Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

वे क्यूबा के बारे में क्या नहीं बताते हैं

क्यबा की पत्रकार रोजा मिरियम एलिजाल्डे अंतरराष्ट्रीय मल्टी मीडिया में क्यूबा के विरुद्ध चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान पर अपनी राय देती हैं। 
वे क्यूबा के बारे में क्या नहीं बताते हैं
हवाना, क्यूबा। फोटो: रियल सेसिलियो लेमुस/ ग्रानमा

क्यूबा के खिलाफ पुराने तर्ज की सूचना-जंग जिसका हम सब पिछले हफ्ते से गवाह रहे हैं, वह अमेरिकी राष्ट्रपति जोए बाइडेन के आने के साथ ही शुरू नहीं हुई है। अमेरिका 2017 से ही क्यूबा में अपने “जादुई दखल” के जरिए हल निकाले जाने की बात करते हुए यहां लगातार और गैर मुनासिब तरीके से सामाजिक विस्फोट की चर्चा करता आ रहा है। ठीक इसी समय, अमेरिका के तात्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका द्वारा जारी नाकेबंदी में कुछ और प्रतिबंध जोड़ दिए थे। तब 243 प्रतिबंध लगाए गए थे, जिन्हें मौजूदा बाइडेन प्रशासन जारी रखे हुए है। 

फरवरी 2020 में, आर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ अमेरिकन स्टेट्स (ओएएस) के महासचिव लुइस अल्माग्रो और फ्लोरिडा के कांग्रेस सांसद के मित्रों ने इस बीच दक्षिणपंथ के सबसे घिनौने फासीवादियों के साथ सेल्फी लेते हुए सोशल मीडिया पर “क्राइसिस इन क्यूबा :  रिप्रेशन, हंगर, एंड कोरोनावायरस” शीर्षक से एक अभियान ही शुरू कर दिया था। जबकि उस समय, इस प्रायद्वीप पर कोविड-19 का एक भी मामला उजागर नहीं हुआ था। न उस समय,  अभी की तरह,  खाने-पीने या दवा-दारू की कोई कमी थी। यह स्थिति उन तमाम विघ्न-बाधाओं के बावजूद बनी हुई थी जबकि लगातार क्यूबा पर लगातार वित्तीय प्रहार किए जा रहे हैं। यहां के बैंक दबाव में हैं, तेल सहित पोतों को तंग किया जा रहा है। क्यूबा के बाहर से आने वाले धन में कटौती हो गई है, अमेरिका से उड़ानों की आवाजाही निलंबित कर दी गई है और इसी तरह देश के सामने बहुत सारी अड़चनें खड़ी कर दी गई हैं। 

जैसा कि प्रसिद्ध एवं पुरस्कृत क्यूबाई-स्वीडिश लेखक रेने वाज़क्वेज़ डियाज़ ने हाल में लिखा है कि अमेरिका के सरकारी अधिकारियों की फौज की कल्पना करें, जो 1960 से ही इस एक छोटे से देश क्यूबा में बच्चों, बड़ों एवं बीमारों, महिलाओं एवं पुरुषों को अकथनीय पीड़ा पहुंचाने के लिए अथक प्रयास करती आ रही है। जबकि क्यूबा के लोग अपने जल्लादों पर कभी हमलावर नहीं रहे हैं। उन बड़ी संख्या में अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की कल्पना करें, जो पहले से कहीं ज्यादा, उन धत् कर्मों को रोजाना के स्तर पर लगातार जारी रखे हुए हैं। 

अब जरा साइबर जगत में जारी व्यापक युद्ध की एक पल के लिए कल्पना करें। वे “रियल टाइम” में काम करने वाले अपने सभी ऑपरेटर्स से जुड़ते हैं और उनसे सूचनाओं को साझा करते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक अशांति एक आशाजनक क्षमता से कुछ ऐसा हो, जो विश्वसनीय लगे। यह पालने को हिलाने वाले हाथों के बिना किसी उल्लेख के ही किया जाता है। और बेशक, बिना खुलासा किए, अधिकांश क्यूबाई आबादी ने प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं लिया और वह किसी भी तरह “मानवीय हस्तक्षेप” को स्वीकार नहीं करेगा और न ही इसके साथ आने वाले बमों एवं मैरिन को ही। 

जब क्यूबाई सरकार ने अपने लोगों से क्रांति को बचाने का आह्वान किया तो राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेलु को एक अपराधी घोषित करने का संकेत सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर जारी कर दिया गया। वे यह उल्लेख करना भूल गए कि राष्ट्रपति ने अपने नागरिकों पर गोलियां चलाने या उनकी आंखों को चोट पहुंचाने, उन पर इलेक्ट्रानिक हंटर चलाने,  वाटर टैंक में तेजाब मिलाकर उससे पानी की बौछारें करने या आंसू गैस छोड़ने या अन्य हथियारों का उपयोग करने के लिए सेना नहीं बुलाई थी। दरअसल, क्यूबा की बड़ी आबादी जानती है कि इस कहानी में कौन असली अपराधी है।

और वे सब के सब, क्यूबा में हो रही घटनाओं पर राष्ट्रपति डियाज़-कैनेलु की तरफ से रविवार को कैफियत दिए जाने तथा सोशल मीडिया पर सभी तरह की फर्जी खबरें एवं विषैली सूचनाओं की बमवर्षा से विचलित न होने की उनकी अपील किए जाने के पहले ही, क्रांति की रक्षा में सड़कों पर निकल पड़े थे। इसका एक छोटा-सा उदाहरण है, सीएनएन द्वारा स्पेनिश में इसी हफ्ते एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें हवाना के आर्थिक मंत्रालय के कामगारों द्वारा विद्रोह के समर्थन में प्रदर्शन की बात कही गई थी, मानो यह कोई सरकार विरोधी प्रदर्शन था। इसे और वास्तविक बनाने के लिए, उन्होंने मियामी के कारोबारी एमिलियो एस्टेफन द्वारा “लिब्राटेड” का गीत भी इसमें जोड़ दिया था। 

मुख्यधारा का मीडिया भी अपनी रिपोर्टिंग में यह बात छोड़ देता है कि क्यूबा के खिलाफ इस दुष्प्रचार-अभियान के आयोजन में फ्लोरिडा की कम्पनियों और वेबसाइट्स की भागीदारी के दस्तावेजी सबूत हैं, जिन्हें अमेरिकी सरकार ने धन मुहैया कराया है। इस देश के विरुद्ध बड़े डेटा एवं अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के इस्तेमाल किए जाने की बाबत भी व्यापक रिपोर्टें सामने आई हैं, जैसा कि उन्होंने बोलविया में तख्तापलट का औचित्य सिद्ध करने में उपयोग किया था। विश्लेषकों ने डिजिटल साइबर सेना की मौजूदगी का भी साक्ष्य दिया है, जो सोशल मीडिया पर की जाने वाले व्यवहारों को समायोजित करती है और कम्प्यूटरजनित खुफिया प्रणाली का इस्तेमाल क्यूबियाई सरकार के खिलाफ हो-हल्ला का वातावरण वाले एक चेम्बर के निर्माण में करती है। लेकिन इन सब का जिक्र किसी भी तरह से नहीं किया गया है।

एक स्पेनिश शोधार्थी, जुलियन मैकियास तोवर ने इन साइबर सेना को ट्विटर पर संगठित होते, लाखों लाख संदेशों को आगे बढ़ाते और #SOSCuba हैशटैग को फैला देने के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों के संघठित उत्पीड़न करने की बाबत उन्हें निर्देशित करते दिखाया है। इसके लिए जो तरकीब अपनाई गई है, वह एक खास तरह का साइबर ऑपरेशन है, जिसका मकसद क्यूबा सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आम सहमति बनाने का कृत्रिम भ्रम उत्पन्न करना था। यह सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर क्रूर ताकत का बेहद सावधानी से संचालित किया जाने वाला अभियान है, जो इंटरनेट के समय में अमेरिकी डिजाइन के अनियमित या हाईब्रिड युद्ध की सभी विशेषताओं को एक साथ लाता है, जिसे करने में लगभग 20 वर्ष का समय लगता है। 

अमेरिकी रक्षा विभाग ने 2003 में साइबर स्पेस को एक नया रणक्षेत्र होने की घोषणा की थी। बाद में, उसने नेटवर्क केंद्रित युद्ध या साइबरवार के रूप में अभियान को परिभाषित किया था। इसका वर्णन “सूचना से संबंधित सिद्धांतों के अनुसार सैन्य अभियानों को संचालित करने या उसकी तैयारी करने के रूप में किया था। इसका मतलब, सूचना और संचार प्रणाली को एकदम से ध्वस्त कर देना होता है। अगर यह संभव न हो तो उसको ऐसे ठप कर देना होता है कि वह किसी काम लायक ही न रहे। व्यापक रूप में परिभाषित यह कार्रवाई सैन्य-संस्कृति में शामिल है, जिसमें प्रतिपक्षी सिर्फ स्वयं को जानने पर भरोसा करता है: वह कौन है, वह कहां पर है, वह क्या कर सकता है, आप इसे कब कर सकते हैं, आप यह लड़ाई क्यों लड़ रहे हैं, किस चुनौती का पहले जवाब दिया जाना है, आदि को ही ध्यान में रखना होता है।” अमेरिकी प्रयोगशालाओं में गढ़ी गई गलत सूचना, धोखाधड़ी और हेराफेरी की तरकीबें मौजूदा परिदृश्यों को सामाजिक अशांति में बदलने की कोशिश करती हैं। वे इसके दर्शकों को क्यूबा के लाखों नागरिकों के विरुद्ध अपराध के संगी-साथी में भी बदल देती हैं। क्यूबा के बारे में बहुत सारी बातें नहीं कही जा रही हैं, लेकिन बिना किसी शक-शुबह के यह तथ्य महत्त्वपूर्ण है।

(रोजा मिरियम एलिजाल्डे एक क्यूबाई पत्रकार हैं और क्यूबाडिबेट वेबसाइट की संस्थापिका हैं। वे यूनियन ऑफ क्यूबा जर्नलिस्ट (यूपीईसी) एवं लैटिन अमेरिकन फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट (एफईएलएपी) दोनों ही संगठनों की उपाध्यक्षा हैं। उन्होंने स्वतंत्र रूप से कई किताबें लिखी हैं तो कई किताबों की सह-लेखिका भी रही हैं। इन किताबों में Jineteros en la Habana (हवाना में पुरुष वेश्याएं) और Our Chavez (हमारे शावेज)  भी शामिल हैं। वे पत्रकारिता के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान के लिए अनेक अवसरों पर जुआन गुआल्बर्टो गोमेज़ राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजी गई हैं। फिलहाल, वे मैक्सिको सिटी के एक अखबार ला जोर्नाडा में साप्ताहिक स्तंभकार हैं।) 

यह आलेख मूल रूप से ला जोर्नाडा में प्रकाशित हुआ था। 

सौजन्य: पीपुल्स डिस्पैच 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें।

What They Don’t Say About Cuba

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest