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इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

इज़रायली सुरक्षाबलों ने गुरुवार, 14 अप्रैल को अल-अक़्सा परिसर में सुबहर की प्रार्थना के वक़्त जबरदस्ती दाखिला लिया और करीब़ 400 फिलिस्तीनी लोगों को गिरफ़्तार किया है। उन्होंने परिसर में मौजूद हज़ारों लोगों के साथ जमकर हिंसा भी की।
israel

शुक्रवार, 15 अप्रैल को इज़रायली सशस्त्र बल बड़ी संख्या में पूर्वी जेरुसलम स्थित अल-अक्सा मस्ज़िद परिसर में दाखिल हुए, जहां हज़ारों लोग रमदान के पवित्र महीने में सुबह की प्रार्थना कर रहे थेl सोशल मीडिया पर इस हमले के वीडियो फुटेज में साफ़ दिखता है कि इज़रायली सशस्त्र बलों ने बड़े स्तर पर फिलिस्तीनियों के खिलाफ़ हिंसा कीl 

प्रार्थना करने वालों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल थे, तभी इज़रायली फौजी मोरक्को दरवाजे से अंदर घुसे और रबर की गोलियां व आंसू गैस के गोले छोड़ना शुरू कर दिएl जबकि ना तो इनकी तरफ से कोई चेतावनी दी गई और ना ही प्रार्थना करने वाले लोगों ने किसी तरह का उकसावे का काम किया थाl इसके बाद मस्ज़िद में जिन फिलिस्तीनी युवाओं की नमाजियों की रक्षा करने के लिए तैनाती थी, उन्होंने बदले में पथराव कियाl

फिलिस्तीनी रेड क्रेसेंट के मुताबिक़, इस हमले में 150 से ज़्यादा लोग घायल हुएl संगठन ने यह भी दावा किया कि घटनास्थल पर उन्होंने दर्जनों लोगों का इलाज़ किया, जबकि इज़रायली फौजी उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थेl कब्ज़ा करने वाली ताकतों ने एंबुलेंस को भी घटनास्थल तक पहुंचने से रोकाl

टाइम्स ऑफ़ इज़रायल के मुताबिक़, इज़रायली सुरक्षाबलों ने इस बात से इंकार किया है कि उन्होंने मस्ज़िद परिसर के भीतर प्रवेश किया, इसके बजाए उन्होंने दावा किया कि फिलिस्तीनियों ने पटाखे चलाए और उन पर पथराव कियाl लेकिन कई फिलिस्तीनियों द्वारा शेयर की गईं वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि कैसे इज़रायली सैनिक प्रार्थना करने वालों पर हमला कर रहे हैंl वीडियो में यह भी दिख रहा है कि कैसे इज़रायली सैनिकों ने कुछ फिलिस्तीनी लोगों को ज़मीन पर चित लिटाकर उनके हाथ पीछे बांधकर पकड़ रखा हैl

इस छापेमारी के दौरान 400 से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को गिरफ़्तार किया गयाl यह भी देखा गया कि सुरक्षाबल मस्ज़िद परिसर में हो रही हिंसा को कवर कर रहे मीडिया के लोगों से भी मारपीट कर रहे हैंl बिना किसी उकसावे के यह लोग महिलाओं और बुजुर्गों को मार रहे थेl इन सुरक्षाबलों ने चिकित्साकर्मियों को भी बुरे तरीके से डराया, जिन्हें हिंसा से बचने के लिए शरण लेनी पड़ीl 

यह वीडियो दिखाता है कि कैसे एक सैनिक अक्सा परिसर में हो रही घटनाओं को कवर रहे पत्रकार पर हमला कर रहा हैl

The video below shows a soldier attacking a journalist covering what’s happening at #Aqsa compound a few hours ago.

On one of the holiest days of the year, Israeli soldiers & police stormed the #Aqsa mosque & attacked worshippers.

Reports of 67 injuries so far. 1/3 pic.twitter.com/zZQ92QgFTq

— Fadi Quran (@fadiquran) April 15, 2022

साल के सबसे पवित्र दिनों में से एक पर, इज़रायली सैनिकों और पुलिस ने अक्सा मस्ज़िद में छापेमारी की और प्रार्थना कर रहे लोगों पर हमला कियाl अब तक 67 लोगों के घायल होने की खबर हैl

फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने इज़रायलियों की बढ़ती हिंसा को "असहनीय" बताया और आपात अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की, ताकि इस कब्ज़े को खत्म किया जा सके। हमास ने भी वक्तव्य जारी कर कहा कि पूर्वी जेरूसलम में जो लोग कब्ज़े के खिलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं, सभी फिलिस्तीनी उनके साथ हैंl

नियमित घटनाएं

इज़रायली सुरक्षाबल नियमित ढंग से अल अक्सा परिसर में धावा बोलते रहते हैं, यह कब्ज़ा किए गए फिलिस्तीन में धार्मिक स्थलों के प्रशासन से जुड़े समझौते का उल्लंघन हैl यह सुरक्षाबल अक्सर दक्षिणपंथी इज़रायलियों को भी परिसर पर धावा बोलने की अनुमति देते रहते हैंl इस साल एक इज़रायली कट्टरपंथी समूह ने परिसर में एक मृत संस्कार करने के लिए आह्वान भी किया था, जबकि परिसर में ऐसे रिवाजों की अनुमति नहीं है।

पिछले साल अल-अक्सा में इज़रायली हमले में 300 फिलिस्तीनी घायल हो गए थे, इसके बाद मामला बढ़ गया था और पूरे ऐतिहासिक फिलिस्तीन में जमकर हिंसा हुई थी, जिसके बाद इज़रायल ने 11 दिनों तक गाज़ा में अभियान चलाया था, जिसमें 260 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई थी, जबकि नागरिक इमारतों और दूसरी अवसरंचनाओं को भी बहुत नुकसान पहुंचा था।

वफा न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़, इज़रायल ने फिलिस्तीनी प्रार्थियों पर कई पाबंदियां लगाई हैं। इज़रायल की नीति के मुताबिक़, कब्ज़ा किए गए वेस्ट बैंक के पुरुष, जो 50 साल की उम्र से कम हैं, वे अल-अक्सा मस्ज़िद में नहीं जा सकतेl वेस्ट बैंक से आने वाले प्रार्थियों में ज़्यादातर महिलाएं, बच्चे या 50 साल की उम्र से ज़्यादा के लोग शामिल हैं। दूसरे प्रार्थी पूर्वी जेरूसलम और इज़रायली कस्बों व शहरों से आते हैंl 

लेकिन कई इज़रायली प्रतिबंधों के बावजूद, रमादान में हर दिन हज़ारों फिलिस्तीनी मस्ज़िद पहुंचेl शुक्रवार के दिन इन लोगों की संख्या दसों हज़ार हो जाती हैl

इस साल यह हमला उस पृष्ठभूमि में हुआ है, जब कम से कम दो दर्जन फिलिस्तीनी पहले ही कब्ज़ा किए हुए क्षेत्र में इज़रायली हिंसा में जान गंवा चुके हैंl फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, पिछले दो दिनों में कब्जाए गए वेस्ट बैंक में इज़रायली हिंसा में कम से कम 7 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी हैl

जेनिनन नाब्लुस और दूसरी जगहों के शरणार्थी कैंपों में स्थित फिलिस्तीनी घरों में इज़रायली हमलों हमले तबसे और ज़्यादा बढ़ गए हैं, जबसे प्रधानमंत्री नफात्ली बैनेट द्वारा कथित "आतंकी हमलों" को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को "पूरी आज़ादी" दे दी गई है। इज़रायली कब्ज़े और असीमित हिंसा के विरोध में 22 मार्च के बाद इज़रायल में फिलिस्तीनियों द्वारा कई हमले किए गए हैं। 

वफ़ा ने बताया कि इज़रायली फौज़ों द्वारा की गई हालिया हत्याओं के विरोध में रामल्लाह और बेथलेहम में फिलिस्तीनियों ने गुरुवार को एक दिन की हड़ताल भी रखी।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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