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सिलिकन वैली बैंक पतन की पृष्ठभूमि अब अमेरिका में 2008 जैसी स्थिति

15 सितंबर 2008 को लेहमन ब्रदर्स निवेश बैंक का पतन हुआ था, जिसने वित्तीय मंदी को ट्रिगर किया था। यहां तक कि फेडरल रिज़र्व (अमेरिकी रिज़़र्व बैंक) को भी दुनिया को अमेरिकी वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के बारे में आश्वस्त करने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी।
Silicon Valley Bank

सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) का पतन अब दुनिया भर में हलचल मचा रहा है। सितंबर 2022 तक अमेरिका में 4157 वाणिज्यिक बैंक थे। 212 बिलियन डॉलर की संपत्ति (assets) और 175.4 बिलियन डॉलर जमा पूंजी (deposits) के साथ, सिलिकॉन वैली बैंक उनमें 16वें स्थान पर था। हालांकि सबसे बड़े अमेरिकी बैंक, जेपी मॉर्गन चेज़ (JP Morgan Chase), जिसकी कुल संपत्ति 3665 बिलियन डॉलर है, की तुलना में इसकी संपत्ति का मूल्य काफी कम है, क्योंकि SVB का पतन अमेरिका में 2008 की वित्तीय मंदी के बाद से सबसे बड़ा बैंक पतन है, इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। कुछ ही दिनों में, शेयर बाजारों में अमेरिकी बैंकों के शेयर मूल्य गिर गए।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को स्वयं SVB के अमेरिकी जमाकर्ताओं को आश्वस्त करना पड़ा कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा। हैरानी की बात यह है कि दूसरी चरम छोर पर जाते हुए, उन्होंने करदाताओं को भी आश्वस्त किया कि उनके कर का पैसा बेलआउट पर खर्च नहीं किया जाएगा। फिर, वह जमाकर्ताओं के पैसे कैसे बचाएंगे? उनके प्रशासन ने एक समाधान योजना तैयार की, जिसके तहत अन्य सभी बैंकों द्वारा भुगतान किए गए जमा बीमा प्रीमियम का उपयोग जमाकर्ताओं को उनके पैसे चुकाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने राष्ट्र को यह भी आश्वस्त किया कि SVB का पतन एक इकलौती ऐसी घटना थी, और यह अमेरिकी बैंकिंग उद्योग में ‘डोमिनोज़ प्रभाव’ (dominoes effect) की शुरुआत को चिह्नित नहीं करेगा, क्योंकि, उनके अनुसार, वह उसके अच्छे वित्तीय स्वास्थ्य के बारे में आश्वस्त थे।

अमेरिकी मीडिया ने भी जनता को आश्वस्त करने के लिए समयोपरि काम किया कि SVB लेहमन ब्रदर्स (Lehman Brothers) नहीं है और 2008 की तरह 2023 नहीं है। 15 सितंबर 2008 को लेहमन ब्रदर्स निवेश बैंक का पतन हुआ था, जिसने वित्तीय मंदी को ट्रिगर किया था। यहां तक कि फेडरल रिजर्व (अमेरिकी रिज़र्व बैंक) को भी दुनिया को अमेरिकी वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के बारे में आश्वस्त करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।

आधुनिक पूंजीवाद में, शेयर बाजार के ज़रिये संकट प्रकट होता है। SVB की मूल कंपनी SVB Financial है। SVB Financial के शेयरों में लेन-देन US बैंकिंग नियामकों द्वारा 10 मार्च 2023 को रोक दिया गया था, जब SVB Financial के शेयरों का मूल्य 9 मार्च को 60% और 10 मार्च को 64% गिर गया था। इसके बाद SVB ने घोषणा की कि वह 1.8 अरब डॉलर के घाटे पर 21 अरब डॉलर मूल्य की प्रतिभूतियां (securities) बेच रहा है। इससे पहले 2.5 अरब डॉलर मूल्य के शेयरों की बहुत कम दाम पर बिक्री (fire sale) हुई थी। यह सभी को स्पष्ट हो गया था कि SVB डूब रहा था। SVB के डिपॉजिट्स के लिए दौड़ मच गई और SVB में जमाकर्ता और निवेशक पैसे निकालने के लिए हाथ-पांव मारने लगे। अमेरिकी राज्य के वित्तीय संरक्षण और नवाचार विभाग (Department of Financial Protection and Innovation) ने SVB को दिवालिया घोषित कर दिया और उसे अपने कब्जे में ले लिया।

लगता है इसमें कुछ बेईमानी (foul play) भी है। अमेरिका में, डिपॉजिट इंश्योरेंस व्यवस्था के तहत, केवल उन्हीं जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस मिलने वाला जिन्होंने 2,50,000 डॉलर तक जमा किए थे, पर उनको नहीं जिन्होंने इस राशि से अधिक निवेश किया था। दुर्घटना की पूर्व संध्या पर, एक ही दिन के भीतर, केवल 10 खाताधारकों ने कुल 42 बिलियन डॉलर निकाल लिये थे; शायद इसने ही पतन को तेज कर दिया था। यह निकासी पूरी तरह कानूनी लेकिन अनैतिक थी।

वैसे भी, क्या बाइडेन का यह दावा करना सही था कि SVB का पतन स्वस्थ अमेरिकी बैंकिंग के सामान्य नियम का अपवाद था?

SVB का संकट कैसे पैदा हुआ?

SVB किसी अन्य बैंक की तरह नहीं है। इसका पतन किसी अन्य नियमित बैंक पतन जैसा नहीं था। SVB आईटी (IT) और जीव-विज्ञान क्षेत्रों में तकनीकी स्टार्ट-अप्स को ऋण देने के लिये विशिष्ट है। वित्तीय संस्थानों में, इसने तकनीकी क्षेत्र के फर्मों को बढ़ावा देने वाली एक उद्यम-पूंजी (venture-capital) सेलेब्रिटी के रूप में काम किया। स्वाभाविक रूप से, इसके संकट को समग्र तकनीकी संकट से अलग करके नहीं देखा जा सकता। निरंतर हो रही तकनीकी छंटनी उसी सर्वांगीण तकनीकी संकट की एक और अभिव्यक्ति ही है। जब बढ़ते डिजिटलीकरण के साथ टेक कंपनियां तेजी से बढ़ने वाली ब्लू-चिप कंपनियां बन गईं, तो, स्वाभाविक रूप से निवेशकों ने झुंड मानसिकता से काम किया, जैसा कि पूंजीवाद में प्रचलन है। स्पष्ट रूप से, बड़े पैमाने पर अधिक निवेश हुआ और अतिरिक्त क्षमताएं सृजित की गई। फिर, अनिवार्य रूप से एक "सुधार" किया गया और तकनीकी क्रांति अपने ‘अधीनों’ में से एक, SVB को निगल गई।

SVB पतन का व्यापक प्रभाव होना तय है

निवेश बैंकर के रूप में SVB अकेला नहीं है। नॉर्वे जैसे कुछ देशों के सॉवरेन वेल्थ फंड्स (sovereign wealth funds) को SVB में रखा गया है। कई कंपनियों ने SVB में अपने भंडार और अधिशेष का भी निवेश किया है। Airbnb, Uber, Fitbit, मोबाइल भुगतान कंपनी Square और निवेश कंपनी Robinhood कुछ ऐसे बड़े कॉर्पोरेट नाम हैं जिन्होंने SVB में अपना पैसा लगाया था।

SVB अपने निवेश योग्य धन को कैसे जुटाता था? वास्तव में, SVB एक वृहद निवेशक (mega investor) था जिसमें प्रमुख निवेश कंपनियों ने स्वयं निवेश किया था। कैपिटल रिसर्च एंड मैनेजमेंट कंपनी (Capital Research and Management Company) के पास SVB के 10% शेयर थे। दुनिया की सबसे बड़ी निवेश कंपनियों में से एक द वैनगार्ड ग्रुप (The Vanguard Group) के पास SVB के 7% शेयर थे। एक अन्य परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी ब्लैकरॉक (BlackRock) SVB के 6% शेयरों को नियंत्रित करती थी। स्टेट स्ट्रीट कॉर्पोरेशन (State Street Corporation) के पास SVB के 5% शेयर थे। SVB के अन्य 5% शेयर फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स (Fidelity Investments) के पास थे। अब इन सभी निवेश कंपनियों के बड़े निवेश चले गये हैं। बाइडेन पहले ही कह चुके हैं कि केवल खुदरा जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिलेगा, निवेशकों को नहीं। "उन्होंने एक जुआ खेला था और हार गए, आखिर यही तो पूंजीवाद है," उन्होंने कहा।

इस तरह के नुकसान का असर अन्य कंपनियों में उनके निवेश परिमाण पर दिखना तय है, जो घटने के लिए बाध्य है। SVB के हाई-प्रोफाइल संकट की वजह से, अन्य कंपनियों में निवेश, जो बदले में टेक फर्मों में निवेश कर रहे हैं, में भी कमी आएगी। पहले से ही मंदी से जूझ रही टेक कंपनियों पर इसका असर पड़ेगा। बाइडेन और अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट एलेन निश्चित रूप से मतदाताओं को आश्वस्त करेंगे क्योंकि यह उनका कर्तव्य है। लेकिन कोई भी सख्त व योग्य निवेशक इस तरह के आश्वासनों को अपने निवेश के फैसले के लिये आधार नहीं बनाएगा। जब SVB जैसा हाई-प्रोफाइल निवेश बैंक लुढ़क सकता है, तो ज़ाहिर है, पूरा निवेश समुदाय दोगुना सतर्क हो जाएगा।

SVB टेक स्टार्ट-अप्स और लाइफ-साइंस स्टार्ट-अप्स में प्रमुख निवेशकों में से एक है। SVB की उल्कापिंड जैसी वृद्धि इसलिए हुई क्योंकि एक मीडिया बिल्ड-अप था कि SVB के पास उन्नत इन्फोटेक क्षेत्रों के साथ-साथ जीवन-विज्ञान में खासी विशेषज्ञता थी। स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता के अलावा इसने तकनीकी सहायता भी प्रदान की थी। उन्हें शैक्षिक सामग्री और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करके, SVB ने एक गौरवशाली इनक्यूबेटर के रूप में भी काम किया। पर उसकी सारी विशेषज्ञता और ज्ञान का क्या हुआ? वह स्टार्ट-अप्स के सामान्य संकट का आकलन नहीं कर सका। शायद, यह स्टार्ट-अप्स के शमपीटेरियन इनोवेशन मिरेकल (Schumpeterian innovation miracle) और मौजूदा दिग्गजों के विध्वंस के माध्यम से उनकी कथित विशाल विकास क्षमता के हाइप द्वारा भ्रमित था। विडंबना यह है कि संकटग्रस्त स्टार्ट-अप्स ने अपने ही प्रमुख प्रमोटरों में से एक को खत्म कर दिया। यही पूंजीवादी तर्क है।

डोमिनोज़ प्रभाव भी शुरू हो सकता है

बाइडेन के आश्वासन के बावजूद, SVB के पतन के ठीक दो दिन बाद, न्यूयॉर्क स्थित सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) को नियामकों द्वारा दिवालिएपन के कारण बंद कर दिया गया था। चार दिनों के बाद, एक क्रिप्टोकरंसी बैंक सिल्वरगेट (Silvergate) भी डूब गया। जबकि हम केवल इन तीन बैंकों के पतन के आधार पर यह तर्क नहीं दे सकते हैं कि एक डोमिनोज़ प्रभाव पहले से ही चल रहा है और 2023 में 2008 दोहराया जाना शुरू हो चुका है, हम इतना जरूर कह सकते हैं कि 2008 के रंग पहले से ही क्षितिज पर दिखाई देने लगे हैं। यूक्रेन युद्ध से शुरू हुई मुद्रास्फीति, पूरे अमेरिका में पहले ही आ चुकी मंदी और यूरोप में मंदी केवल धीरे-धीरे आ रही है एक पूर्ण मंदी की ओर इशारा करते हैं। इसने पहले ही तकनीकी क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। वित्तीय क्षेत्र में तनाव के शुरुआती संकेत भी दिखाई दे रहे हैं। यहां तक कि कुछ और "छोटे पतन" भी 2008 की तरह एक वित्तीय मंदी को ट्रिगर कर सकते हैं।

अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र की वास्तविकताएं पहले से ही इसके पर्याप्त संकेत दे रही हैं। महामारी के दौरान अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र की लाभ दर कुल मिलाकर 4% तक गिर गई। महामारी से रिकवरी काफी प्रभावशाली थी क्योंकि 2021 में मुनाफा 12% तक बढ़ गया था। 2022 में, लाभ फिर से 5% तक गिर गया। अगले वित्त वर्ष में उनके महामारी के स्तर से नीचे जाने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि अमेरिकी बैंक अपने जमाकर्ताओं को जितना भुगतान करते हैं, उससे कम कमा रहे होंगे। लेकिन यह आंकड़ा समग्र बैंकिंग क्षेत्र के लिए औसत है। कई बैंक 1% भी लाभ नहीं कमा रहे हैं और घाटे में जाने के कगार पर हैं।

इसके अतिरिक्त, यूक्रेन युद्ध ने दृढ़ मुद्रास्फीति को जन्म दिया जिससे ब्याज दरें बढ़ रही हैं। परिणामस्वरूप बॉन्ड की कीमतें गिरती हैं। यह सिलिकॉन वैली बैंक के बॉन्ड पोर्टफोलियो को खंडित कर रहा है। SVB का अन्यथा विशाल बॉन्ड पोर्टफोलियो दस दिन पहले मात्र 1.79% प्रतिफल दे रहा था, जो 10 वर्षीय ट्रेजरी बॉन्ड प्रतिफल 3.9% से काफी कम था। SVB बॉन्ड्स का कोई खरीदार नहीं है।

दूसरे 2008 को रोकने के लिए, बाइडेन जमाकर्ताओं के बचाव में आ सकते हैं। लेकिन बैंक के पतन में केवल जमाकर्ता ही घाटे में नहीं हैं। जैसा कि हमने देखा है, SVB पतन का तरंग प्रभाव (ripple effect) बहुत व्यापक होगा और बाइडेन उनके खिलाफ शक्तिहीन होंगे। उदाहरण के लिए, SVB के पतन से एक निश्चित मनोदशा पैदा होगी जिसमें तकनीकी क्षेत्र के विस्तार और आधुनिकीकरण में निवेश का ताजा प्रवाह कम हो जाएगा, और यह जारी तकनीकी छंटनी को और तेज करेगा। यदि नौकरी का नुकसान वित्त क्षेत्र में भी फैल गया, तो अमेरिका भी कुछ यूरोपीय देशों की भांति उच्च बेरोजगारी की सूचना देना शुरू कर देगा। अन्य क्षेत्रों की तुलना में वित्त क्षेत्र में विश्वास एक मजबूत परिचालन आधार है और जब खुदरा निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है, अर्थव्यवस्था पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ना तय है।

2008 के बाद के बहुचर्चित नियमों का क्या हुआ?

विश्वास डगमगा गया है क्योंकि 2008 के बाद के नियामक उपाय SVB के पतन को नहीं रोक सके। उदाहरण के लिए, 2008 की वित्तीय मंदी के बाद, अमेरिका में डोड-फ्रैंक वॉल स्ट्रीट रिफॉर्म एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (Dodd-Frank Wall Street Reform and Consumer Protection Act) लागू किया गया था। यह दावा किया गया था कि इस अधिनियम ने कड़े नियामक उपायों की शुरुआत की है जो एक और लेहमन ब्रदर्स जैसे पतन को असंभव बना देगा। डोड-फ्रैंक अधिनियम जमाकर्ताओं के धन के सट्टा निवेश पर प्रतिबंधों के माध्यम से अटकलों पर अंकुश लगाएगा। इसके अलावा, विश्व स्तर पर, बेसल III मानदंड (Basel III norms) भी तैयार किए गए थे, जो कथित तौर पर पारदर्शिता में वृद्धि, जोखिम-प्रबंधन प्रथाओं में सुधार और प्रकटीकरण मानदंडों (disclosure norms) में वृद्धि, और सबसे बढ़कर, तरलता आवश्यकताओं (liquidity requirements) में वृद्धि कर पाए। इनके अलावा, समय-समय पर तनाव परीक्षण (stress tests) भी अनिवार्य कर दिये गए। इन विनियामक उपायों को नई वित्तीय संरचना (New financial Architecture) के रूप में प्रचारित किया गया। इनके बावजूद, SVB ढह गया। फिर इन नियामक उपायों का क्या मूल्य है? सोचने की बात है!

नई नीति जोखिम

कुछ नए नीतिगत जोखिम भी आने वाले हैं जो बैंकिंग संकट को और गहरा कर सकते हैं और इसे सामान्य बना सकते हैं।

राजकोषीय जोखिम: यूएस में, जमा बीमा राशि का भुगतान एक सरकारी एजेंसी द्वारा किया जाता है और इसलिए ऐसे भुगतानों को अंततः संघीय बजट द्वारा अंडरराइट करना पड़ता है; इसलिए यह एक बड़ा राजकोषीय बोझ है। रूस के विरुद्ध यूक्रेन के लोगों के मुक्ति संग्राम को रूस के विरुद्ध अमेरिकी साम्राज्यवाद के छद्म युद्ध में बदलने हेतु अमेरिका ने पहले ही भारी वित्तीय बोझ उठाया है। भारी तोपखाने और टैंकों की आपूर्ति के अलावा, यूएस-नाटो शक्तियां भी यूक्रेन को मिसाइलों की आपूर्ति कर रही हैं। जब एक संभावित बातचीत के समाधान के शुरुआती संकेत हैं, तो इसे रोकने के लिए, बाइडेन सक्रिय रूप से यूक्रेन को लड़ाकू जेट की आपूर्ति पर विचार कर रहे हैं, जो युद्ध को एक उच्च स्तर तक ले जाएगा। यह अमेरिका के लिए एक बड़ा वित्तीय बोझ होगा।

मौद्रिक जोखिम: क्योंकि मुद्रास्फीति स्थिर रहती है, फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी पर कोई रोक नहीं रहती है। बैंक एक निश्चित दर पर उधार देते हैं और दरों में इस तरह की बढ़ोतरी के कारण वे जो वास्तविक ब्याज आय एकत्र करते हैं, वह समाप्त हो जाता है। इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर पहले से ही अस्थिर है। अस्थिर शेयर बाजारों की तरह, यदि डॉलर की विनिमय दर में भी तेजी से उछाल आता है, तो यह बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक बड़ा मौद्रिक झटका होगा। ये संभावित राजकोषीय और मौद्रिक चुनौतियां, जो अमेरिकी बैंकों के सेहत के लिए गंभीर जोखिम पैदा करती हैं, और साथ में, बढ़ती मंदी वास्तव में चिक-एंड-एग स्टोरी है। किसी भी तरह से, अमेरिकी बैंक एक प्रमुख उछाल-भंग (boom-bust) वित्तीय चक्र से बच नहीं सकते हैं।

पूंजीवाद में चक्रीय आवधिक संकट कानून के दम पर संचालित होता है। स्वाभाविक रूप से, पूंजीवाद और इसे नियंत्रित करने वाले राज्य हर संभव नियामक और प्रतिकारी उपाय करते हैं। 19वीं शताब्दी में, कार्ल मार्क्स ने दिखाया कि कैसे आवधिक संकटों की प्रवृत्ति विनियामक (regulatory) और प्रतिकारी (countervailing) उपायों पर हावी हो जाती है। कोई भी विनियमन वित्तीय पूंजीवाद को संकट मुक्त नहीं बना सकता। दो, तीन, कई और...एसवीबी का होना तय है।

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