मोरबी पुल हादसा: कौन देगा 135 से ज़्यादा मौतों का हिसाब
गुजरात में मोरबी का झूला पुल टूटने की वजह से अब तक तकरीबन 135 से ज़्यादा लोगों की मौत की ख़बर है। इसमें 50 से ज्यादा बच्चे हैं। ऐसे हादसों पर आम आदमी भगवान की मर्जी कहकर निकल जाता है। कभी भी यह नहीं सोचता कि ऐसे हादसे इसलिए हुए हैं क्योंकि सरकार ने अपनी भूमिका नहीं निभाई? परखने, निगरानी, नियंत्रण के उन मानकों को नहीं अपनाया जो सार्वजनिक सपंति के मरम्मत और देखभाल के लिए अपनाना चाहिए। सस्पेंशन पुल को ऑपरेट करने के लिए ओरेवा कंपनी और मोरबी नगर पालिका के बीच हुए एग्रीमेंट को ही देख लीजिये।
इस में लिखा है कि कंपनी कब टिकट की दर बढ़ा सकेगी, कैसे पुल का कॉमर्शियल इस्तेमाल कर सकेगी और इसमें सरकारी एजेंसियों का दखल नहीं होगा। तीन पेज के एग्रीमेंट में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि सरकार की क्या जिम्मेदारी होगी? मोरबी पुल दुर्घटना से जुड़े इन्हीं सब सवालों पर इस वीडियो में न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से बात की गयी है।
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