यूपी : SKM ने न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ दर्ज FIR की प्रतियां जलाई, मनाया राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस
आजमगढ़ में एसडीएम को ज्ञानप सौंपते किसान नेता
उत्तर प्रदेश के वाराणसी, चंदौली, मऊ, देवरिया और आजमगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को कवर करने वाले जनपक्षधर मीडिया संस्थान और पत्रकारों के दमन के खिलाफ राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस मनाया। वाराणसी के जंसा में सोमवार को न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज FIR की प्रतियां फूंकी गईं साथ ही न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक और अन्य पत्रकारों के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट को वापस लेने की मांग की गई। इस बाबत संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी भेजा।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के कार्यकर्ताओं ने जंसा इलाके के कपरफोरवां में देश के जाने-माने समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ एवं एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को फर्जी मामले में फंसाए जाने के विरोध में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज रिपोर्ट की प्रतियां फूंकी गईं। इस मौके पर किसान नेताओं ने बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि अन्नदाता के हितों के लिए आवाज उठाने वाले मीडिया संस्थानों का सरकार गला घोंट रही है।
किसान नेता शिवशंकर शास्त्री ने कहा, 'संयुक्त किसान मोर्चा न्यूजक्लिक के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमों का मुद्दा देश भर में उठाएगा। साथ ही उन पत्रकारों के साथ सजग होकर खड़ा रहेगा जो हमेशा किसानों की आवाज उठाते रहे हैं। बीजेपी सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के पत्रकारों के यहां एक साथ छापेमारी की और सभी के मोबाइल फोन, लैपटाप, हार्डडिस्क आदि उठा ले गए। इन सामानों को जब्त करने के बाद किसी को रिसीट तक नहीं दी गई। पुलिस का यह कृत्य अमानवीय और अनैतिक है। न्यूजक्लिक के पत्रकारों को सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि वो किसानों और मजदूरों के हितों को प्रमुखता से उठाते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा हर उस सरकर के खिलाफ आवाज उठाएगा जो किसानों का दमन करेंगे।'
केंद्र सरकार पर वादाख़िलाफ़ी का आरोप लगाते हुए लालचंद ने कहा, "केंद्र सरकार ने किसानों के साथ जो समझौता किया था उसे लागू करने के बजाय मुकर गई। ऐसी सरकार पर भला कौन भरोसा करेगा, जो झूठे वादे करती है। "न्यूज़क्लिक" पर दर्ज फर्जी मुक़दमे वापस नहीं किए गए तो किसान फिर सड़क पर उतरेंगे और बीजेपी सरकार की मनमानी, छल, फरेब व जोर-जुल्म की कहानी हर किसी को बताएंगे। एसकेएम ने 26-28 नवंबर 2023 को लखनऊ में महापड़ाव का ऐलान किया है, जिसमें यूपी के सभी किसान मोदी सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे। दिसंबर और जनवरी में बड़े पैमाने पर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा, जिसमें एसकेएम के साथ ट्रेड यूनियन और खेत मज़दूर संगठनों को भी शामिल किया जाएगा।"
किसान नेता ऋषि नारायण ने आवारा पशुओं का मुद्दा उठाया और कहा, "यूपी में छुट्टा पशुओं के चलते खेती मुसीबत का सबब बन गई है। जिन किसानों की फसलों को पशु नुकसान कर रहे हैं उन किसानों को मुआवजा दिया जाए। बीजेपी सरकार अगर किसानों की मांग स्वीकार नहीं करेगी तो ऐतिहासिक आंदोलन छेड़ा जाएगा।"
किसान महादेव, लकी और मनीष ने आरोप लगाया कि 'सरकार ने महंगाई, बेरोज़गारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि संकट की ओर से मुंह मोड़ लिया है। वह समाज में सिर्फ सांप्रदायिकता का विष बो रही है और विभाजन की राजनीति कर भाईचारे को नष्ट कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े संस्थानों को कौड़ियों के मोल अडानी जैसे कॉरपोरेट घरानों को बेचा जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जिस तरह से पत्रकारों और आंदोलनकारियों के घरों में छापेमारी कर रही है और निर्दोष लोगों को गैर-कानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसे संगीन व अलोकतांत्रिक कानूनों में पाबंद कर रही है उस पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। न्यूजक्लिक के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट ऐतिहासिक किसान आंदोलन को कुचलने का कुत्सित प्रयास है। इसकी जितनी भी निदा की जाए, वह कम होगी।'
उधर आजमगढ़ में किसान नेताओं ने अमर शहीद कुंवर सिंह उद्यान में बैठक के बाद न्यूज़क्लिक के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रतियां फूंकी। बाद में उप-जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा, "केंद्र सरकार खेती को कॉरपोरेट घरानों के हवाले करने के लिए किसानों को बदनाम कर रही है। जनपक्षधर मीडिया संस्थान न्यूजक्लिक ने किसान आंदोलन को शानदार ढंग से कवर किया। किसान आंदोलन का समर्थन करने पर न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को फर्जी केस में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इलेक्टोरल बांड के जरिए विदेशी चंदा और प्रत्यक्ष पूंजी निवेश (एफडीआई) और डॉलर के सामने नतमस्तक मोदी सरकार ने न्यूज़क्लिक को विदेशी फंडिंग आरोपी का बना दिया है। मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस मना रहा है।"
वक्ताओं ने यह भी कहा कि 'मोदी सरकार के तानाशाही रवैये से हर तबका आजिज आ गया है। मीडिया की स्वतंत्रता और जनता की आवाज को वह ईडी और सीबीआई के जरिये कुचलना चाहती है। न्यूजक्लिक के खिलाफ दर्ज की गई फर्जी रिपोर्ट रद की जाए और जनपक्षधर मीडिया संस्थान के संस्थापक को तत्काल रिहा किया जाए। ऐसा नहीं किया गया तो किसान चैन से नहीं बैठेंगे।'
वक्ताओं ने बीएचयू में यौन हिंसा की शिकार छात्रा को न्याय दिलाने और आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग उठाई। साथ ही यह भी कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए किसान बड़ा मुहिम छेड़ेंगे और मीडिया और जनता के जनतांत्रिक अधिकारों को कुचलने वाली सरकार को सबक सिखाएंगे। बैठक में जयप्रकाश नारायण, डॉ रविंद्र नाथ राय, नंदलाल, राजेश आजाद, दुखहरन राम, रामजनम, वेद प्रकाश उपाध्याय, जितेंद्र हरि पांडेय, विनोद सिंह, लालमन, राजदेव,वसंत, फूलचंद, सुदर्शन राम, हवलदार राम आदि ने संबोधित किया।
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