Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे इस्तीफ़ा देंगे

संसद के उच्च सदन के लिए पार्टी के महासचिव हीरोशिगे सेको ने इस बात की पुष्टि की है कि आबे ने पार्टी कार्यकारी पदाधिकारियों से कहा है कि वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं।
शिंजो आबे

टोक्यो : जापान में अब तक के इतिहास में सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले शिंजो आबे ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से इस्तीफा देने का मन बनाया है। उनकी तबीयत खराब होती जा रही है।

आबे से पहले जापान की ऐसी छवि बनी हुई थी कि यहां के प्रधानमंत्री का कार्यकाल बेहद कम होता है। आबे के पद छोड़ने से स्थिरता के इस काल की समाप्ति होगी। जापान ने आबे के शासनकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मजबूत संबंध देखे, लेकिन आबे के अति राष्ट्रवाद की नीति ने कोरिया और चीन को नाराज करने का काम किया।

आबे ने जापान को मंदी से बाहर निकाला, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था के सामने कोरोना वायरस महामारी के बीच नया संकट पैदा हुआ है। हालांकि आबे अमेरिका द्वारा तैयार किए गए युद्ध विरोध संविधान को औपचारिक तौर पर दोबारा लिखे जाने के लक्ष्य को अपने कार्यकाल में पूरा नहीं कर सके क्योंकि जनता ने उनकी इस अभिलाषा को एक तरह से नकार दिया।

आबे को पूर्व प्रधानमंत्री और अपने दादा नोबूसुके किशी के राजनीतिक विचारों के पदचिह्नों पर चलने के लिए तैयार किया गया था। किशी का ध्यान जापान को एक ऐसा ‘सामान्य’ और ‘सुंदर’ देश बनाना था जिसके पास बड़ी सैन्य शक्ति हो और जो अंतरराष्ट्रीय मामलों में अहम भूमिका निभाता है।

संसद के उच्च सदन के लिए पार्टी के महासचिव हीरोशिगे सेको ने इस बात की पुष्टि की है कि आबे ने पार्टी कार्यकारी पदाधिकारियों से कहा है कि वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

सेको ने कहा कि आबे का कहना है कि वह परेशानी पैदा नहीं करने के लिहाज से इस्तीफा दे रहे हैं। आबे शुक्रवार शाम में संवाददाता सम्मेलन कर सकते हैं।

ग्रीष्मकाल से ही आबे के स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को लेकर चर्चा हो रही है। और इस महीने यह चर्चा तब और तेज हो गई जब वह लगातार दो सप्ताह स्वास्थ्य जांच के लिए गए। हालांकि इस स्वास्थ्य जांच के सबंध में कोई खास जानकारी नहीं मिली है। आबे का कार्यकाल सितंबर, 2021 में खत्म होगा और ऐसी उम्मीद है कि जब तक पार्टी इस पद के लिए एक नया नेता नहीं चुन लेती है और संसद से औपचारिक मंजूरी नहीं मिल जाती है तब तक आबे पद पर बने रहेंगे।

आबे 2006 में 52 साल की उम्र में जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन एक साल बाद ही स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से वह पद से हट गए। इसके बाद दिसंबर, 2012 में आबे सत्ता में लौटे। आबे ने जापान के इतिहास में लगातार सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने का इतिहास सोमवार को बना लिया। इससे पहले 2,798 दिनों तक पद पर रहने का रिकॉर्ड इसाकु सातो के नाम था।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest