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गाज़ा के स्थानीय लोगों का सवाल, ‘हम कहां जाएं?’

बढ़े हुए इजरायली हमले के डर ने कई फिलिस्तीनी परिवारों को अपना घर खाली करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर कर दिया है।
 गाज़ा के स्थानीय लोगों का सवाल, ‘हम कहां जाएं?’

गाज़ा सिटी में 50 वर्षीय उम्म माजिद अल रईस को अपनी और अपने चार बच्चों की इज़राइल के हवाई हमले से जान बचाने के लिए पड़ोस के घर में शरण लेनी पड़ी, क्योंकि इज़राइल के जंगी जहाजों ने उनकी रिहायशी इमारत को निशाना बनाया है।

इज़राइल और गाज़ा पट्टी के बीच 2014 की जंग के बाद से सबसे भीषण हिंसा में इस हफ्ते हताहतों की संख्या बढ़ गई है जबकि अल रईस और अन्य फलस्तीनियों का सवाल है, “ हम कहां जाएं?”

अल रईस ने पड़ोस के घर से फोन पर बताया, “ पूरा क्षेत्र एक छोटा सा हिस्सा है। यह एक जेल है। आप कहीं भी जाएं, आप निशाने पर हैं।”

उन्होंने पड़ोस के घर में अपने किशोर बेटे- बेटियों के साथ शरण ली है। उन्होंने कहा कि बिना चेतावनी के इज़राइल ने हवाई हमले किए।

गाज़ा में 20 लाख लोग रहते हैं और यहां पर हवाई हमलों को लेकर सायरन या सुरक्षित घर नहीं हैं। बीते सालों में हुए टकरावों में संयुक्त राष्ट्र के अस्थायी आश्रय स्थलों तक पर हमला हुआ है। पिछले दो सालों में, इज़राइल ने हवाई हमलों के जरिए तीन बड़ी इमारतों को ध्वस्त किया है जिनमें हमास के अहम दफ्तर थे। इज़राइल ने पहले चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं ताकि इमारत में रहने वाले लोग भाग सकें।

लड़ाकू विमानों ने बिना चेतावनी के कई रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया है। इज़राइल का आरोप है कि इन इमारतों में चरमपंथी रहते हैं। कुल मिलाकर सोमवार से गाज़ा में 16 बच्चों समेत 65 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में चरमपंथी और आम नागरिक भी शामिल हैं। इनमें दो महिलाएं और बच्चे हैं जो इमारत पर हमले के दौरान मारे गए हैं।

एक महिला ने बताया कि इज़राइल के विमान ने बुधवार को एक दो मंजिला इमारत को निशाना बनाया जिसमें उनका चार वर्षीय पोता और गर्भवती बहू की मौत हो गई।

उम्म मोहम्मद अल तलबानी ने अस्पताल में बताया, “ उन्होंने बिना चेतावनी के बम दाग दिए। घर में बच्चों के अलावा कोई न था।”

इज़राइल की सरकार लंबे अरसे से आरोप लगाती रही है कि जवाबी हमलों के दौरान हमास आम नागरिकों को मानव कवच की तरह इस्तेमाल करता है और चरमपंथी अक्सर असैन्य इलाकों से रॉकेट दागते हैं और रिहायशी इमारतों में कमान केंद्र स्थापित करते हैं। फिर भी इज़राइल की हमास के साथ 2014 युद्ध में इमारतों को निशाना बनाने के लिए काफी आलोचना की गई थी।

गाज़ा के निवासियों ने पहले की जंगों को याद करते हुए कहा कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। वे इस संकरी क्षेत्र को नहीं छोड़ सकते हैं जो दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में से एक है।

वर्ष 2007 में गाज़ा पर हमास के नियंत्रण के बाद से वह इज़राइल और मिस्र की नाकेबंदी का सामना कर रहा है।

हमास और कथिततौर पर अन्य चरमपंथी संगठनों ने तेल अवीव समेत इज़राइल के कई शहरों पर सैकड़ों रॉकेट दागे हैं जिनमें कम से कम सात लोगों की मौत हुई है।
 हमास ने कहा कि उसने गाजा के भीतर नागरिकों को निशाना बनाने वाले इजरायली हमले की प्रतिक्रिया के रूप में तेल अवीव की ओर कम से कम 130 रॉकेट दागे हैं।  इसे टीआरटी वर्ल्ड ने प्रकाशित किया। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को टेलीविज़न संबोधन में कहा कि इजरायल
हमास के खिलाफ आपरेशन बढाएगाऔर अब तक जो कुछ भी हुआ है वह "सिर्फ शुरुआत" है।

इस बीच, सोशल मीडिया पोस्ट और स्थानीय प्रेस ने गाजा सीमा की ओर बुधवार  को इजरायल की सेना की गतिविधियों की पुष्टि की है। इजरायल ने
खस यूनिस के दक्षिणी गाजा इलाके को निशाना बनाया। 

बढ़े हुए इजरायली हमले के डर ने कई फिलिस्तीनी परिवारों को अपना घर खाली करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर कर दिया है।
गाजा छोटा सा क्षेत्र है जो 2006 के बाद से इज़रायल के  भूमि, समुद्र और हवाई नाकेबंदी की जद में  है। गाजा के बाहर कोई भी गतिविधि इजरायल की मंजूरी के बिना संभव नहीं है।

कई अंतरराष्ट्रीय समूहों और देशों ने नागरिक पर हमलों के लिए इजरायल की निंदा की। गाजा पट्टी के अंदर हमले को तुरंत रोकने के लिए कहा। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मिडिल ईस्ट पीस प्रोसेस टोर वेनेस्लैंड ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध टालने के लिए सभी पक्ष के नेता गोलीबारी बंद करें। अफ्रीकन यूनियन ने बयान जारी कर गाजा के भीतर इजरायली हमले और अल अक्सा  परिसर के भीतर इसके सैनिक के घुसने की निंदा की जिसमें सैकडो़ फिलिस्तीनी घायल हो गए।
 

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