Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

बच्चों के साथ होने वाले अपराध पर चुप्पी कब तक?

किसी भी समाज के चरित्र का पता लगाने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि हम यह जानें कि वह समाज अपने बच्चों के साथ कैसा बर्ताव कर रहा है। हमारा न्यू इंडिया और उसका वातावरण बच्चों के अनुकूल बिल्कुल भी नहीं है।
Minor

अलीगढ़ में ढाई साल की बच्ची की निर्मम हत्या के चलते लोगों में गुस्सा है। बता दें कि 30 मई को ढाई साल की मासूम को उसके घर के बाहर से अगवा कर लिया गया था। इसके बाद 2 जून को उसका शव क्षत-विक्षत हालत में कूड़े के ढेर में मिला था। मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

बच्ची से बर्बरता की सोशल मीडिया पर भी तीखी आलोचना हो रही है। बता दें कि मामला तूल पकड़ने के बाद पांच पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया था। पुलिस पर आरोप है कि बच्ची जब गायब हुई थी तो रिपोर्ट नहीं लिखी गई थी और जांच में भी देरी हुई। पीड़ित परिवार ने जब प्रदर्शन शुरू किया और आत्महत्या की धमकी दी, तब पुलिस जागी और गिरफ्तारी की गई। 

अमर उजाला के अनुसार इसके बाद कानपुर के नौबस्ता से खबर आई कि रविवार सुबह मौलाना जावेद ने 15 वर्षीय किशोरी को घर से मदरसे में लाकर दुष्कर्म किया। दो घंटे बाद घर पहुंची किशोरी ने परिजनों को घटना की जानकारी। इसके बाद परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे और मौलाना सहित तीन लोगों के खिलाफ तहरीर दी।

इसी तरह कुशीनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में शुक्रवार रात किशोरी के साथ अमानवीयता के मामले में पुलिस ने आखिर 24 घंटे के बाद छह लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया। इनमें से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि दो की तलाश की जा रही है। घटना को लेकर पुलिस ने काफी हीलाहवाली की थी।

इसके अलावा जालौन थाना क्षेत्र के एक गांव में शनिवार शाम से लापता कक्षा दो की आठ साल की छात्रा का अर्द्धनग्न शव मिला है। दरिंदों ने बच्ची के गले पर उसके ही सलवार का फंदा बनाकर हत्या कर दी। ग्रामीणों ने दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई है।

इसी तरह हमीरपुर में घर के बाहर शुक्रवार रात सो रही बालिका के साथ पड़ोसी युवक और अधेड़ ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। बालिका के पहचान लेने पर दरिंदों ने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी थी। घटना का खुलासा करते हुए डीआईजी अनिल कुमार राय ने बताया आरोपी पप्पू खां (42) पुत्र हबीब को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि दूसरे मुख्य आरोपी वीरू (26) पुत्र हरीबाबू की तलाश की जा रही है। 

वहीं, हमीरपुर के ही कुरारा थानाक्षेत्र के एक गांव में शनिवार सुबह 11 वर्षीय छात्रा का नग्न अवस्था में शव गांव के ही कब्रिस्तान के पास मिला था। बालिका से दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई थी।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कमलानगर इलाके में 8 साल की एक मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। रविवार सुबह एक नाले में बच्ची का शव मिलने के बाद इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ। बच्ची शनिवार रात 8 बजे से लापता थी। आरोपी की तलाश जारी है। संवेदनहीनता के कारण छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

ये खबरें पिछले 2—3 दिनों में आई हैं। ये सारी खबरें बच्चों के साथ होने वाली हैवानियत की कहानी बयां कर रही हैं। स्कूल, घर,खेल के मैदान, कब्रिस्तान से लेकर लगभग हर कोने में बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाएं सामने आई हैं। लेकिन इस पर बात करने के बजाय हमें यह बताया जा रहा भारत बहुत महान देश है। भारत विश्व गुरू है। 

आपको बता दें कि भारत में वर्ष 2001 से 2016 के बीच बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों में 889 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन सोलह सालों में बच्चों के प्रति अपराध 10,814 से बढ़कर 1,06,958 हो गए। इनमें भी बलात्कार और यौन हिंसा के आंकड़े बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। 

2001 से लेकर 2016 यानी इस सदी के पहले सोलह सालों में बच्चों से बलात्कार और गंभीर यौन अपराधों की संख्या 2,113 से बढ़कर 36,022 हो गई। यह वृद्धि 1705 प्रतिशत रही।

इसी तरह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अध्ययन ‘चाइल्ड एब्यूज इन इंडिया’ के मुताबिक भारत में 53.22 प्रतिशत बच्चों के साथ एक या एक से ज्यादा तरह का यौन दुर्व्यवहार और उत्पीडन हुआ है। यानी लगभग हर दूसरे बच्चे के साथ ऐसी घटनाएं घटी हैं। ऐसे में हम यह नहीं कह सकते हैं कि हमारे परिवार के बच्चों के साथ यौन अपराध नहीं हुए हैं लेकिन हम फिर भी चुप हैं। 

अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी राष्ट्रवाद, हिंदू मुस्लिम जैसे तमाम मुद्दों पर तो चर्चा हुई लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य पर चर्चा बिल्कुल भी नहीं हुई जबकि जमीनी सच्चाई यह है कि समाज और सरकारें बच्चों को सुरक्षित वातावरण मुहैया करा पाने में नाकाम रही हैं।

किसी भी समाज के चरित्र का पता लगाने का सबसे बेहतर तरीका यही हो सकता है कि हम यह जानें कि वह समाज अपने बच्चों के साथ कैसा बर्ताव कर रहा है। हमारे समाज और हमारे नीति निर्मताओं का बर्ताव बता रहा है कि भारत का समाज बर्बर व्यवहार के साथ संवेदनहीनता के नए मुकाम की तरफ बढ़ रहा है। हमारा न्यू इंडिया और उसका वातावरण बच्चों के अनुकूल बिल्कुल भी नहीं है।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest