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कांग्रेस और भाजपा को सत्ता में आने से रोकना है: मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली में अपनी पहली चुनावी रैली में कहा कि जातिवादी और पूंजीवादी नीतियों की वजह से बीजेपी सत्ता से बाहर हो जाएगी।
मायावती की दिल्ली में रैली

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को दिल्ली में चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। 

बसपा सुप्रीमों ने कहा कि कांग्रेस देश में अब तक लंबे अरसे तक रही है, लेकिन इनकी गलत नीतियों की वजह से सरकार चली गई। कांग्रेस के शासन में न तो गरीबी दूर हुई और न रोजगार मिला और दलित, पिछड़े लोगों की हालत काफी खराब रही।

भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि जातिवादी और पूंजीवादी नीतियों की वजह से बीजेपी भी बाहर हो जाएगी। इनकी नई नाटकबाजी नहीं चलेगी। इनके छोटे बड़े चौकीदार भी काम में नहीं आएंगे, जो वादे किए थे उसका एक तिहाई भी वादे पूरे नहीं हुए हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से नुकसान हुआ है। इस सरकार में रक्षा सौदों पर सवाल उठे हैं। वे फिर से सत्ता प्राप्त करने के किये तमाम हथकंडे अपना रहे हैं। लोक लुभावन घोषणाओं के फेर में नहीं फंसना है। हमारी पार्टी कोई घोषणापत्र जारी नहीं करती है, क्योंकि हम बोलने में कम, काम करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। 

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस की हालत खराब है। वहां सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया, लेकिन परिवर्तन की लहर है। इनके अच्छे दिन जा चुके हैं।

महिलाओं को बड़ी संख्या बाहर निकलने का आह्वान करते हुए मायावती ने कहा कि वोट बसपा को ही देना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सभी समस्याओं को खत्म किया जाएगा। कमजोर तबके का पूरा ख्याल रखा जाएगा। यहां से बसपा के सभी प्रत्याशियों को जिताना है।

आपको बता दें कि बसपा दिल्ली में 7 में से 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। नई दिल्ली और उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट पर बसपा के उम्मीदवार नहीं हैं। इन दोनों सीटों पर उसके उम्मीदवार के पर्चे निरस्त हो गए थे। इनके अलावा अन्य सीटों पर बसपा ने पूर्वी दिल्ली सीट पर संजय गहलोत, उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से राजवीर सिंह, पश्चिमी दिल्ली सीट से सीता शरण सैन, दक्षिणी दिल्ली से सिद्धांत गौतम और चांदनी चौक से शाहिद अली को उम्मीदवार बनाया है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में करीब 16.75 फीसदी दलित आबादी है। बसपा ने 2008 विधानसभा में यहां सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उसे 14.05 फीसदी तक वोट मिले थे जबकि उसने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी। सबसे हाल में हुए2017 नगर निगम चुनावों में दिल्ली में बसपा ने तीन सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि उसे 4.44 प्रतिशत मत हासिल हुए।

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