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इज़रायल ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में फ़िलिस्तीनियों के कई घरों को नष्ट किया

हालांकि इज़रायल के सैनिकों द्वारा फ़िलिस्तीनी घरों के विध्वंस का अपराध पूरी तरह से दंडमुक्ति जैसा है। घरों को ध्वस्त करने की कल की घटना जॉर्डन घाटी के अवैध एनेक्सेशन की प्रस्तावित योजना के अनुरूप है।
इज़रायल

क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के कई इलाक़ों में एक दर्जन से अधिक फ़िलिस्तीनी घरों को इज़रायली ऑक्यूपेशन फोर्स द्वारा कल यानी 3 जून को ध्वस्त कर दिया गया। घरों को ध्वस्त करने का ये अभियान इज़रायल द्वारा जॉर्डन घाटी के प्रस्तावित एनेक्सेशन के नक्शे के अनुरूप है।

फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए के अनुसार हेब्रोन शहर के दक्षिण में स्थित मासफर याट्टा में फ़िलिस्तीनी समुदायों के कई घरों को इज़रायली सैनिकों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया।

डब्ल्यूएएफए के अनुसार, ये इलाक़ा "वेस्ट बैंक के एरिया सी में स्थित है" जो पूरी तरह से इज़रायली प्रशासन के अधीन है। पहले कई बार इस पर इज़रायली सेना और बसने वाले लोगों द्वारा निशाना बनाया गया है और ज़्यादातर स्थानीय लोगों के घरों और उनकी आजीविका-पशुधन के मुख्य स्रोत को नष्ट कर दिया है।

इसी तरह घरों को ध्वस्त करने का काम जेरिको शहर के पूर्व में किया गया था जहां ऑक्यूपेशन फोर्स ने डीर हेज़ल बेदुइन से संबंधित सात घरों और पशुओं के आश्रय को ध्वस्त कर दिया था।

ये दोनों क्षेत्र जॉर्डन घाटी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं जिसे बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के अनुसार जुलाई में इज़रायल मिलाने की योजना बना रहा है।

फ़िलिस्तीनी घरों, व्यापारिक संस्थानों और यहां तक कि ऐतिहासिक स्मारकों को ध्वस्त करना इज़रायल की विस्तार योजनाओं का हिस्सा है। वे हर बहाने का इस्तेमाल करते हैं, सुरक्षा ख़तरों को लेकर इन संरचनाओं को ध्वस्त करने के लिए अनुमति की कमी है। वे अक्सर फ़िलिस्तीनियों को मनगढ़ंत आरोपों में गिरफ़्तार करते हैं और उनके घरों को अपनी "सामूहिक दंड" नीति के एक हिस्से के रूप में ध्वस्त कर देते हैं। इन सभी कृत्यों को फ़िलिस्तीनियों को इलाक़ा छोड़ने और क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों को यहूदी बस्ती बनाने की बड़ी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए परेशान करने के एक तरीक़े के रूप में देखा जाता है।

फ़िलिस्तीनी समूह ने इन घरों को नष्ट करने को एथनिक क्लिंजिंग की प्रक्रिया बताया है। युद्ध और मानवाधिकारों के अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के अनुसार ऐसे कार्य अवैध हैं।

पिछले कुछ वर्षों में फ़िलिस्तीनियों के हज़ारों घरों और व्यापारिक ढ़ांचो को ध्वस्त कर दिया गया है। यूएन के अनुसार फ़िलिस्तीनियों के 27 घरों को 2020 की पहली तिमाही में इज़रायल द्वारा नष्ट कर दिया गया है। एक फ़ैसले में 1 जून को ऑक्यूपेशन अथॉरिटी ने पूर्वी यरुशलम के वादी अल-जोज़ इलाक़े में 200 से अधिक फ़िलिस्तीनी ढ़ांचो को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया।

2 जून को फ़िलिस्तीनी अथॉरिटी ने क़ब्ज़े वाले पूर्वी यरुशलम में इज़रायल द्वारा फ़िलिस्तीनियों के घरों को ध्वस्त करने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में अपील किया है।

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