर्थन करने की वजह से सस्पेंड कर दिया है। इनमें दो जेबीटी शिक्षक राजेश दलाल और विनोद गुलिया हैं। और एक शिक्षा निदेशालय के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अजय बल्हारा शामिल हैं।

जेबीटी शिक्षक राजेश दलाल का निलंबन

राजेश दलाल रोहतक के चिड़ी गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। राजेश दलाल एक रागनी गायक और कलाकार भी हैं। राजेश दलाल को हरियाणा सरकार ने बिना कोई कारण बताये दिनांक 9 फरवरी 2021 को सस्पेंड कर दिया। सस्पेंशन लेटर में कोई कारण नहीं बताया गया है। बस लिखा गया है कि तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है। सूत्रों के अनुसार राजेश दलाल को टीकरी बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में रागनी गाने की वज़ह से और किसान आंदोलन का समर्थन करने की वजह से सस्पेंड किया गया है।

जेबीटी शिक्षक राजेश दलाल का निलंबन-पत्र।

शिक्षा निदेशालय के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अजय बल्हारा का निलंबन

राजेश दलाल का निलंबन कोई पहला मामला नहीं बल्कि इससे पहले भी 28 जनवरी 2021 को किसान आंदोलन का समर्थन करने और भाग लेने की वजह से डॉ. अजय बल्हारा को सस्पेंड किया जा चुका है। डॉ. अजय बल्हारा शिक्षा निदेशालय में चीफ ट्रेनिंग कॉर्डिनेटर हैं। डॉ. अजय बल्हारा ने निलंबन के बारे जानकारी देते हुये कहा-

“आधिकारिक तौर पर मुझे अब तक विभाग के द्वारा कुछ नहीं बताया गया है कि मुझे किस व्यवहार की वजह से सस्पेंड किया गया है। पत्र में सिर्फ ये लिखा गया है कि आपको तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है। हरियाणा सेवा अधिनियम-2016, धारा 5 के तहत ये कार्यवाही की गई है। जिसके अनुसार कमोबेश आप मान लीजिये कि सरकार के खिलाफ साज़िश या किसी विद्रोह या इस तरह की किसी कार्यवाही में कर्मचारी संलिप्त पाया जाता है तो इस प्रकार से निलंबन होता है।”

डॉ. अजय बल्हारा का निलंबन-पत्र।

डॉ. अजय बल्हारा ने बताया कि सरकार ने निलंबन का कोई कारण मुझे आधिकारिक तौर पर अभी तक नहीं बताया है। आगे बात करते हुए उन्होंने कहा-

“मैंने अपने स्तर पर अपने सूत्रों से पता लगाया कि कारण क्या है। और मुझे बहुत ही अजीब कारण पता चला। मालूम हुआ कि मुझे मेरे संवैधानिक, मौलिक अधिकारों के प्रयोग करने की वजह से सस्पेंड किया गया है और इसे माना गया है कि ये सरकार के खिलाफ साज़िश है। केंद्र सरकार ने शायद एक सीडी राज्य सरकार को भेजी है, जिसमें मेरे फेसबुक लाइव सेशन हैं। जिनमें मैंने किसान आंदोलन की समीक्षा की है, कुछ लोगों के इंटरव्यू किये हैं और ये सब मैंने विभाग से कैज़ुअल और स्टेशन लीव लेने के बाद किये हैं। जब मैं दो-तीन दिन टीकरी बॉर्डर पर था। क्योंकि मैं खुद किसान पृष्ठभूमि से आता हूं।”

डॉ. अजय बल्हारा का मानना है कि उनका आचरण किसी भी तरह से ग़ैर वाज़िब, अपराधिक या विभाग और सरकार के खिलाफ या साज़िशाना नहीं है।

इस बारे में उन्होंने कहा, “अगर सरकार अपने नियमों या उपनियमों का इस्तेमाल करते हुए लोगों की, कर्मचारियों की या प्रबुद्धजनों की आवाज़ को दबाने की कोशिश करती है तो ये सर्वथा ग़लत है। मैं निसंकोच कहूंगा कि ये लोकतंत्र की भावना को कुचलने का प्रयास है। साथ ही ये भी कहूंगा कि ये सिर्फ मेरा, राजेश दलाल या अन्य किसी का निलंबन नहीं किया गया है बल्कि लोकतंत्र का निलंबन किया गया है। इसे देश से लोकतंत्र की बर्ख़ास्तगी माना जाना चाहिये।”

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने तीनों कर्मचारियों की तुरंत बहाली की मांग की

इधर इन कर्मचारियों के निलंबन को लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठन और किसान संगठन सरकार की आलोचना कर रहे हैं और तुरंत बहाली की मांग कर रहे हैं। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा-

“हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन का समर्थन करने की वजह से राजेश दलाल, विनोद गुलिया और डॉ. अजय बल्हारा को निलंबित किया है। सर्व कर्मचारी संघ इसे ग़ैर-संवैधानिक, अलोकतांत्रिक और जनवादी अधिकारों पर हमला मानते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है। सरकार कर्मचारियों को डराने-धमकाने को कोशिशों पर तुरंत रोक लगाये और तीनों कर्मचारियों को तुरंत बहाल करे।”

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा

सुभाष लांब ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार किसानों की मांगों को मानने की बजाय अलग-अलग तरीके से किसान आंदोलन को कमज़ोर करने की कोशिशें कर रही है। उन्हेंने बताया कि “आल इंडिया गवर्नमेंट एम्पलायी फैडरेशन के आह्वान पर 26 फरवरी को अखिल भारतीय प्रतिरोध दिवस मनाया जा रहा है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा सभी ज़िला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करते हुए अन्य मांगो के साथ-साथ तीनों कर्मचारियों की सेवा बहाली की मांग को भी प्रमुखता से रखेगा।”

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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