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उत्तर प्रदेश : संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर में शुरू किया 75 घंटे का धरना

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष और इस धरने के स्थानीय संयोजक दिलबाग सिंह संधू ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, राष्ट्रीय संगठन सचिव भूदेव शर्मा तथा संगठन के अन्य प्रमुख नेता बुधवार को ही धरने के लिए यहां पहुंच गए थे। संयुक्त किसान मोर्चा के कई अन्य नेता भी 75 घंटे के इस धरने में शामिल होंगे। 
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लखीमपुर खीरी: तिकोनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ की बर्खास्तगी समेत विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसानों ने बृहस्पतिवार सुबह यहां राजापुर मंडी समिति परिसर में 75 घंटे लंबा धरना शुरू कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष और इस धरने के स्थानीय संयोजक दिलबाग सिंह संधू ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, राष्ट्रीय संगठन सचिव भूदेव शर्मा तथा संगठन के अन्य प्रमुख नेता बुधवार को ही धरने के लिए यहां पहुंच गए थे। संयुक्त किसान मोर्चा के कई अन्य नेता भी 75 घंटे के इस धरने में शामिल होंगे। 

भारतीय किसान यूनियन (लाखेवाल) के प्रदेश उपाध्यक्ष अवतार सिंह ने कहा, "तिकोनिया में पिछले साल तीन अक्टूबर को मारे गए किसानों को न्याय दिलाने की हमारी लड़ाई जारी रहेगी।" 

राजापुर मंडी समिति परिसर में हो रहे किसानों के इस धरने में शामिल होने के लिये उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के भी किसान पहुंच रहे हैं। 

इस धरना प्रदर्शन के लिए जिला प्रशासन से इजाजत के सवाल पर संधू ने कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रशासन को सूचित कर दिया था। हालांकि न तो कोई लिखित अनुमति मांगी गई और ना ही उन्हें मिली। जिला प्रशासन ने सुरक्षा, साफ-सफाई और पेयजल की व्यवस्था की है। 
गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव जा रहे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध किया गया था। इस दौरान तिकोनिया गांव में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे। इस मामले में टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को बतौर मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार किया गया है। 
किसानों की मांग है कि इस मामले को लेकर टेनी को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।

किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लादे गए, सभी तुरंत  वापस लिए जाएं। 

किसानों की अन्य मांगों में से हैं:

*  जनविरोधी बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए।

*  भारत के सभी किसानों के सभी प्रकार के कर्ज समाप्त करते हुए उन्हें ऋणमुक्त किया जाए। 

*  उत्तर प्रदेश की सभी गन्ना मिलों की तरफ किसानों की बकाया राशि तुरंत जारी की जाए।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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