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बिहार: भिक्षा मांगने वालों से नाम पूछा... फिर डंडे से पीटा

नंदी बैल लेकर भिक्षा मांगने आए कुछ मुसलमान लोगों को बजरंग दल के कार्यकर्ता ने जमकर पीटा है, पुलिस के सामने पीटा है।
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हिंदुस्तान जैसा देश जितना विशाल है, उतनी ही विशाल यहां की संस्कृति है, जिसमें कई रंग हैं, कई धर्म हैं, और अनेकों कलाएं भी हैं। इतिहास कहता है कि इन्ही धर्म, कला और रंग के आधार पर रोज़गार भी ढूंढ लिए जाते थे।

शायद आपको याद होगा, बहुत पहले अपने साथ नंदी बैल लिए साधु के भेष में एक शख्स आता था, वो नंदी बैल यूं ही नहीं होता था, उसके माथे पर मोतियों से बना जाल होता था, पीठ पर लाल चुनरी होती थी, सींघों पर भी मोती लटकाए जाते थे, गले में घँटी बांधी जाती थी। पूंछ को एक अलग तरह से सजाया जाता था, यानी नंदी को बहुत सजा-धजा कर हमारे सामने पेश किया जाता था। नंदी के साथ आया साधु आपसे कुछ खाने को मांगता था और चला जाता था। आप देते भी थे, लेकिन इस दौरान आपने कभी उसका नाम नहीं पूछा होगा। क्योंकि इसका भी एक कारण थातब आपको उसके नाम से ज्यादा उसकी भूख की चिंता होती थी। फिलहाल... नंदी बैल के साथ भिक्षा मांगने वाला चलन लगभग खत्म सा हो गया है, हालांकि बिहार, उत्तर प्रदेश या मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में अब भी ये लोग दिखाई दे जाते हैं।

लेकिन वक्त बदल गया है, तो अब इन्हें भिक्षा देने से पहले इनका नाम पूछा जाता है, और नाम पसंद नहीं आने पर इन्हें मारा पीटा जाता है, इन्हें गालियां दी जाती है। क्योंकि अब लोगों को इनकी भूख से नहीं इनकी जाति से मतलब है, इनके धर्म से मतलब है।

इसका एक उदाहरण अभी बिहार के हाजीपुर में देखने को मिला, जहां 6 लोग नंदी बैल को साथ लेकर भिक्षा मांगने पहुंचे थे, बेचारों का दुर्भाग्य ही था, कि उनकी मुलाकात बजरंग दल के कार्यकर्ता से हो गई। इस दौरान उस कार्यकर्ता ने भिक्षा देने की बजाए उनके आधारकार्ड मांगने शुरू कर दिए, आधार कार्ड में सभी शख्स मुस्लिम निकले। जो उसे पसंद नहीं आए। इसके बाद हमेशा की तरह बिना और कुछ जांचे परखे बजरंग दल के कार्यकर्ता ने इन सभी की बेरहमी से पिटाई की और बहुत देर तक मारता रहा। और आतंकवादी कह-कहकर गालियां भी दीं। हैरान करने वाली बात ये रही कि जब पुलिस आई तब पुलिस के सामने भी उस शख्स ने भिक्षा मांगने आए लोगों की पिटाई कर दी। इस पूरे वीडियो को अमृत विचार ने पोस्ट किया है।

 

 

इस पोस्ट में बताया जा रहा है कि हाजीपुर के कदमघाट से इन संदिग्धों को पकड़ा गया था, और उनकी जमकर पिटाई के बाद पुलिस को सौंप दिया गया था। पुलिस की पूछताछ में इन सभी 6 संदिग्धों ने ये बताया था कि उनके पुरखे भी यही काम करते चले आ रहे हैं, दादा-परदादा भी नंदी लेकर भिक्षा मांगते हैं और अपना घर चलाते हैं। ये सब जानने के बाद पुलिस ने इन सभी को पीआर बांड पर रिहा कर दिया है, और बैलों को गौशाला भेज दिया गया है।

लेकिन अब भी सवाल यही है कि बजरंग दल के जिस कार्यकर्ता ने कानून को अपने हाथों में लेकर उन 6 लोगों की बेरहमी से पिटाई की, उसपर कब कार्रवाई होगी और ऐसी क्या वजह थी कि उनकी सभी की पिटाई पुलिस की सामने की जा रही थी, और पुलिस महज़ मूक दर्शक बनी खड़ी रही।

वैसे बदलते वक्त में ये पहली बार नहीं है जब मुसलमानों के साथ ऐसी बर्बरता हो रही है। अभी कुछ ही दिन बीते हैं, जब गोंडा के एक गांव में कुछ मुस्लिम फकीर मांगने के लिए आए थे, जिसके बाद एक युवक ने उन्हें रोक लिया और आधार कार्ड दिखाने के लिए कहा, नहीं दिखा पाने के बाद उन्हें कानपुर हिंसा से जोड़कर आंतकवादी की संज्ञा दे दी। और उनसे उठक-बैठक लगवाई, इतना ही नहीं उन तीनों से जबरदस्ती जय श्री राम के नारे भी लगवाए गए। जिसका वीडियो अशरफ हुसैन नाम के शख्स ने ट्वीट किया था,

 

इसी तरह मध्यप्रदेश के नीमच में कुछ दिनों पहले एक भाजपा की पूर्व सांसद के पति ने एक बुजुर्ग को सिर्फ इस लिए जमकर पीटा क्योंकि उसे यह लगा कि इस शख़्स का नाम मोहम्मद है। आपको बता दें कि इस शख्स का नाम भंवर लाल जैन था।

भाजपा से संबंधित शख्स बुजुर्ग से लगातार आधार कार्ड मांग रहा था, वो नहीं दिखा पाए, जिसके बाद उनकी पिटाई कर दी गई। पिटाई के बाद देर रात ये बुजुर्ग मृत पाए गए। बाद में बताया गया कि पीड़ित बुजुर्ग मानसिक रूप से कमज़ोर थे। इस पूरी घटना का वीडियो जीतू पटवारी ने शेयर किया था।

 

 

दुर्भाग्य ये है कि ऐसी घटनाओं में लिप्त आरोपियों पर कार्रवाई नहीं जाती है, जिसके कारण इनका हैसला और बढ़ता है, फिर ये न सिर्फ ख़ुद के लिए भी ख़तरनाक हो जाते हैं, बल्कि समाज के लिए भी बहुत हानिकारक होते हैं, दूसरी ओर हमारी पुलिस है जिसके सामने ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन पुलिस की ओर से कोई जवाबदेही तय नहीं की जाती। हालांकि पिछले कुछ वक्त देश में हालात ने जिस तरह करवट ली हैं, उसके बाद ऐसी घटनाएं अब आम होती जा रही हैं।

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