NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
भारत
राजनीति
बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्ववादी भीड़ की हरकतों से पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें हिंसक होकर बदला लेने के लिए उकसाने की कोशिश की है।
मो. इमरान खान
19 May 2022
Hindutva Forces
चित्र साभार: एनडीटीवी 

पटना: बिहार पीयूसील की एक फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिन्दुत्ववादी ताकतें पिछले महीने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक मस्जिद की दीवार पर चढ़ने और इसके गेट के ऊपर भगवा झंडा लगाने के लिए जिम्मेदार थीं ताकि उनकी (मुसलामानों) धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा सके, और उन्हें हिंसा का सहारा लेकर प्रतिशोधात्मक कदम उठाने के लिए भड़काया जा सके। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इस बात की पूरी-पूरी संभावना है कि यह सब पूर्व-नियोजित था। 

रिपोर्ट के अनुसार, 10 अप्रैल को, जिस दिन राम नवमी का आखिरी दिन था, 500-600 लोगों के एक हुजूम ने मुजफ्फरपुर के काज़ी मोहम्मदपुर गाँव में तलवार, लाठी और कथित तौर पर तीन बंदूकें लेकर, जिसमें एक अर्ध-स्वचालित एके-47 राइफल भी शमिल थी, के साथ जुलूस निकाला था। यह जुलूस एक मस्जिद के पास रुका, जिसमें मिया का…  जायेंगे (मुस्लिम मारे जायेंगे) और मुसलमान पाकिस्तान जाओ जैसे मुस्लिम समुदाय को भयाक्रांत कराने वाले अपमानजनक गीतों को जोर-जोर से बजाय जा रहा था।  पाकिस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान चले जाओ जैसे गीत इस जुलूस में सुनने को मिले। इस जुलूस में शामिल लोगों ने अपनी तलवारों के साथ मस्जिद में तोड़-फोड़ की, और फिर एक आदमी मस्जिद के बाहरी क्षेत्र में एक मीनार पर चढ़ गया और उसके उपर उसने एक भगवा झंडा लगा दिया।  

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, “हिंदुत्ववादियों की भीड़ की कार्यवाही से [पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने और उन्हें हिंसा का सहारा लेकर बदले की कार्यवाही करने के लिए उकसाने का प्रयास किया। हालाँकि, वहां के निवासियों (अल्पसंख्यक समुदाय) ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और इस उकसावे की कार्यवाई पर अपनी तरफ से कोई जवाबी कार्यवाही नहीं की और शांत बने रहे। 

फैक्ट-फाइंडिंग टीम के हाथ एक वीडियो लगा जो इस बीच काफी वायरल हो गया था। इस वीडियो को इस जुलूस में शामिल किसी व्यक्ति के द्वारा शूट किया गया था, जिसमें साफ़ दिखाया गया है कि मस्जिद के बाहर डीजे संगीत बजाते हुए नाचते हुए जुलूस जश्न मना रहा है और इसी बीच एक व्यक्ति मस्जिद की दीवार पर चढ़ जाता है और मस्जिद की बाहरी मीनार के उपर भगवा झंडा फहरा रहा है। फिर वह आदमी अपने कृत्य का जश्न मनाते हुए हाथ लहराता है और दीवार से नीचे उतर जाता है। वह अपनी बाइक पर सवार हो जाता है जबकि कई अन्य लोग मीनार की बुर्ज पर लगे झंडे का वीडियो शूट करना जारी रखते हैं, जबकि कई अन्य लोग अपने-अपने हाथों में तलवारों के साथ नाच रहे हैं। 

रिपोर्ट में कहा गया है, “प्रथम-दृष्टया, इस घटना के स्वतःस्फूर्त रूप से घटित होने की संभावना बेहद न्यून है, और इस बात की पूरी-पूरी संभावना है कि यह पूर्व-नियोजित था। सबसे पहली बात तो यह है कि, जुलूस में शामिल लोग पूरी तरह से हथियारबंद थे। दूसरा, वे करीब 500-600 की भारी तादाद में आये थे। तीसरा, जुलूस ने पुलिस द्वारा तय किये गये मार्ग का पालन नहीं किया और जुलूस को मस्जिद तक ले जाने का फैसला किया।  चौथा, अपमानजनक संगीत की उपलब्धता का मुद्दा है, जिसे मस्जिद के ठीक सामने जुलूस द्वारा बजाया जा रहा था। फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने 14 अप्रैल, 2022 को काज़ी मोहम्मदपुर का दौरा किया। पटना से काज़ी मोहम्मदपुर के रास्ते में, फैक्ट फाइंडिंग टीम ने पाया कि एक ही प्रकार के भगवा रंग के झंडे करीब-करीब हर पेड़ पर लगाये गये थे। इस प्रकार का काम किसी श्रद्दालु धार्मिक लोगों के द्वारा स्वतःस्फूर्त ढंग से किये जाने के बजाय पूरी तरह योजनाबद्ध लग रहा था। काज़ी मोहम्मदपुर के लोगों का कहना है कि इस काम को अंजाम देने के लिए बड़ी संख्या में बजरंग दल, हिंदू पुत्र और आरएसएस के कार्यकर्ता जुटे थे।” 

रिपोर्ट में एक स्थानीय निवासी, नेयाज़ अहमद के हवाले से इस घटना की जानकारी दी गई है। उनके शब्दों में, “मुझे इस घटना के बारे में रात को पता चला। यह हमें भयभीत करने की एक पूर्व नियोजित कार्यवाही थी, ताकि हम अपनी आँखें उठाकर न चल सकें, हमें अपना गुलाम बनाने के लिए। वे हमें सावधान हो जाने के लिए चेता रहे हैं, यह दिखाने के लिए कि हमारा अस्तित्व उनके अधीन है। पिछले साल से उन्होंने इस रास्ते का इस्तेमाल करना शुरू किया है। हमें उनके जुलूस के मस्जिद के सामने से गुजरने से कोई आपत्ति नहीं है; जब तक कि वे यहाँ से शांतिपूर्वक गुजरते हैं, तब तक हमें इसमें कोई समस्या नजर नहीं आती है।”

एक अन्य स्थानीय 76 वर्षीय कमरुद्दीन ने कहा, “मैं यहाँ मस्जिद में लेटा हुआ था। गेट खुला हुआ था। मैं उन्हें नहीं पहचानता। उनमें से एक उपर चढ़ गया; जबकि दूसरे ने उसे झंडा पकड़ाया। वे यहाँ पर रूककर संगीत पर नाचने लगे और मुसलमानों को गालियाँ बक रहे थे। इस प्रकार के घटिया गीतों का चलन पिछले साल से शुरू हुआ है।”

हालाँकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रकार की प्रतिक्रिया को रोकने के लिए ग्राम पंचायत के मुखिया के द्वारा की गई तत्काल कार्यवाई निश्चित रूप से सराहनीय है। उनकी ओर से की गई कार्यवाही सही तरीके से इस बात को प्रदर्शित करती है कि ऐसे मामलों में प्राथमिकता हिंसा को बढ़ने से रोकने की होनी चाहिए, वरना इसका अंजाम लोगों की आजीविका और यहाँ तक कि जिंदगियों के नुकसान में हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही, रामनवमी समारोह के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसक घटनाओं की गहनता से जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति को रोकने के लिए आवश्यक उपायों की रुपरेखा तय हो सके।   

रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज कर और अपराधियों के उपर उपयुक्त धाराओं एवं अन्य अधिनियमों को लगाकर त्वरित कार्यवाई की है। इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि उन्होंने दस व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन घटना के दौरान उनकी भूमिका संदिग्ध बनी हुई थी क्योंकि जब इस प्रकार के धार्मिक के दौरान पुलिस की वहां पर कोई उपस्थिति नहीं थी।  

रिपोर्ट में कहा गया है कि, “प्रशासन की भूमिका यहाँ पर संदिग्ध बनी हुई है क्योंकि इसने जुलूस के दौरान समय को लेकर, तयशुदा मार्ग, और किस प्रकार के नारे लगाये जा रहे हैं, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह बात भी पूरी तरह से संदेहास्पद बनी हुई है कि जुलूस में शामिल लोगों को अपने साथ हथियार ले जाने की इजाजत कैसे और क्यों दी गई। यह बेहद गहन एवं निष्पक्ष जांच का विषय है। ऐसा आरोप है कि बजरंग दल और हिंदू सेना जैसे संगठन इस घटना में शामिल थे। इस तरह के आरोपों की निष्पक्षता के साथ जांच होनी चाहिए और यदि यह सत्य पाया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।” 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

‘Hindutva Forces Responsible for Planting Saffron Flag on Top of Mosque’: PUCL Bihar

Communalism
Muslims
Hindutva
religious polarisation
Bihar

Related Stories

बिहारः अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ दीं महादलितों की 300 झोपड़ियां, कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं

जाति जनगणना: क्यों ज़रूरी है?... समझें पूरा गणित

पैगंबर विवाद: "सभ्य राष्ट्र" के रूप में भारत की विरासत पर यह एक कलंक है

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

मनोज मुंतशिर ने फिर उगला मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर, ट्विटर पर पोस्ट किया 'भाषण'

सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी

लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश

समाज में सौहार्द की नई अलख जगा रही है इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन


बाकी खबरें

  • बिहार में अग्निपथ योजना का विरोध तेज़, छात्र संगठनों ने किया विधानसभा घेराव का ऐलान
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में अग्निपथ योजना का विरोध तेज़, छात्र संगठनों ने किया विधानसभा घेराव का ऐलान
    25 Jun 2022
    अग्निपथ योजना को लेकर चल रहा विरोध बिहार में अभी थमा नहीं है। राज्य के छात्र व युवा संगठनों ने 29 जून को बिहार विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है।
  • Saare Sukhan Humare
    न्यूज़क्लिक टीम
    सारे सुख़न हमारे : बच्चों और बचपन की शायरी
    25 Jun 2022
    "मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा, बड़ों की देख कर दुनिया बड़ा होने से डरता है"
  • एपी
    नॉर्वे में गोलीबारी में दो लोगों की मौत, 10 घायल : आतंकवादी हमले की आशंका
    25 Jun 2022
    पुलिस अधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गोलीबारी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया 42 वर्षीय संदिग्ध व्यक्ति ईरानी मूल का नॉर्वे का नागरिक है, जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। पुलिस ने हमलावर…
  • भाषा
    राष्ट्रपति चुनाव में बसपा का द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला : मायावती
    25 Jun 2022
    बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में कहा, ‘‘राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में बसपा अपना फैसला लेने के लिए आजाद है। पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने आंदोलन का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने…
  • महेश कुमार
    कैसे भाजपा, शिवसेना के अस्तित्व के लिए बन गई खतरा?
    25 Jun 2022
    शिवसेना ने हमेशा कोशिश की है कि वह भाजपा के हिन्दुत्व से अपने को अलग करे। क्योंकि वर्षों से भाजपा का हिन्दुत्व, शिवसेना के हिंदुत्व पर हावी हो रहा था और इसका व्यापक फ़ायदा भाजपा को मिल रहा था।…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें