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श्रीलंका में कोविड-19 मामले में फिर वृद्धि के बाद सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहा तो नए कोविड-19 मामलों और मौतों की संख्या और बढ़ जाएगी क्योंकि देश में बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे की कमी है।
श्रीलंका में कोविड-19 मामले में फिर वृद्धि के बाद सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध

कोरोनवायरस के डेल्टा वैरिएंट के रूप में उभरी तीसरी लहर के डर से श्रीलंका में अधिकारियों ने 16 अगस्त से देश भर में रात का कर्फ्यू लगा दिया है। प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार ने सार्वजनिक सभा और शादी के रिसेप्शन पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने उल्लेख किया कि इस महामारी के कारण 161 मौतें हुई हैं और कोविड-19 के कम से कम 3,435 नए मामले शनिवार 14 अगस्त को सामने आए। कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या को 3,55,000 तक पहुंच गई है। इनमें 39,300 संक्रमित मरीज जिनका अभी अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जबकि 309,732 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है।

जैसे ही संक्रमणों की रोजाना संख्या बढ़ी है, वैसे ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि यदि मामलों का तेजी से बढ़ना जारी रहता है तो चार सप्ताह का लॉक डाउन लगाना होगा। देश की महामारी विज्ञान इकाई ने हाल ही में पुष्टि की है कि कुल 21 मिलियन आबादी में से 10 मिलियन से अधिक लोगों को टीका की पहली खुराक दी गई है जबकि 4.5 मिलियन को दूसरी खुराक मिली है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति और आईसीयू की कमी है और वहीं चेतावनी दी गई है कि अगर यह मौजूदा ट्रेंड जारी रहा तो सितंबर के मध्य तक COVID-19 की संख्या बढ़कर 6,000 प्रति दिन हो जाएगी और अक्टूबर के मध्य तक मौतों की कुल संख्या भी 220 प्रति दिन तक पहुंच जाएगी।

श्रीलंका अपने अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए भविष्य में पड़ोसी देश भारत से 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आयात कर सकता है। जब से देश में महामारी आई है, तब से कुल 3.4 लाख मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 6,096 को कोरोनवायरस के संपर्क में आने के बाद अपनी जान गंवानी पड़ी।

श्रीलंका में टीकाकरण इस क्षेत्र के अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर है। इसके स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार 15 अगस्त तक उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार कम से कम 17% आबादी ने टीके की दोनों खुराक ले ली है और 52% से अधिक लोगों ने कम से कम एक खुराक ले ली है।

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