चुनाव आयोग की विश्वसनीयता ख़त्म होती जा रही है
चुनाव आयोग की जो विश्वसनीयता और जो एक मज़बूती उनके नियमों में होनी चाहिए, वह इस सरकार यानी मोदी सरकार में कमज़ोर नज़र आ रही है।
चुनाव आयोग की जो विश्वसनीयता और जो एक मज़बूती उनके नियमों में होनी चाहिए, वह इस सरकार यानी मोदी सरकार में कमज़ोर नज़र आ रही है। पांच राज्यों के आने वाले विधान सभा चुनाव में जिस प्रकार की नफरत की राजनीति हमारे वरिष्ठ नेता इस्तमाल कर रहें हैं वह इस संस्थान की निष्पक्षता पर एक सवाल उठा रही है। नीलू व्यास और भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी के बीच इन्ही मुद्दों पर चर्चा हुई।
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