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रूस-यूक्रेन अपडेट, कार्ति चिदंबरम से पूछताछ और अन्य ख़बरें

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को अपने दो संबोधनों में देश के पूर्वी हिस्से में हुई सबसे भीषण लड़ाई और यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना पर आखिरकार जीत दर्ज करने की घोषणा की। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2011 में तलवंडी साबो बिजली परियोजना के निर्माण में शामिल चीनी कर्मचारियों को 263 वीजा जारी करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले में सांसद कार्ति चिदंबरम से शनिवार को लगातार तीसरे दिन पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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जेलेंस्की ने रूसी सेना पर जीत का दावा किया

कीव, 28 मई (एपी) यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को अपने दो संबोधनों में देश के पूर्वी हिस्से में हुई सबसे भीषण लड़ाई और यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना पर आखिरकार जीत दर्ज करने की घोषणा की।

उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया और कहा, ‘‘यूक्रेन एक ऐसा देश है, जिसने रूसी सेना की असाधारण शक्ति के मिथक को तोड़ दिया है। एक ऐसी सेना, जिसके बारे में माना जाता था कि वह कुछ ही दिनों में किसी को भी हरा सकती है।’’

जेलेंस्की ने कहा, ‘‘अब रूस पूरे देश पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हम यूक्रेन के भविष्य के बारे में सोचने के लिए काफी मजबूत स्थिति में हैं, जो पूरी दुनिया के लिए खुला रहेगा।’’

बाद में राष्ट्र के नाम दिए वीडियो संबोधन में जेलेंस्की ने दोनेत्स्क के पूर्वी शहर लाइमैन और लुगांस्क में यूक्रेन के नियंत्रण वाले अंतिम क्षेत्रों में से एक सिविएरोदोनेत्स्क को घेरने तथा उस पर कब्जा करने के रूसी प्रयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘दोनेत्स्क क्षेत्र के इस शहर का बड़ा रेलवे हब और दो अन्य प्रमुख शहर अब भी यूक्रेन के नियंत्रण में हैं।’’

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अगर कब्जा करने वालों को लगता है कि लाइमैन या सिविएरोदोनेत्स्क उनके होंगे तो वे गलत हैं। डोनबास यूक्रेन का ही रहेगा।’’

अन्य घटनाक्रम :

कीव, यूक्रेन - लुहान्स्क क्षेत्र के गवर्नर सेरही हैदई ने शुक्रवार को रूस के उन दावों का खंडन किया, जिनमें कहा गया है कि रूसी सेना ने पूर्वी शहर सिविएरोदोनेत्स्क को घेर लिया है। हालांकि, उन्होंने माना कि यूक्रेनी सैनिकों को पीछे हटना पड़ सकता है। हैदई ने शुक्रवार को टेलीग्राम पर लिखा कि रूसियों ने एक होटल और बस अड्डे पर कब्जा कर लिया है।
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रोम - इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की और उन्हें ‘‘यूरोपीय संघ (ईयू) के सहयोग से इतालवी सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।’’

इससे पहले, द्राघी ने बृहस्पतिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बंदरगाहों को खोलने से संबंधित एक समझौते को लेकर बात की थी। उन्होंने पुतिन से कहा था कि अगर समझौते को मंजूरी नहीं दी जाती है तो यूक्रेन के बंदरगाहों पर मौजूद कई लाख टन अनाज के सड़ने का खतरा है।

द्राघी से बातचीत में जेलेंस्की ने संकट के समाधान के लिए इटली द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।
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मॉस्को - रूस के दक्षिणी प्रांत चेचन्या के क्रेमलिन समर्थित नेता ने एक वीडियो जारी कर चेतावनी दी है कि यूक्रेन के बाद अगला निशाना पोलैंड हो सकता है।

रमजान कादिरोव ने अपने आधिकारिक टेलीग्राम पेज पर साझा किए गए वीडियो में कहा है कि यूक्रेन का ‘‘काम तमाम हो गया है’’ और अगर अगला आदेश दिया गया तो हम छह सेकंड में आपको (पोलैंड) दिखा देंगे कि आप क्या हैं।

पोलैंड की सीमा यूक्रेन से लगती है और उसने अपने पड़ोसी को हथियार व अन्य सहायता प्रदान की है। पोलैंड ने लाखों यूक्रेनी शरणार्थियों को शरण भी दी है।
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मॉस्को - रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि जहाजों की सुरक्षित आवाजाही की अनुमति देने के लिए यूक्रेन को अपने बंदरगाहों के पास के क्षेत्रों से समुद्री खदानों को हटा देना चाहिए।

पुतिन ने ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ शुक्रवार हुई बातचीत में ‘‘खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान किया।’’ उन्होंने पश्चिमी देशों के उन दावों को खारिज किया कि रूस की कार्रवाई ने वैश्विक खाद्य संकट को बढ़ा दिया है।

अमेरिका और अन्य पश्चिमी सहयोगियों ने प्रतिबंधों को हटाने की रूसी मांग को खारिज कर दिया है और मॉस्को पर यूक्रेन से वैश्विक बाजारों में अनाज की आपूर्ति को बाधित करने का आरोप लगाया है, जिससे रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने इनकार किया है।
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लंदन - ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि रूस की सेना पूर्वी यूक्रेन में ‘स्पष्ट रूप से प्रगति’ कर रही है और यूक्रेनी सेना को लंबी दूरी के रॉकेट लांचर व अन्य सैन्य सहायता की आवश्यकता है।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मॉस्को के सैनिकों ने हाल ही में कई गांवों पर कब्जा कर लिया है, क्योंकि वे पूर्वी डोनबास क्षेत्र में सिविएरोदोनेत्स्क और लिसिचन्स्क को घेरने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस क्षेत्र पर उनका पूर्ण नियंत्रण नहीं हुआ है।
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इस्तांबुल : तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा है कि नाटो की सदस्यता के लिए तुर्की की आपत्तियों को दूर करने के लिए स्वीडन और फिनलैंड को अब उनके देश की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने की खातिर ‘‘ठोस कदम’’ उठाने चाहिए।

स्वीडन और फिनलैंड को नाटो की सदस्यता दिलाने के लिए संगठन के सभी सदस्य देशों के समर्थन की आवश्यकता है, लेकिन तुर्की उनका विरोध कर रहा है। तुर्की ने कुर्द लड़ाकों के लिए इन देशों के कथित समर्थन का हवाला दिया है, जिन्हें वह आतंकवादी मानता है। उसने तुर्की को हथियारों की बिक्री पर लगे प्रतिबंध का भी हवाला दिया है।
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बर्लिन - जर्मनी के विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज ने शुक्रवार को यूक्रेन की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन को अधिक समर्थन देने और देश के पुनर्निर्माण पर चर्चा की।

रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से शुल्ज यूक्रेन की यात्रा करने वाले दूसरे जर्मन मंत्री हैं। इससे पहले, जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने 10 मई को यूक्रेन की यात्रा की थी और कीव में देश के दूतावास को फिर से खोल दिया था।

शुल्ज के मंत्रालय ने कहा कि उनकी शुक्रवार को कीव में प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की योजना है।

शुल्ज ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘हमें पहले से ही एक स्वतंत्र ए‍वं लोकतांत्रिक यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित सहयोग की नींव रखनी चाहिए और जर्मनी इसमें योगदान देगा।’’
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मॉस्को - रूस के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि वह रूस के राजनयिक मिशन में कमी लाने के लिए क्रोएशिया द्वारा उठाए गए ‘‘गैर मित्रवत कदम’’ के जवाब में पांच क्रोएशियाई राजनयिकों को निष्कासित कर रहा है।

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने शुक्रवार को क्रोएशिया के राजदूत टोमिस्लाव कार को तलब किया और इस कदम की जानकारी दी। पिछले महीने क्रोएशिया ने 18 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।
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मॉस्को - रूस के एक कम्युनिस्ट नेता ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान को समाप्त करने और कीव से रूसी सेना की वापसी की मांग की है।

लियोनिद वासुकेविच ने शुक्रवार को व्लादिवोस्तोक के प्रशांत बंदरगाह में प्रिमोर्स्क क्षेत्रीय विधान सभा की एक बैठक में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अगर हमारा रूस सैन्य अभियान को नहीं रोकता है तो हमारे देश में और अधिक लोग अनाथ होंगे।’’

‘वीजा के बदले रिश्वत’ मामले में सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम से लगातार तीसरे दिन पूछताछ की

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2011 में तलवंडी साबो बिजली परियोजना के निर्माण में शामिल चीनी कर्मचारियों को 263 वीजा जारी करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने के मामले में सांसद कार्ति चिदंबरम से शनिवार को लगातार तीसरे दिन पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कार्ति शनिवार सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे और उनसे पूरे दिन पूछताछ जारी रहने की संभावना है।

अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई बृहस्पतिवार से कार्ति से 11 साल पुराने मामले में पूछताछ कर रही है, जिसे कांग्रेस नेता ने ‘‘फर्जी’’ और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का परिणाम बताया है। यह मामला 2011 का है, जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।

सीबीआई ने कार्ति और अन्य के खिलाफ वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा उन्हें और उनके करीबी एस भास्कररमन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने के मामले में 14 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी।

सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि रिश्वत लेकर 263 चीनी कामगारों के लिए परियोजना वीजा जारी किया गया। टीएसपीएल पंजाब में बिजली संयंत्र स्थापित कर रही थी।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि परियोजना वीजा 2010 में बिजली और इस्पात क्षेत्र के लिए पेश किए गए एक विशेष प्रकार के वीजा थे, जिसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान जारी किए गए थे। हालांकि, इन्हें फिर से जारी करने का कोई प्रावधान नहीं था।

जांच एजेंसी इस मामले में भास्कररमन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

अर्जेंटीना में मंकी पॉक्स के दो मामले सामने आए

ब्यूनस आयर्स, 28 मई (एपी) अर्जेंटीना में शुक्रवार को मंकी पॉक्स के दो मामले सामने आए। दोनों मामले हाल ही में स्पेन से अर्जेंटीना पहुंचे दो पुरुषों में दर्ज किए गए, जिससे लातिन अमेरिका में पहली बार इस संक्रमण की मौजूदगी की पुष्टि हुई।

अर्जेंटीना के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ब्यूनस आयर्स के एक व्यक्ति के मंकी पॉक्स से संक्रमित होने की बात कही थी। यह व्यक्ति हाल ही में स्पेन से लौटा था। मंत्रालय ने बाद में एक बयान जारी कर बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में अर्जेंटीना आए स्पेन के एक नागरिक में भी मंकी पॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई है।

अधिकारियों ने संक्रमितों के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा, “दोनों की हालत स्थिर है। उन्हें पृथक-वास में रखा गया है और उनका उपचार जारी है।”

मंत्रालय के मुताबिक, स्पेन से लौटे दोनों मरीजों के संपर्क में आए लोगों की जांच की जा रही है और अभी तक किसी में संक्रमण के लक्षण सामने नहीं आए हैं।

महाराष्ट्र मादक पदार्थ नाइजीरियाई गिरफ्तार

महाराष्ट्र : 11.50 लाख रुपये के प्रतिबंधित पदार्थ के साथ दो नाइजीरियाई गिरफ्तार
पालघर (महाराष्ट्र), 28 मई (भाषा) महाराष्ट्र के पालघर जिले के नालासोपारा से पुलिस ने दो नाइजीरियाई नागरिकों को प्रतिबंधित पदार्थ मेफेड्रोन रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिसकी कीमत 11.50 लाख रुपये के करीब आंकी गई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मीरा भयंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस के नशीला पदार्थ रोधी प्रकोष्ठ (एएनसी) ने दोनों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया।

एमबीवीवी पुलिस के प्रवक्ता बलराम पालकर ने बताया कि दोनों आरोपियों-ऑस्टिन ओमाका (45) और जोसेफ इमैनुअल (36) के खिलाफ तुलिंज पुलिस थाना में नशीला पदार्थ निषेध (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी नाइजीरिया के लागोस शहर के रहने वाले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की एक टीम ने जाल बिछाया और पहले ओमाका को पकड़ा, जिसके कब्जे से छह लाख रुपये मूल्य का 60 ग्राम मेफेड्रोन बरामद किया गया। बाद में, उसके सहयोगी इमैनुअल को गिरफ्तार किया गया और 55 ग्राम नशीला पदार्थ जब्त किया गया, जिसकी कीमत 5.50 लाख रुपये बताई जा रही है।’’

पुलिस के मुताबिक, जब्त मादक पदार्थ का कुल वजन 115 ग्राम है और इसकी कीमत 11.50 लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि प्रतिबंधित पदार्थ का स्रोत क्या है और इसे किसे बेचा जाना था।

छत्तीसगढ़ : तालाब में डूबने से दो बालिकाओं की मौत

कोरबा, 28 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में दो बालिकाओं की कथित तौर पर तालाब में डूबने से मौत हो गई है। सरगुजा जिले के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
   
उन्होंने बताया कि उदयपुर थाना क्षेत्र के दिवालिया गांव में दो बहनों-दिव्या तिर्की (आठ) और सुशीला तिर्की (सात) के शव एक तालाब में तैरते मिले हैं।
     
अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस को जानकारी मिली है कि दिवालिया गांव निवासी बंधन सिंह की बेटियां दिव्या और सुशीला अपने परिजनों के साथ बृहस्पतिवार को एक विवाह समारोह में गई थीं।

उन्होंने बताया कि परिजन शाम को विवाह समारोह से वापस आ गए, लेकिन दोनों बच्चियां नहीं लौटीं। इसके बाद उन्होंने बच्चियों को खोजना शुरू किया, लेकिन वे नहीं मिलीं।

अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को जब ग्रामीणों ने दोनों बहनों के शव तालाब में तैरते देखे तो उन्होंने इसकी जानकारी बंधन सिंह और पुलिस को दी। बाद में ग्रामीणों की मदद से दोनों शव तालाब से बाहर निकाल लिए गए।
     
उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही एक पुलिस दल घटनास्थल पर रवाना किया गया और शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
   
अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस को आशंका है कि विवाह समारोह से वापस लौटते समय दोनों बहनें पीछे रह गई होंगी और रास्ते में पड़े तालाब में नहाने चली गई होंगी, जिस दौरान डूबने से उनकी मौत हो गई।
   
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है।

वेस्ट बैंक में इजराइल की गोलीबारी में किशोर की मौत : फलस्तीन

यरुशलम, 28 मई (एपी) फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजराइली सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को वेस्ट बैंक में बेथलेहम के पास एक शहर में अपने अभियान के दौरान किशोर की गोली मारकर हत्या कर दी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मारे गए किशोर की पहचान 15 वर्षीय जैद गुनैम के रूप में की। मंत्रालय ने कहा कि किशोर गर्दन और पीठ में इजरायली सैनिकों की गोली लगने से घायल हो गया था और चिकित्सक उसकी जान नहीं बचा पए। पिछले एक महीने में वेस्ट बैंक में इजराली सैन्य अभियानों के दौरान मारे गए फलस्तीनी किशोरों की संख्या पांच हो गई है।

इजराइली सैनिक वेस्ट बैंक के फलस्तीन-प्रशासित क्षेत्रों में तकरीबन रोजाना गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रहे हैं इससे इजराइल-फलस्तीन के बीच हिंसा तेज हो गई है।

फलस्तीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘वफा’ ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा कि गुनैम, अल-खादर इलाके में सैनिकों के सामने आ गया और उसने भागने की कोशिश की लेकिन सैनिकों ने उस पर गोली चला दी। एक ऑनलाइन वीडियो में रास्ते में खड़ी सफेद कार के पास खून के धब्बे दिख रहे हैं, जो कथित तौर पर घटनास्थल पर गोलीबारी के बाद के निशान बताए जा रहे हैं।

हालांकि, इजराइली सेना ने कहा कि सैनिकों ने उन फलस्तीनियों पर गोलियां चलाईं, जिन्होंने सैनिकों पर पत्थरबाजी की और मोलोटोव कॉकटेल (पेट्रोल बम) फेंके। सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘सैनिकों ने एक घायल व्यक्ति को घटनास्थल पर ही प्राथमिक उपचार मुहैया कराया।’’

फलस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने आरोप लगाया कि इजराइली सैनिकों ने गुनैम को मारने के इरादे से उस पर ‘‘जानबूझ कर’’ गोली चलाई।

इजराइल के अति राष्ट्रवादियों की रविवार को यरुशलम की ओल्ड सिटी में मुख्य मुस्लिम मार्ग से जुलूस निकालने की योजना बनाई। परिसर में अल-अक्सा मस्जिद है, जिसे इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना गया है। यहूदी इसे ‘टेंपल माउंट’ कहते हैं और उनके लिए भी इस मस्जिद का बेहद महत्व है।

पहले भारत में बिक्री की मंजूरी मिले, फिर टेस्ला का संयंत्र लगाने पर फैसलाः मस्क

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऐलन मस्क ने कहा है कि टेस्ला को भारत में अपनी कारों की बिक्री की अनुमति मिलने के बाद ही स्थानीय स्तर पर इसके विनिर्माण के बारे में कोई फैसला किया जाएगा।

मस्क ने भारत में टेस्ला का विनिर्माण संयंत्र लगाने की संभावना के बारे में ट्विटर पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘टेस्ला किसी भी ऐसी जगह पर अपना विनिर्माण संयंत्र नहीं लगाएगी जहां उसे पहले अपनी कारों की बिक्री एवं सर्विस की अनुमति नहीं दी गई हो।’’

मस्क का यह बयान इस लिहाज से अहम है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टेस्ला को भारत में ही बनी कारों की बिक्री की मंजूरी देने की बात कही थी। गडकरी ने अप्रैल में कहा था कि अगर टेस्ला भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन के लिए तैयार है तो वह यहां पर बिक्री कर सकती है।

दरअसल भारत विदेश में बनी कारों के आयात पर भारी शुल्क लगाता है जिसकी वजह से उनकी कीमत काफी बढ़ जाती है। टेस्ला ने इस आयात शुल्क में कटौती की मांग रखी थी।

मस्क ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि टेस्ला भारत में अपने वाहनों को बेचना चाहती है लेकिन यहां पर बहुत ज्यादा आयात शुल्क लगता है। मस्क ने कहा था कि अगर टेस्ला को भारतीय बाजार में कामयाबी मिलती है तो वह भारत में इसका विनिर्माण संयंत्र लगाने के बारे में सोच सकते हैं।

फिलहाल भारत विदेश में बनी 40,000 डॉलर से अधिक मूल्य वाली कारों के आयात पर 100 फीसदी शुल्क लगाता है।

श्रीलंका में राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग को लेकर 50वें दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी

कोलंबो, 28 मई (भाषा) श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शन शनिवार को लगातार 50वें दिन भी जारी रहा।

प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा है कि इस दिन विशेष रूप से बड़े पैमाने पर, लोगों की व्यापक भागीदारी के साथ प्रदर्शन किए जाएंगे।

श्रीलंका इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और दिवालिया होने के कगार पर है। श्रीलंका में इस समय लोगों को भोजन, ईंधन, दवाओं और रसोई गैस से लेकर माचिस तक की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण पिछले 49 दिनों से राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके कारण वहां राजनीतिक अशांति पैदा हो गयी है। गौरतलब है कि गोटाबाया के बड़े भाई महिंदा राजपक्षे नौ मई को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे से भी इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।

प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा, “राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों का आज 50वां दिन है। इस दिन लोगों की व्यापक भागीदारी के साथ प्रदर्शन किए जाएंगे।’’

इस बीच, पुलिस ने कहा कि उन्होंने अदालत का एक आदेश प्राप्त किया है जिसके तहत सेंट्रल कोलंबो में किला क्षेत्र की कुछ प्रमुख सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है।

राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर एक मार्च के लिए प्रदर्शनकारी स्थानीय समयानुसार दोपहर दो बजे से काले झंडे लेकर प्रदर्शन स्थल पर इकट्ठा होंगे।

चमीरा जीवनथा नामक एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारा संघर्ष तभी समाप्त होगा जब राजपक्षे परिवार राजनीति छोड़ देगा और उनके द्वारा किए गए सभी गलत कामों के लिए उन्हें लोगों की अदालत में पेश किया जाएगा।"

श्रीलंका 1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

पंजाब पुलिस ने नेताओं, तख्त जत्थेदारों और अधिकारियों की सुरक्षा वापस ली

चंडीगढ़, 28 मई (भाषा) पंजाब पुलिस ने पूर्व विधायकों, दो तख्तों के जत्थेदारों, डेरा प्रमुखों और पुलिस अधिकारियों समेत कुल 424 लोगों की सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया है।

पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) ने, हालांकि शुक्रवार को जारी आदेश में कहा है कि सुरक्षाकर्मियों को आकस्मिक कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी के सिलसिले में अस्थायी तौर पर वापस लिया जा रहा है।

सुरक्षा खोने वाले सिख धर्म के प्रमुख पदाधिकारियों में बठिंडा में तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ही अकाल तख्त के जत्थेदार का भी प्रभार संभालते हैं। अकाल तख्त सिखों की धार्मिक सत्ता का प्रमुख केंद्र है।

जिन लोगों से पुलिस सुरक्षा वापस ली जाएगी, उनमें आनंदपुर साहिब जिले में तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, जालंधर में डेरा सचखंड बल्लां के प्रमुख संत निरंजन दास, भैनी साहिब, लुधियाना के सतगुरु उदय सिंह नामधारी, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह शामिल हैं।

जगराओं के गुरुद्वारा नानकसर कलेरां वाले के बाबा लाखा सिंह और जालंधर में कहना ढेसियां, गोराया के डेरा प्रमुख संत तरमिंदर सिंह की सुरक्षा भी वापस ले ली गयी है।

डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के 10 पुलिसकर्मियों, डेरा दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, नूरमहल के नौ पुलिसकर्मियों और शाही इमाम पंजाब, मोहम्मद उस्मान लुधियानवी की सुरक्षा के लिए तैनात छह पुलिसकर्मियों को भी हटा लिया गया है।

जिन विधायकों की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें मजीठा सीट से शिरोमणि अकाली दल की विधायक गनीवे कौर मजीठिया, जालंधर छावनी से कांग्रेस विधायक परगट सिंह और लुधियाना उत्तर से आम आदमी पार्टी के विधायक मदन लाल बग्गा भी शामिल हैं।

कांग्रेस के पूर्व विधायक कुलजीत सिंह नागरा, बलविंदर सिंह लड्डी, हरमिंदर गिल, मदन लाल जलालपुर, सुरजीत धीमान, हरदयाल कंबोज और सुखपाल भुल्लर के अलावा भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक दिनेश बब्बू, शरणजीत सिंह ढिल्लों, कंवरजीत सिंह और गुरप्रताप सिंह वडाला की सुरक्षा भी वापस ले ली गयी है।

इसके अलावा कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा भी वापस ली गयी है।

बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) बाल अधिकारों की दिशा में काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के सामाजिक प्रभाव के कारण बच्चों की गुमशुदगी के मामलों में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है।

स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए इन संगठनों ने ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समितियों को तत्काल मजबूत करने और अभिभावकों को संवेदनशील बनाने तथा उन्हें जरूरी प्रशिक्षण देने का आह्वान किया है। उन्होंने सरकार से इस बाबत पर्याप्त बजट आवंटित करने का आग्रह भी किया है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश में गुमशुदा बच्चों की कुल संख्या बढ़कर 1,08,234 पर पहुंच गई थी।

एनसीआरबी के अनुसार, साल 2008 से 2020 के बीच बच्चों की गुमशुदगी के सालाना मामले लगभग 13 गुना बढ़ गए। 2008 में देश में लापता हुए बच्चों की संख्या 7,650 थी।

कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन की सहयोगी संस्था 'बचपन बचाओ आंदोलन' (बीबीए) के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने बताया कि पिछले दो वर्षों में बीबीए ने देशभर में लगभग 12,000 बच्चों को बचाया है।

टिंगल ने ''पीटीआई-भाषा'' से कहा, "हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि महामारी की दस्तक के बाद बाल तस्करी कई गुना बढ़ गई है।"

एनजीओ ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (क्राई) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में मध्य प्रदेश में रोजाना औसतन 29 और राजस्थान में 14 बच्चे लापता हुए। यह रिपोर्ट सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दायर एक आवेदन से मिली जानकारी पर आधारित है।

टिंगल ने कहा, ''कुछ बच्चों की तस्करी उनके माता-पिता की सहमति से की जा रही थी, जबकि कुछ अपनी मर्जी से तस्करों के साथ गए। बहरहाल, इनमें से अधिकांश बच्चे लापता हैं।"

उन्होंने रेलवे, रोडवेज और अन्य परिवहन सेवाओं के कर्मचारियों से आग्रह किया कि अगर उन्हें कोई अकेला बच्चा या भीख मांगने वाला बच्चा दिखता है तो वे तुरंत इसकी सूचना दें।

टिंगल ने कहा, "ऐसे बच्चों को सरकारी सुरक्षा के दायरे में लाया जाना चाहिए।"

‘सेव द चिल्ड्रन’ में बाल संरक्षण से जुड़े मामलों के उप-निदेशक प्रभात कुमार ने कहा, ''बढ़ती गरीबी बच्चों के लापता होने या तस्करी का शिकार बनने का एक प्रमुख कारण है।''

उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा तक पहुंच न होने और कोविड-19 के कारण सीखने की प्रक्रिया बाधित होने के कारण भी स्थिति खराब हुई है।

क्राई की क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) सोहा मोइत्रा ने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में कई परिवार पहले से ही कर्ज में डूबे थे। महामारी के कारण उन पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है। ऋण वापस करने के दबाव ने ऐसे परिवारों के बच्चों की तस्करी, बाल श्रम और बाल विवाह को बढ़ावा दिया है।”

उन्होंने कहा कि मास्क के इस्तेमाल की अनिवार्यता से अक्सर तस्करों और अपहरणकर्ताओं की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।

मोइत्रा के अनुसार, "संबंधित सरकारी विभागों को स्थानीय प्रशासनिक निकायों और नागरिक समाज संगठनों के सहयोग से बच्चों की शिक्षा के महत्व को लेकर जागरूकता फौलाने के लिए नियमित रूप से आगे आना चाहिए।"

2020 में लगभग चार महीने (मार्च से जून तक) पूर्ण लॉकडाउन होने के बावजूद कुल 59,262 बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिनमें 13,566 लड़के, 45,687 लड़कियां और नौ ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, लापता लड़िकयों की संख्या 2018 में लगभग 70 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 71 प्रतिशत और 2020 में 77 प्रतिशत हो गई।

दूसरी ओर, पिछले वर्षों में लापता बच्चों की संख्या 2018 में कुल गुमशुदा बच्चों का लगभग 42 प्रतिशत, 2019 में 39 प्रतिशत और 2020 में 45 प्रतिशत थी।

उप्र के प्रस्तावित बजट को विपक्ष ने सपने बेचने वाला व सत्ता पक्ष ने ऐतिहासिक बताया

लखनऊ, 28 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय (बजट) पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने बजट को किसान, महिला, रोजगार और जनविरोधी करार देते हुए सपने बेचने वाला करार दिया, जबकि सत्‍ता पक्ष के सदस्यों ने इसकी जमकर सराहना की।
   
विधानसभा सत्र के छठे दिन वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट पर चर्चा की शुरुआत समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य लालजी वर्मा ने की। सत्‍ता पक्ष की ओर से सिद्धार्थनाथ सिंह ने बजट के समर्थन में सबसे पहले अपनी बात रखी और बजट को ऐतिहासिक बताया।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्‍ना ने पेश किया था। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया गया है। खन्‍ना ने बताया था कि यह पिछले वित्त वर्ष के लिए पारित 5,50,270 करोड़ रुपये के बजट के मुकाबले 65 हजार 249 करोड़ रुपये अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 39,181.10 करोड़ रुपये की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं।
 
बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सपा सदस्य लालजी वर्मा ने कहा कि यह बजट पिछले पांच वर्षों के बजट की तरह ही छलावा है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाला बजट है। उन्होंने तंज किया कि सरकार ने बजट को इतिहास का सबसे बड़ा बजट बताया है, लेकिन वास्तविकता यथार्थ से परे है।

वर्मा ने कहा कि बजट पर अमल कितना हो रहा है, सभी को उस तस्‍वीर को देखने की जरूरत है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पिछली सरकार (2017-2022) के पेश हुए बजट का आंकड़ेवार ब्योरा देते हुए कहा कि जितना बजट पेश हुआ, वह भी खर्च नहीं हो सका। वर्मा ने कहा कि 2021-22 में अनुपूरक मिलाकर कुल पांच लाख 85 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया, लेकिन खर्च चार लाख 84 हजार करोड़ रुपये हुआ। पूर्व में वित्‍त मंत्री रह चुके वर्मा ने दावा किया कि कई विभागों में 45 से लेकर 70 फीसद तक ही बजट राशि खर्च हो सकी है।

वर्मा के बयान पर हस्तक्षेप करते हुए वित्‍त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्‍ना ने कहा, ‘‘आप अपने आंकड़े सही कर लें।’’ उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में अनुपूरक मिलाकर कुल पांच लाख 66 हजार करोड़ रुपये का बजट था।

लालजी वर्मा ने आरोप लगाया कि यह सपने बेचने वाला बजट है और इसमें संकल्प पत्र (भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र) का एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने इसे खोखला बजट करार देते हुए यह भी आरोप लगाया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण मद में 3.19 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक बजट है, बेरोजगारों-नौजवानों को रोजगार न देने वाला बजट है, यह किसान-विरोधी बजट है, यह महिला-विरोधी और अपराध बढ़ाने वाला बजट है। वर्मा ने कहा कि यह पक्षपातपूर्ण बजट है, पिछड़े-दलितों के साथ अन्याय हो रहा है, यह अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय वाला बजट है।

बजट के समर्थन में बोलते हुए सत्ता पक्ष के सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसके पास जो रहता है, वही उछाल देता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास तो गुलाब है, लेकिन उनके पास कीचड़ है, उन्होंने वही उछाल दिया।’’ सिंह ने एक शेर पढ़ते हुए विपक्षी सदस्यों पर तंज किया -

 ‘‘सीढियाँ उन्हें मुबारक हो, जिन्हें छत पर जाना है,
 आसमां है जिनकी मंजिल, रास्ता स्वयं बनाना है।’’

सिद्धार्थनाथ ने कहा कि आंकड़ों के जाल में नहीं फंसना है। बजट की सराहना करते हुए उन्होंने इसे ऐतिहासिक बजट बताया।

उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर 65 से 70 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं और गांवों को छोड़कर अगर अर्थव्यवस्था पर चर्चा करें तो यह उचित नहीं है। सिंह ने कहा कि पहली बार योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों की 2017 में सरकार बनने के बाद एक जिला-एक उत्‍पाद जैसी योजना शुरू हुई और परंपरागत उद्योगों को चालू करने की पहल की गई।
विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो मिट्टी का हुनर रखते हैं, उन्हें आपने अवैध खनन करना सिखा दिया और हमने उनके लिए माटी कला बोर्ड बना दिया।’’ सिद्धार्थनाथ ने बजट को मास्‍टर स्‍ट्रोक बताया। सिंह ने कहा कि बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है।

ध्‍यान रहे कि समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति कई आरोपों में इस समय जेल में बंद हैं और उन पर खनन घोटाले का आरोप लगा था।
   
बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा कि सरकार का बजट पूरी तरह झूठ की नींव खड़ा है और इसमें कदम-कदम पर जनता को गुमराह किया गया है एवं भ्रमित करने की पूरी कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महंगाई को लेकर हाहाकार मचा है और सरकार से अपेक्षा थी कि ऐसा बजट आएगा कि जिंदगी को थोड़ा आसान बना देगा, लेकिन यह ऐसा बजट आया है कि जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।

मिश्रा ने कहा कि दु:ख इस बात का है कि चुनाव में जो वादे किये गये थे उसे भी भाजपा-नीत सरकार पूरा करने में सक्षम नहीं है। उन्‍होंने अपने सुझावों को बजट में शामिल करने का अनुरोध किया।

बजट के विरोध में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के दल नेता ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि 1952 में जब से चुनाव हुआ तब से बजट पेश किया जा रहा है, लेकिन इस बजट का ढिंढोरा पीटा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले बजट में बेटियों की शादी के लिए दो सौ करोड़ रुपये मिलता था, लेकिन इस बजट में पिछड़ी जाति की बेटी की शादी के लिए बजट में कुछ नहीं है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, ''गर्मी के मौसम में भी ओला पड़ने लगा है, जिसका पेट भरा है वह बेवजह लड़ने लगा है।'' उन्होंने बजट में पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाया। राजभर ने जातिवार जनगणना कराने की मांग पर जोर दिया।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी अपना दल (एस) के नेता राम निवास वर्मा ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा और गठबंधन की सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है और इसमें सभी वर्गों के कल्‍याण और प्रदेश के समग्र विकास का खाका खींचा गया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकताएं जब निश्चित हों तो लक्ष्य हासिल करना आसान हो जाता है।

वर्मा ने कहा कि इसमें शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और किसान के साथ-साथ लोक कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान दिया गया है।

राष्‍ट्रीय लोकदल के नेता राजपाल बालियान ने प्रस्तावित बजट के विरोध में बोलते हुए कहा कि इसमें किसानों के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है, किसानों को फसलों के अच्छे दाम का प्रबंध नहीं किया गया है।

उन्होंने किसानों के लिए विशेष प्रावधान करने और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के छापे ऐसे डाले जा रहे हैं जैसे डकैत की तलाश हो रही है।

भाजपा की सहयोगी निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के नेता अनिल त्रिपाठी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश की खुशहाली के लिए बजट में प्रबंध किया गया है। उन्होंने शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, किसान, महिला और युवाओं की बेहतरी और कल्याण की दिशा में बजट को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार की सराहना की।

बजट पर चर्चा में सपा के वरिष्ठ सदस्य (पूर्व विधानसभा अध्यक्ष) माता प्रसाद पांडेय, रविदास मेहरोत्रा, इंद्रजीत सरोज, भाजपा की सदस्य अनुपमा जायसवाल, राम नरेश अग्निहोत्री, राष्ट्रीय लोकदल के प्रसन्न कुमार समेत कई सदस्यों ने भाग लिया।

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