दलितों, महिलाओं, पिछड़ों के उत्पीड़न व हाथरस घटना के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन
हाथरस की घटना और पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ हो रही यौन हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ मज़दूर किसान और महिलाओं का मंगलवार 13 अक्टूबर को देशव्यापी प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन का आह्वान सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू),अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) व अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन(AIAWU) , अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति(AIDWA ) और दलित शोषण मुक्ति मंच(DSMM) के संयुक्त रूप से किया था। बिहार, यूपी ,दिल्ली , हिमाचल , बंगाल ,हरियाणा ,कर्नाटक सहित तमाम राज्यों में इसका असर दिखा।
दिल्ली के जंतर- मंतर पर सभी संगठनों के केंद्रीय नेताओ ने जनसभा को संबोधित किया। देशव्यापी व्यापक विरोध प्रदर्शन में हाथरस पीड़िता के लिए न्याय की मांग की गई। इसके साथ ही देशभर में दलितों, महिलाओं, पिछड़ों के उत्पीड़न की घटना को लेकर भी रोष प्रकट किया ।
इस सभा को AIKS के हन्नान मोल्ला, सीटू के महासचिव तपन सेन ने संबोधित किया। इसके अलावा बाकी संगठनों के राष्ट्रीय नेता और दिल्ली प्रदेश के नेताओ ने संबोधित किया। इसके साथ ही वैज्ञानिक और प्रसिद्ध शायर गौहर रज़ा ने भी सभा को संबोधित किया और अपनी कविताएं पेश कीं।
नेताओ ने कहा कि सत्तारूढ़ दल द्वारा दलितों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 पहले की सरकारों द्वारा पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था, लेकिन भाजपा सरकार न केवल इसे कमजोर कर रही है, बल्कि उन अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जो दलितों के खिलाफ हमलों की बढ़ती संख्या की ओर अग्रसर हैं।
संयुक्त बयान में संगठनों ने कहा कि यूपी के हाथरस में जमींदार, ऊंची जाति के लोगों द्वारा 19 वर्षीय लड़की के साथ जघन्य सामूहिक बलात्कार और हत्या की गई। जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लोग इस अपराध के खिलाफ सड़कों पर हैं और जिस तरह से यूपी की भाजपा सरकार अपराधियों को बचाती है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करती है और खुले तौर पर पीड़ितों के गरीब कृषि मजदूर परिवार के खिलाफ जमींदार समूहों की धमकी और आतंककारी गतिविधियों का समर्थन करती है, उसे लेकर भी चिंता है।
इसी को लेकर हिमाचल प्रदेश के जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर मजदूरों व किसानों ने प्रदर्शन किया। शिमला के डीसी ऑफिस में मजदूरों द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व उपाध्यक्ष जगत राम ने कहा कि देश में दलितों, महिलाओं व पिछड़ों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। उनका शोषण बढ़ रहा है। उनके दमन में निरन्तर इज़ाफ़ा हो रहा है। उनकी हत्याओं की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। महिलाओं से बलात्कार की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षों में दलितों, महिलाओं व पिछड़ों पर अत्याचार लगातार बढ़ा है व पिछले वर्षों की तुलना में कई गुणा ज़्यादा हुआ है।
उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि दलितों, महिलाओं व पिछड़ों के खिलाफ अत्याचार व उनकी हत्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रोहित वेमुला की आत्महत्या भी इसका एक उदाहरण है। हिमाचल में गुड़िया, केदार जिन्दान, रजत व मेध राम की हत्या भी इसी के उदाहरण हैं। इन सभी पीड़ितों को सरकार व प्रशासन की बेपरवाही के कारण आज भी न्याय नहीं मिल पाया है। उन्नाव घटनाक्रम भी सरकार की संवेदनहीनता को ही दर्शाता है।
आपको बता दें की सीटू, AIKS, AIAWU और AIDWA के एक प्रतिनिधिमंडल ने 4 अक्टूबर को यूपी के हाथरस में पीड़िता के गांव का दौरा किया और पीड़ित के परिवार का समर्थन और एकजुटता का वादा किया था।
सरकार से मांग
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि
- हाथरस घटना के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
- इस घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश की अध्यक्षता में करवाई जाए।
- उन पुलिस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को सख्त सजा दी जाए जिन्होंने अपना कर्तव्य नहीं निभाया था
- लड़की के परिवार को सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
- उन्नाव, बलरामपुर और अन्य स्थानों सहित ऐसे सभी मामलों के पीड़ितों को न्याय मिले
- जस्टिस वर्मा समिति की सिफारिशों को लागू करना सुनिश्चित करें
- महिलाओं, दलितों व पिछड़ों पर अत्याचार करने वालों को सख्त सज़ा दी जाए।
- एससी एसटी एक्ट को मजबूत किया जाए।
- भूमिहीनों को भूमि और आवास
- सभी को नौकरी और न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करें
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