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WHA में महामारी को लेकर स्वतंत्र वैश्विक अध्ययन के लिए सर्वसम्मति से समर्थन

वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली में चीन को हाशिए पर लाने के लिए अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया द्वारा किए गए प्रयास विफल हो गए क्योंकि इस प्रस्ताव में वुहान या चीन का कोई उल्लेख नहीं हुआ है।
कोरोना वायरस

वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली (डब्ल्यूएचए) ने 18 मई को नोवेल कोरोना वायरस महामारी की वैश्विक जांच के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। यूरोपीय संघ द्वारा जांच के लिए ये प्रस्ताव तैयार किया गया था और विश्व स्वास्थ्य संगठन के 64 सदस्य देशों द्वारा संयुक्त रुप से सहमति दी गई थी। इस मसौदा प्रस्ताव को सर्वसम्मति से समर्थन मिला और सभी सदस्य देशों से सहमति के बाद जिनेवा में आयोजित डब्ल्यूएचए के 73 वें अधिवेशन में सभी 194 सदस्य देशों के समर्थन के साथ पारित होने की उम्मीद है।

डब्ल्यूएचए विश्व स्वास्थ्य संगठन की गवर्निंग बॉडी है और सर्वसम्मति से किसी प्रस्ताव के माध्यम से समय-समय पर अपने एजेंडे और नीति की रूपरेखा को तैयार करता है। इस वर्ष ये एसेंबली महामारी को लेकर बुलाई गई और इसके परिणामस्वरूप ये पहली बार आयोजित की गई। डब्ल्यूएचओ द्वारा संचालित इस महामारी के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में डब्ल्यूएचए ड्राफ्ट रिज़ॉल्यूशन "निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक" मूल्यांकन की मांग करता है।

ये प्रस्ताव डब्ल्यूएचओ को "वैज्ञानिक और सहयोगी क्षेत्र मिशन जैसे प्रयासों के माध्यम के साथ साथ मध्यवर्ती पोषक (इंटरमीडिएट होस्ट) की संभावित भूमिका सहित वायरस के जूनोटिक स्रोत (एक बीमारी जो जानवरों से लोगों में फैल सकती है) और मानव में प्रवेश करने के मार्ग की पहचान करने का सुझाव देता है, जो इसी तरह की घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए एक शोध एजेंडा और लक्षित हस्तक्षेप को सक्षम बनाएगा।"

इस प्रस्ताव की तटस्थ स्थिति और इसके सर्वसम्मत समर्थन के बावजूद न केवल चीन से बल्कि डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक की तरफ से चीन-विरोधी आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी है। ऑस्ट्रेलिया ने इस प्रसार के पीछे चीन की ज़िम्मेदारी को लेकर जांच के लिए अपने प्रस्ताव के प्रति इस मसौदा प्रस्ताव को प्रमाण के रूप में माना है।

चीन ने 19 मई को कैनबरा स्थित अपने दूतावास द्वारा जारी एक बयान में ऑस्ट्रेलिया के बयान पर पलटवार किया है, "डब्ल्यूएचए के प्रस्ताव को ऑस्ट्रेलिया की मांग के प्रमाण का दावा करना एक मजाक के अलावा कुछ नहीं है।" इस बयान में यह भी कहा गया है कि ये मसौदा प्रस्ताव "ऑस्ट्रेलिया के स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय समीक्षा के प्रस्ताव से पूरी तरह से अलग है।"

एसेंबली में ऑस्ट्रेलिया की स्थिति को लेकर चीन ने इसी दिन उसके पीछे हटने का बदला लिया और ऑस्ट्रेलिया से आयात पर 80% के क़रीब दोहरा कर लगाया। शुरूआती चरण में COVID-19 के प्रकोप को चीन द्वारा संभावित तरीके से छुपाने की ओर इशारा करते हुए अप्रैल महीने से ऑस्ट्रेलिया चीन के ख़िलाफ़ लामबंद करता रहा है।

यह देखा गया है कि ऑस्ट्रेलियाई दृष्टिकोण को अमेरिकी दृष्टिकोण के साथ जोड़ दिया गया था जिसने चीन को महामारी के लिए दोषी ठहराया था। डब्ल्यूएचओ पर चीन को छुपाने का आरोप लगाकर और इस वायरस के चीन के प्रयोगशाला में पैदा होने का दावा करते हुए अमेरिका ने इस दोष को मढ़ने में सख़्त क़दम उठाए।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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