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मॉब लिंचिंग: मुज़फ़्फ़रपुर में छठ के दौरान भीड़ के हमले में एक युवक की मौत, दूसरा ज़ख़्मी, इलाके में तनाव

कांटी थाना क्षेत्र में सैकड़ों लोगों ने दो मुस्लिम नौजवानों को छेड़खानी के आरोप में बुरी तरह पीटा। इसमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं दूसरे की हालत गंभीर है।
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मृतक निहाल (बाएं) और अक्रोशित परिजन और स्थानीय लोग

बिहार: महापर्व छठ के दौरान मुजफ्फरपुर से दिल दहला देने वाली एक मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है। यहां सैकड़ों लोगों ने दो मुस्लिम नौजवानों को छेड़खानी का आरोप लगाकर बुरी तरह पीट दिया। मामला कांटी थाना क्षेत्र के महरथा गांव का है। घाट के समीप हुए इस घटना में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं दूसरे युवक की हालत गंभीर है।

बताया जा रहा है कि निहाल नाम का युवक अपनी कथित प्रेमिका के बुलाने पर घाट पहुंचा था। जहां लड़की के परिजनों ने उसकी पिटाई कर दी। पुलिस ने 6 लोगों के ख़िलाफ़ नामज़द और सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। फिलहाल लड़की का पक्ष फरार है।

घटना बीते रविवार, 30 अक्टूबर की है, जब मोहम्मद निहाल उर्फ़ अयान, अपने एक दोस्त मोहम्मद फैज़ान के साथ छठ की संध्या पर अर्घ्य चढ़ाने के दौरान महरथा गांव पहुंचा था।

मृतक की मां, शमीमा खातून के अनुसार निहाल को उसकी कथित प्रेमिका द्वारा फोन करके बुलाया गया था। जहां लोगों ने निहाल और फैज़ान को देखते ही उनके ऊपर हमला कर दिया। भीड़ दोनों को पीटते हुए घाट से दूर ले गई। निहाल को मारने के बाद भीड़ ने फैजान को मरा हुआ समझकर छोड़ दिया था।

इसकी सूचना पाकर मौके पर पहुंची कांटी पुलिस ने निहाल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ज़िला अस्पताल भेज दिया। वहीं फैज़ान को भी आनन फानन में अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

निहाल का शव पोस्टमार्टम के बाद जब उसके परिजनों को सौंपा गया तो अक्रोशित स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया। इलाक़े का मेहंदी हसन चौराहा कई घंटो के लिए बंद कर न्याय की मांग की गई। जब माहौल बिगड़ने की भनक जिला प्रशासन को लगी तो मौके पर कई थानों की पुलिस आ पहुंची। इंसाफ किए जाने का यकीन दिलाते हुए पुलिस ने भीड़ को किसी तरह शांत करवाया। इस दौरान नगर डीएसपी राघव दयाल खुद भी मौजूद थे।

जिला पुलिस उपाधीक्षक ने मृतक के परिजनों को यकीन दिलाया कि भीड़ में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। राघव दयाल ने कहा, "मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। मृतक के परिजनों की मांग है कि जितने भी आरोपी हैं उन्हें गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सज़ा दी जाए"।

वे आगे कहते हैं, "हम प्रयास कर रहे हैं की आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाए।" पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि युवती के फरार परिजनों का अभी कुछ पता नहीं चल सका है।

निहाल ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के हजम टोली का निवासी था। परिजनों के अनुसार वो पिछले 15 दिन पहले ही कोलकाता से आया था और छठ के अगले दिन वापस लौटने को था। मृतक के पिता, मोहम्मद बारीक बताते हैं कि निहाल को जब उन लोगों ने पकड़ा तो इसकी जानकारी उन्हें मिली थी। तब उन्होंने फोन पर लड़की के परिवार वालों से उसकी जान बख्श देने की मिन्नत की। पिता ने यहां तक कहा कि "चाहे तो निहाल के हाथ पैर तोड़ दें, या उसे पुलिस के हवाले कर दें पर उसको जिंदा छोड़ दीजिए।" लेकिन भीड़ ने बेरहमी से उसकी हत्या कर दी।

लड़की का परिवार भी ब्रह्मपुरा इलाके में ही किराए के घर में रहा करता है। स्थानीय लोगों के अनुसार कोचिंग जाने के दौरान निहाल और और युवती की दोस्ती हुई थी। मृतक के परिजन बताते हैं कि निहाल और युवती के बीच 4 वर्षों से प्रेम प्रसंग था। 2 वर्ष पूर्व जब इस प्रसंग की बात सामने आई थी तो दोनो अपने घरों को छोड़ भाग गए थे। रिपोर्ट के अनुसार दोनो ने कोर्ट मैरिज भी कर रखा था। जिसका शपथ पत्र अभी सामने आया है।

निहाल और युवती के कथित विवाह का शपथपत्र

बारीक कहते हैं, "वो लड़की मेरे बेटे को लेकर कोलकाता भागी थी, जिसके बाद हमने उन्हें बहुत ढूंढा और किसी तरह दोनो को खोजकर वापस ले आए। वापस आते ही हमने लड़की को उसके पिता के हवाले कर दिया था।" बारीक ने आगे बताया कि उसके बावजूद उस समय युवती के परिवार वालों ने निहाल पर अपहरण का मामले दर्ज करवा दिया था, जिसकी वजह से उसे जेल भी जाना पड़ा था। जेल से निकलने के बाद निहाल को लेकर उसके माता पिता कोलकाता चले गए थे। जहां वो लेदर की फैक्ट्री में काम करने लगा था।

निहाल की मां बताती हैं कि वो रविवार की सुबह से ही परेशान घूम रहा था, क्योंकि लड़की बार-बार उसे कॉल करके अपने गांव बुला रही थी। जिसपर मां, शमीमा खातून ने सख्ती के साथ उसे, मिलने जाने से मना कर दिया था। लेकिन शाम को निहाल मुहल्ले का छठ मेला देखने का कहकर जो घर से निकला तो फिर वापस नहीं लौटा।

निहाल की नानी अभी भी उसके घर से निकलते समय की बात याद करके रो रही हैं। निहाल उनसे सामान इत्यादि को एक बैग में रखने का बोलकर बाहर निकला था ताकि अगले दिन वो कोलकाता जा सके। निहाल के नाना भी अपने नाती को लेकर सदमे में हैं। वो कहते हैं कि जब उन लोगों की लड़की कोलकाता चली गई थी तो हमने अपना पैसा खर्च कर उसे ढूंढा और उन्हें सौंपा था, लेकिन बदले में उन्होंने हमारे ही नाती को मार डाला।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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