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जिग्नेश मेवानी पर भाजपा समर्थकों ने चौथी बार कथित तौर पर हमला किया

दलित नेता मेवानी किसानों के मुद्दों को उठा रहे हैं और भाजपा के "नकली" गुजरात मॉडल की सच्चाई को उजागर कर रहे हैं
Jignesh Mevani

05 दिसंबर को वाग्डम निर्वाचन क्षेत्र दलित नेता और विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार जिग्नेश मेवानी पर भाजपा के समर्थकों ने पटौसन और ताकरवाड़ा गांवों में उनके अपने अभियान के दौरान कथित तौर पर हमला किया. अनुसूचित जाति के लिए वाग्डम आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दायर करने के बाद अब तक मेवानी पर चार ऐसे हमलों हो चुके है.

नए हमले में, जिसमें मेवानी बाल-बाल बचे, कथित तौर बीजेपी समर्थकों ने अभियान में इस्तेमाल होने वाली दो कारों को भारी क्षति पहुंचाई है. बनासकांठा जिले के वाग्डम में, चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से मेवानी और भाजपा के उम्मीदवार विजय चक्रवर्ती के बीच है. मेवानी के राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के साथ चुनावी गठबंधन के हिस्से के तौर पर कांग्रेस ने यहाँ से अपना उम्मीदवार हटा लिया है. कथित तौर पर, भाजपा के सदस्यों ने उसी दिन ताराखवारा में मेवानी के जुलूस में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की और उसे बाधित किया.

अपने चुनावी अभियान के जरिए, मेवानी गुजरात में किसानों के संकट को उजागर कर रहे हैं और खासतौर पर वाग्डम में किसानों की समस्याओं को मज़बूत ढंग से उठा रहे हैं.

हमले के जवाब में, मेवानी ने कहा कि उन्होंने गुजरात में बीजेपी की जनविरोधी नीतियों के मुद्दे को उठाकर एक सीधी लड़ाई लड़ी है. उन्होंने कहा कि वाग्डम अभियान में वे भाजपा के “नकली विकास मॉडल” को उजागर कर रहे हैं.

"यही कारण है कि, जनता के बीच जाने और मुद्दों पर बात करने के बजाय, भाजपा मुझ पर हर जगह-जगह हमला कर रही है लेकिन, वाग्डम के लोगों ने मुझे भारी समर्थन दिया है. मैं जनता के मुद्दों पर कड़ी मेहनत करूँगा और भाजपा के इन कुकृत्यों को चुनौती देता रहूँगा."

पेशे से वकील जिग्नेश मेवानी, गुजरात में दलित आंदोलन के नेता के रूप में उभरे है. वे राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच और उना दलित अत्याचार लड़ाई समिति के संयोजक हैं. हाल के दिनों में, मेवानी ने दलित समुदायों और युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है जब उन्होंने गुजरात की सड़कों पर भाजपा सरकार की नीतियों के विरुद्ध आवाज़ उठायी. इन आन्दोलनों के तहत उनकी संस्था ने भूमिहीन दलितों और आदिवासियों के बीच भूमि के वितरण की मांग को लेकर आन्दोलन किया है, राज्य में बीजेपी सरकार की नीति इस मांग की उपेक्षा की रही है, मेवानी इसके लिए राज्य उच्च न्यायालय में भी लड़ रहे है.

यह पहली बार नहीं है कि भाजपा के सदस्यों पर विपक्षी नेताओं पर ऐसे हमलों का आरोप है. अगस्त में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर भी इसी तरह का कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने बनासकांठा जिले में हमला किया था. इस घटना में, श्री गांधी की गाड़ी पर पत्थरों से हमला कर खिड़की तोड़ दी गयी थी और वे बिना चोटिल हुए बच गए, सनद रहे वे बनासकांथा जिले में बाढ़ के कारण हुई 61 लोगों की मौत के बाद दौरे पर थे.

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