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अमेरिकी हवाई क्षेत्र में गुब्बारे पर नूराकुश्ती; आख़िर माजरा क्या है?

चीन ने दावा किया है कि अमेरिकी मीडिया में सात दिन तक बने रहे उन्माद के बाद, अमेरिका ने जिस गुब्बारे को मार गिराया, वह वास्तव में मौसम विज्ञान संबंधी गुब्बारा था।
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फ़ोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

अमरीका से आ रही खबरें पूरी तरह से अजीब लगती हैं। पहले, एक सबसे महंगे अमेरिकी सैन्य विमान एफ-22 रैप्टर का इस्तेमाल, अटलांटिक महासागर के ऊपर एक चीनी गुब्बारे को मार गिराने के लिए किया जाता है। फिर तीन दिनों के भीतर तीन और ‘‘अज्ञात उडऩे वाली वस्तुएं’’, जो निश्चित रूप से गुब्बारे तो नहीं ही थे, उन्हें गिराया जाता हैं: दो अमेरिका में और एक कनाडा में। यह पूछे जाने पर कि क्या ये चीजें पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह से आई हो सकती हैं, अमरीका की नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (एनओआरएडी) के प्रभारी, जनरल ग्लेन वेनहेर्क ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मैं इसका पता लगाने का काम खुफिया कम्युनिटी और काउंटर-इंटैलीजेंस पर छोड़ता हूं। मैंने किसी भी संभावना को खारिज नहीं किया है।’’

जासूसी गुब्बारे के नाम पर उन्माद का खेल!

मुझे यह विश्वास नहीं हुआ कि अमरीका वायुसेना का जनरल, जिससे दूसरे ग्रहों से अज्ञात वस्तुओं (यूएफओ) के मिलने में विश्वास करने वाले सिरफिरों में से एक होने की उम्मीद तो शायद नहीं ही की जाती है, वह मार गिराई जाने वाली वस्तु के किसी दूसरे ग्रह के होने की संभावना की बात कर रहा था! कहीं यह लोगों और मीडिया का ध्यान, जिसे इस सप्ताह की सबसे बड़ी खबर होना चाहिए था, की ओर से हटाने की कोशिश का मामला तो नहीं था? हमारा इशारा सैम्युर हर्ष के इस खुलासे की ओर है कि राष्ट्रपति बाइडेन के आदेश पर, अमेरिकी नौसेना द्वारा नॉर्डस्ट्रीम 1 और 2 पाइपलाइनों के साथ तोडफ़ोड़ कराई गई थी या फिर यह एक नए भू-राजनीतिक तनाव का हिस्सा है जिसे अमेरिका, चीन के साथ बढ़ाना चाहता है? या यह सिर्फ मानसिक उन्माद का मामला है?

सबसे पहले, चीनी गुब्बारे का प्रकरण और सात दिन तक अमेरिका के ऊपर से उसके उड़ने की मीडिया में मुसलसल कवरेज की बात करते हैं। राष्ट्रपति बाइडेन से लेकर अमेरिका के विभिन्न प्रवक्ताओं तक, सर्वसम्मत फैसला था कि यह एक आधुनिकतम चीनी जासूसी गुब्बारा था जिसे अमेरिका में महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों का डेटा एकत्र करने के लिए ‘‘भेजा’’ गया था। इसके एक जासूसी का उपकरण होने का ‘‘सबूत’’ सिर्फ इतना था कि इसमें कुछ सीमित ‘‘चालन क्षमताएं’’ थीं और गुब्बारे पर लगे ट्रांसमीटर, अपना डॉटा आगे भेजने में सक्षम थे। जब अमेरिका अटलांटिक तट के उथले पानी से गुब्बारे के अवशेषों को निकाल लेता है, उसके बाद इसमें थोड़ा संदेह था कि वह (अमेरिका) यह घोषणा करेगा कि उसे इसकी ‘‘पुष्टिकरण करने वाले सबूत’’ मिल गए हैं कि यह वास्तव में, एक जासूसी गुब्बारा ही था।

हवाई सीमाओं का सवाल

चीनी गुब्बारे के संबंध में तरह-तरह के दावों के बीच, अमेरिका और मीडिया ने भी यह मान ही लिया है कि चीनी गुब्बारा, वास्तव में अमेरिकी हवाई क्षेत्र में था। चीन ने भी इस 'धारणा' को चुनौती नहीं दी है। लेकिन, समस्या यह है कि हवाई क्षेत्र को क्षैतिज (हॉरिज़ांटल) रूप से परिभाषित किया जाता है, 12 समुद्री मील के क्षेत्रीय समुद्री सीमा के ऊपर का हवाई क्षेत्र, संबंधित तटवर्ती देश की हवाई सीमा के अंतर्गत आता है। लंबवत रूप से किसी देश के हवाई क्षेत्र के लिए, संप्रभु हवाई क्षेत्र की ऐसी कोई परिभाषा मौजूद नहीं है। दूसरे शब्दों में, किसी भी देश के लिए 60,000 फीट (या 19.8 किलोमीटर) से ऊपर, कुछ भी दावा करना संभव है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्थान माना जाना जाएगा। लेकिन, कोई भी देश ऐसा दावा नहीं करता है क्योंकि इससे, उनकी अपनी संप्रभुता भी सीमित हो जाएगी।

क्या कोई वर्टिकल (ऊर्ध्वाधर) सीमा है कि किस ऊंचाई से हमें अंतर्राष्ट्रीय जल सीमा की तरह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सीमा माननी चाहिए? हालांकि ऐसा कोई समझौता नहीं है, लगभग हर देश ज़मीन से 100 किलोमीटर ऊपर वॉन कर्मन रेखा ( पृथ्वी के वायुमंडल और बाह्य अंतरिक्ष के बीच एक सीमा को परिभाषित करने का प्रयास) से परे आकाश को ग्लोबल कॉमंस मानता है, न कि किसी देश का हवाई क्षेत्र। यह फ़िज़नेस 60,000 फीट (19.8 किमी) के बीच अंतरिक्ष में स्थित है, जो निश्चित रूप से एक देश का हवाई क्षेत्र है-और वॉन करमन लाइन 100 किमी पर है।

दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका में 80 किलोमीटर की निचली सीमा को, अंतरिक्ष के लिए सीमा माना जाता है और सोवियत संघ के विपरीत, जिसने अप्रैल 1961 में पहले अंतरिक्ष यात्री को पूर्ण-अंतरिक्ष कक्षा में भेजा था, अमरीका के अंतरिक्ष यात्रियों ने शुरूआत में, केवल उप-कक्षीय उड़ानों का ही संचालन किया था। अंतरिक्ष में यूरी गगारिन के बाद, अमरीका द्वारा भेजे जाने वाले एलन शेपर्ड की उप-कक्षीय उड़ान में फर्क यह था कि शेपर्ड की उड़ान वॉन कर्मन रेखा को पार कर गई थी, उसने एक पृथ्वी के गिर्द पूरा चक्कर नहीं लगाया था और अंतरिक्ष में केवल 15 मिनट रुक पाई थी। इसके विपरीत, यूरी गगारिन ने पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर पूरा किया था और 108 मिनट तक अंतरिक्ष में रहे थे। हालांकि अमेरिका ने, चांद पर मनुष्य के उतरने के मामले में सोवियत संघ को पछाड़ दिया, लेकिन रॉकेट सहित हर दूसरे मामले में सोवियत संघ अमेरिका से आगे था। शीत युद्ध समाप्त होने के बाद, अभी हाल तक अमेरिका अपने अंतरिक्ष प्रक्षेपणों के लिए रूसी रॉकेटों का इस्तेमाल करता आया था क्योंकि वे सस्ते थे और अमेरिकी रॉकेटों की तुलना में उनका प्रदर्शन बेहतर था।

मौसम विज्ञान से संबंधित गुब्बारे?

चीनियों ने दावा किया है कि अमेरिकी मीडिया में सात दिन तक बने रहे उन्माद के बाद, अमेरिका ने जिस गुब्बारे को मार गिराया, वह वास्तव में मौसम विज्ञान संबंधी गुब्बारा था। पर यह दावा विश्वसनीय है? या यह वास्तव में जासूसी का गुब्बारा ही था?

सभी देश मौसम संबंधी जानकारियां एकत्र करने के लिए मौसम के गुब्बारों का उपयोग करते हैं। अमेरिका एक साल में ऐसे 60,000 गुब्बारे छोड़ता है यानी हर दिन छोड़े जाने वाले ऐसे गुब्बारों की कुल संख्या 1800 है। इन गुब्बारों में दबाव, तापमान, हवा की गति, सापेक्ष आद्रता आदि को मापने के लिए उपकरण लगे होते हैं और वे रेडियो सिग्नल के माध्यम से अपने माप, अपने नियंत्रण स्टेशनों को भेजते रहते हैं। इसका मतलब यह है कि मौसम विज्ञान से जुड़े सभी गुब्बारों में अपने डाटा को अपने बेस स्टेशनों पर भेजने की क्षमता होती है। उनके पास कम से कम लंबवत और एक हद तक क्षैतिज रूप से चालन की सीमित क्षमता भी होती है ताकि वे उपयुक्त वायु प्रवाह का उपयोग कर सकें और एक अपेक्षाकृत बड़े क्षेत्र में मौसम संबंधी जानकारियां एकत्र कर सकें।

यदि प्रतिदिन इतनी बड़ी संख्या में गुब्बारे भेजे जाते हैं, तो अंतरिक्ष गुब्बारों से पट क्यों नहीं जाता है? एक बार जब मौसम विज्ञान संबंधी गुब्बारा अपना कार्य पूरा कर लेता है, तो यह तब तक ऊपर उठता जाता है, जब तक इसके उच्च आंतरिक दबाव और बाहरी निचले दबाव के बीच का अंतर इतना नहीं हो जाता है कि इसे फाड़ ही दे। पर कुछ गुब्बारे फटने में विफल भी रहते हैं और वायुमंडलीय प्रवाह से, कूड़े के रूप में इधर-उधर बिखर भी सकते हैं। चूंकि ये वायुमंडलीय प्रवाह राष्ट्रीय कानूनों का पालन नहीं करते हैं, ऐसे गुब्बारों का कूड़ा दुनिया भर में कहीं भी पहुंच सकता है और देशों की सीमाओं का ‘‘उल्लंघन’’ कर सकता है।

इन गुब्बारों में केवल मौसम संबंधी गुब्बारे ही नहीं होते हैं। इनके अलावा वैज्ञानिक गुब्बारे भी होते हैं, जो अधिक परिष्कृत होते हैं और कई और उपकरण ले जा सकते हैं। उनमें संचालन के सीमित साधन भी हो सकते हैं, यानी संचालन के यंत्र और उन्हें चलाने के लिए एक छोटा इंजन। हालांकि ऐसे गुब्बारे सस्ते नहीं होते हैं, लेकिन वे ऐसे उपकरणों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए, उपग्रहों के उपयोग की तुलना में तो बहुत कम खर्चीले होते ही हैं।

चीन पर आरोप और खुद अमरीका का खेल?

अमेरिका ने दावा किया है कि चीनी गुब्बारा कोई साधारण मौसम वैज्ञानिक गुब्बारा नहीं था बल्कि संभवत: ज़मीन पर अमेरिकी सैन्य स्थलों की निगरानी के लिए, उपकरणों से युक्त एक गुब्बारा था। लेकिन, यह स्पष्ट नहीं है कि चीनी ऐसा क्यों करेंगे जबकि इस तरह के मिशन के लिए और इस तरह के काम को अंजाम देनेे के लिए, कक्षाओं में उनके सैन्य उपग्रह पहले ही मौजूद हैं।

गुब्बारों का एकमात्र लाभ यह है कि वे उपग्रहों की तुलना में बहुत सस्ते पड़ते हैं। लेकिन, जब सामरिक उद्देश्यों का मामला हो, जैसे यह पता लगाना हो कि आपका विरोधी क्या कर रहा है, तो निश्चित रूप से पैसा ज़्यादा मायने नहीं रखता है। बड़ी अजीब बात हैै अमेरिका जो चीनी गुब्बारों के मामले को लेकर, आग बरसाने में लगा हुआ था, उसने खुद सैन्य जासूसी के गुब्बारों के उपयोग की बाकायदा योजना बना रखी थी। पिछले साल पोलिटिको ने (5 जुलाई, 2022) ‘‘चीन और रूस के खिलाफ अमेरिकी सेना का सबसे नया हथियार: गर्म हवा’’ शीर्षक से ख़बर लिखी थी, इसमें कहा गया था, ‘‘60,000 और 90,000 फीट के बीच, ज़्यादा ऊंचाई पर उड़ने वाले वाले, इन्फ्लेटेबल्स यानी हवा से फुलाए जाने वाले गुब्बारों को पेंटागन के व्यापक निगरानी नेटवर्क में जोड़ा जाएगा और अंतत: हाइपरसोनिक हथियारों को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।’’ आम भाषा में, फूलने वाली चीज़ का अर्थ है-गुब्बारे, लेकिन जब आप युद्ध के बारे में बात कर रहे हों तो गुब्बारा शब्द प्रभावशाली नहीं लगता इसलिए, अधिक प्रभावशाली शब्द है ‘‘इनफ्लेटेबल्स’’...हालांकि इस कार्यक्रम का वर्णन इसे काफी प्रभावशाली बनाता है, लेकिन वित्तीय वर्ष 2023 के लिए इसका बजट केवल 2.71 करोड़ डॉलर है। जहां 1986 में टॉयलेट सीटों की कीमत 640 डॉलर थी और कॉफी मेकर की कीमत पूरे 7,622 डॉलर, ऐसे में 2.7 करोड़ डॉलर पेंटागन के लिए छोटी चिल्लर से ज़्यादा नहीं होगी।

आकाश से संंबंधित नियम-कायदों का समय

सवाल यह है कि एक सप्ताह के भीतर ही अचानक, एक गुब्बारे और तीन अन्य अज्ञात उड़ने वाली वस्तुओं के संबंध में कैसे निष्कर्ष निकाला गया कि ये निश्चित रूप से गुब्बारे नहीं थे? इसका जवाब ‘‘विरोधी’’ शक्तियों द्वारा जासूसी की गतिविधियों के बढ़ाए जाने में नहीं है बल्कि केवल उन बदलावों में है जो नॉर्थ अमेरिकन एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (एनओआरएडी) ने, छोटी वस्तुओं और गुब्बारों को खोजने के लिए, अपने उपकरणों में किए हैं। इससे पहले तक, इन उपकरणों को विमानों और मिसाइलों को खोजने के लिए बनाया गया था और इसमें गुब्बारे व अन्य छोटी वस्तुएं शामिल नहीं थीं। जैसा कि एनओआरएडी के एक अधिकारी ने कहा, उन्होंने अब एपर्चर को बहुत ज़्यादा खोल दिया है, जिसका अर्थ है कि वे अब ऐसी आकृतियों और आकारों की जांच कर रहे होंगे, जिनकी उन्होंने पहले उपेक्षा कर दी होगी। चूंकि इनमें से बहुत से या तो अंतरिक्षीय कचरे के अंश या ऐसे गुब्बारे हैं, जिन पर उन्हें छोड़ने वाले संगठनों ने नियंत्रण खो दिया है, सवाल यह है कि हम इसके चलते पैदा होने वाले उन्माद से कैसे निपटें? या कहें कि यह राई का पहाड़ बनाने का मामला है?

मैं अमरीका के बैलून कार्यक्रम की बात क्यों कर रहा हूं? क्या अमेरिका खुद ठीक वही कर रहा है, जिसे करने का वह चीन पर आरोप लगा रहा है, कि चीन सैन्य उद्देश्यों के लिए जासूसी गुब्बारे भेज रहा है? यदि ऐसे गुब्बारे वास्तव में भेजे जाते हैं, तो संबंधित देश उन्हें इधर-उधर जाने और अन्य देशों के अपरिभाषित हवाई क्षेत्र में भटकने से कैसे रोक सकते हैं? क्या इस पर चर्चा करने का समय नहीं आ गया है कि हवाई क्षेत्र की, निकट अंतरिक्ष और बाह्य अंतरिक्ष की क्या सीमाएं और उनके लिए क्या नियम होने चाहिए?

लेकिन इस तरह के मुद्दों को हल करने के लिए हमें बहुत ही अलग तरह के वातावरण की आवश्यकता है, न कि सैन्य उन्माद के वर्तमान वातावरण की, जो हम गुब्बारों के मुद्दे पर देख रहे हैं। गुब्बारों को लेकर उन्माद खड़ा करना, सेम्यूृर हर्श के नॉर्डस्ट्रीम पाइपलाइन तोड़फोड़ के खुलासे से ध्यान भटकाने के अलावा रूस और चीन को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने और उन्हें सैन्य रूप से घेरने की, अमरीकी रणनीतिक दृष्टि का भी एक और कदम है।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित रिपोर्ट को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

Why Does the United States Have Balloon Hysteria?

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