यूपी के जौनपुर-मेरठ में एमपी के सीधी जैसी घटना, दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में दलित किशोर और मेरठ में नौजवान के साथ मारपीट और दोनों को कथित रूप से पेशाब पिलाए जाने की अमानवीय घटनाओं के चलते योगी सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। वारदात को अंजाम देने वाले ऊंची जातियों के लोग हैं। जौनपुर में आरोपियों ने दलित किशोर की भौंहें भी काट दीं। पुलिस ने पीड़ित किशोर के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 354 (छेड़खानी) के तहत मामला दर्ज किया है। दलित किशोर के पिता बृजेश कुमार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने दबंग सवर्णों के इशारे पर उनके बेटे के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया है। इस मामले के तूल पकड़ने पर सुजानगंज थाना पुलिस ने दोनों पक्षों के एक-एक आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जौनपुर के असरोपुर गांव के दलित किशोर की सवर्ण जाति के दो लोगों ने बुरी तरह से पिटाई की। आरोप है कि किशोर ने जब पानी मांगा तो उन्होंने किशोर के मुंह में पेशाब कर दिया। दलित किशोर से मारपीट करने वाले सवर्ण हैं। पीड़ित के पिता ने आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए सुजानगज पुलिस को अर्जी दी, लेकिन उसे थाने से भगा दिया गया। वारदात की रिपोर्ट तब दर्ज की गई जब पिता बृजेश कुमार ने 23 नवंबर 2023 को जौनपुर के पुलिस अधीक्षक को शिकायती-पत्र दिया। पीड़ित के पिता ने बताया कि सुजानगंज थाना पुलिस उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित के पिता बृजेश कुमार के मुताबिक 'उनका 14 साल का नाबालिग बेटा अपने दोस्त को पास के आमी गांव छोड़ने गया था। घर लौटते समय रास्ते में शेखपुर खुटहन गांव स्थित पेट्रोल पंप के पास किशोर को कुछ दबंगों ने रोक लिया और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जमकर मारपीट शुरू कर दी। हालत गंभीर होने पर भी वो मारपीट करते रहे। बाद में उन्होंने पीड़ित को तालाब में डुबाकर मारने की कोशिश की। इसके बाद उसके मुंह में जबरिया पेशाब किया और तालाब का कीचड़ भर दिया।'
दलित किशोर के पिता बृजेश कुमार का आरोप है कि आरोपितों ने उनके बेटे की दाहिनी भौं पहले हाथ से उखाड़ी और बाद में ब्लेड से छील दिया। अभियुक्तों ने किशोर के पिता को फोन करके बुलाया और वह जब मौके पर पहुंचे तो उसे भी मारा-पीटा। साथ ही मां-बेटी को उठाने की धमकी दी। आरोप है कि इस मामले में इलाकाई थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत दर्ज नहीं की। पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लिया और पीड़ित का मेडिकल कराने के साथ ही रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया। सुजानगंज थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 504, 506, एससी-एसटी एक्ट 1989 (संशोधन 2015) के तहत धारा 3 (1) (ई) और 3 (2) (ई) के तहत रिपोर्ट दर्ज की है। दूसरे पक्ष की ओर से भी पुलिस ने धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया है।
क्या कहती है पुलिस
बदलापुर के डिप्टी एसपी अशोक कुमार के मुताबिक, "दलित किशोर साइकिल से आ रहा था। फुटानी पेट्रोल पंप के पास उसे रोककर अभियुक्त उसे सेमरिया बाग में ले गए। वहां गांव के कुछ लोगों ने मिलकर उसके साथ मारपीट, गाली-गलौज और अपमानजनक हरकत को अंजाम दिया। दूसरे पक्ष ने पुलिस को एक अर्जी दी है कि उनकी बेटी एक महाविद्यालय में पढ़ने जा रही थी तो पीड़ितों ने छेड़खानी और अश्लील शब्दों का प्रयोग किया गया। दोनों पक्ष के एक-एक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।"
सुजानगंज के थाना प्रभारी रोहित कुमार मिश्रा ने न्यूजक्लिक से कहा कि दोनों पक्षों की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पीड़ित किशोर के पिता ने पांच लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है जिनमें आदित्य सिंह, उसके पिता बबलू सिंह और निलेश दुबे सहित दो अन्य लोग शामिल हैं। उनके मुताबिक, मुन्ना (बदला हुआ नाम) के परिवार की कोई लड़की रास्ते से जा रही थी और उसके खिलाफ दलित किशोर ने अश्लील शब्दों का प्रयोग किया। इसी बीच उसका भाई ट्रैक्टर लेकर मौके पर पहुंच गया और मारपीट हुई। दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। पीड़ित दलित पक्ष ने पुलिस के आरोपों को झूठा बताया है। पिता बृजेश का आरोप है कि सुजानगंज थाना पुलिस दबंग सवर्णों के साथ खड़ी है और उनका साथ दे रही है। उनका कहना है कि थानाध्यक्ष समूचे मामले में लीपापोती कर रहे हैं।
उधर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के मेडिकल थाना क्षेत्र में एक छात्र के मुंह पर पेशाब करने, उसके मुंह में पिस्टल डालने और जमकर मारपीट करने की घिनौनी वारदात सामने आई है। इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट तब दर्ज की जब आरोपितों ने उसका वीडियो वायरल किया। मेडिकल थाना पुलिस ने रविवार को एक आरोपी आशीष मलिक को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। वहीं पीड़ित छात्र के पिता का कहना है कि यदि उन्हें इंसाफ नहीं मिलता है तो वह आत्मदाह करेंगे।
गंगानगर थाना क्षेत्र के रहने वाले छात्र ने पिछले साल 12वीं पास किया था। इन दिनों वह मेरठ शहर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। छात्र के पिता के मुताबिक 13 नवंबर की रात उनका बेटा मेडिकल के जागृति विहार में मौसी के घर गया था। वहां उसका दोस्त राजन मिल गया। वह उसे साथ ले गया। इसके बाद आशीष मलिक निवासी अजंता कॉलोनी, मोहित ठाकुर निवासी सोमदत्त विहार, अवि शर्मा निवासी जेल चुंगी और तीन अज्ञात ने उनके बेटे के साथ मारपीट शुरू कर दी। वे सभी शराब के नशे में थे। उन्होंने छात्र को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा। उसके गले में बेल्ट डालकर मारा। मुंह में पिस्टल ठूंस दी। उसे जान से मारने की धमकी दी। उसके मुंह पर पेशाब किया, घटना का वीडियो बनाया और उसे वायरल कर दिया।
अभियुक्त उसे अधमरा हालत में छोड़कर चले गए। 14 नवंबर की सुबह नौ बजे बदहवास बेटा घर पहुंचा तो परिजनों को मारपीट की जानकारी मिली। मेडिकल थाना पुलिस ने 16 नवंबर को आरोपियों के खिलाफ बलवा, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी और मारपीट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली। छात्र के पिता ने बताया कि बेटे ने 14 नवंबर को पेशाब करने के बारे में नहीं बताया था। 19 नवंबर को उन्हें वीडियो के बारे में पता चला तो पेशाब किए जाने की जानकारी हुई। उन्होंने मेडिकल थाने में जानकारी दी। पुलिस ने मुकदमे में आईपीसी की धारा 294 जोड़ दी।
मेरठ के एसपी सिटी पीयूष कुमार सिंह के मुताबिक, मुख्य आरोपी आशीष मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फरार अभियुक्त अवि शर्मा, राजन, मोहित ठाकुर और अन्य युवकों की तलाश की जा रही है। जल्द ही अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आत्मदाह की धमकी
छात्र के पिता का कहना है कि पुलिस को इस मामले में अपहरण की धारा भी लगानी चाहिए। इसको लेकर वे एसएसपी से मिलेंगे। अगर आरोपी जेल नहीं गए तो वे आत्मदाह करने के लिए मजबूर होंगे। मेडिकल थाना प्रभारी सूर्य दीप सिंह का कहना है कि 'आरोपी आशीष मलिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 504, 506 और 294 के अंतर्गत कार्रवाई की गई। वीडियो और फोटोग्राफ भी साक्ष्य के रूप में दिए गए। रविवार दोपहर उसे कोर्ट में पेश कर दिया गया। छात्र के मुंह में पेशाब की घटना की जानकारी पुलिस को बाद में मिली।'
दलित हितों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट डॉ.लेनिन ने कहा है कि "दलित समुदाय के लोगों के साथ मारपीट और मुंह पर पेशब किए जाने की घटना बेहद शर्मनाक है। ये घटनाएं दलित विरोधी और सामंती मानसिकता की द्योतक हैं। इस तरह की घटनाएं योगी सरकार की इमेज पर बट्टा लगा रही हैं। सरकार को चाहिए कि वो अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति तत्काल रोके। ग्राम पंचायतों की बैठक में दलित समुदाय के हितों के बनाए गए कानूनों और योजनाओं का संवेदीकरण किया जाए। जातिवाद का कलंक मिटाने के लिए शिक्षण संस्थाओं में कहानियों के साथ पिछड़े, दलित और आदिवासी समुदाय के समाजसेवियों, साहित्याकारों व महान पुरुषों की जीवनगाथा पढ़ाई जानी चाहिए। जनमानस को यह भी बताया जाना चाहिए कि शिवाजी का स्वराज और उत्कृष्ट मौर्य व गुप्त काल बहुजन समाज की देन है।"
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