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कश्मीर में प्रदर्शन की ख़बर क्या सही थी?

यह तथ्य-जाँच इस प्रकार पुष्टि करती है कि बीबीसी और अल जज़ीरा द्वारा प्रसारित वीडियो को सौरा, श्रीनगर में शूट किया गया था।
bbc

10 अगस्त को बीबीसी, अलजज़ीरा और रायटर्स न्यूज़ ने ख़बर दी थी कि जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जा को ख़त्म करने के सरकार के फ़ैसले के खिलाफ श्रीनगर के सौरा में हजारों प्रदर्शनकारियों सड़कों पर उतरे। मीडिया आउटलेट ने दावा किया था कि "भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने गोली चलाई और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद, भारत सरकार ने पहले यह कहा कि ऐसा विरोध कभी नहीं हुआ। लेकिन अब तीन बाद यह स्वीकार किया कि श्रीनगर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।

सरकार और सोशल मीडिया पर बीबीसी की रिपोर्ट के खिलाफ उठाए गए दावे निम्नलिखित थे।

- श्रीनगर में व्यापक विरोध प्रदर्शन नहीं हुए।

- बहुत ही छिटपुट विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें 20 से अधिक लोग शामिल नहीं थे।

- खबरें मनगढ़ंत हैं।

- फुटेज को कश्मीर में शूट नहीं किया गया था।

- प्रदर्शनकारियों पर कोई गोली नहीं चलाई गई।

वीडियो में कई स्थानों पर, प्रदर्शनकारियों को एक पोस्टर पकड़े हुए देखा जा सकता है जो कहता है - "अनुच्छेद 370 का हटाया जाना हमें स्वीकार्य नहीं है।"

भारत सरकार ने हाल ही में अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा छीन लिया। इस बैनर की उपस्थिति साफ़ करती है कि फुटेज पुराना नहीं है। इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने खुद पुष्टि की है कि विरोध प्रदर्शन हुए थे।

लोकेशन का सत्यापन

सोशल मीडिया पर कई दावे किए गए हैं कि कश्मीर में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। कई अन्य लोगों ने दावा किया कि भारत में अशांति नहीं हुई। हालांकि, फुटेज में कई दृश्य संकेतों से पता चलता है कि दृश्यों को श्रीनगर में शूट किया गया था।

1. जेनाब साहिब (Jenab Saeb) मस्जिद

बीबीसी फुटेज में एक मस्जिद 1:31 से 1:57 तक दिखाई देती है। वही मस्जिद - जिस पर सफ़ेद धारियों वाली एक हरी गुंबद और किनारे पर सफ़ेद और हरे रंग की मीनारें हैं - अल जज़ीरा फुटेज में भी 0:27 से लेकर 0:36 तक दिखाई देती है।

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ऑल्ट न्यूज़ ने सौरा में मस्जिदों की तलाश की और पाया कि वीडियो में जो दिखाया गया है वह सौरा के अंचर (Anchar,Soura) इलाके में स्थित जेनाब मस्जिद है।

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अल जज़ीरा द्वारा प्रसारित विरोध के एक अन्य वीडियो में मस्जिद अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

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2. रमजान मेमोरियल एजुकेशनल ट्रस्ट

0:57 पर बीबीसी फुटेज में 'रमजान मेमोरियल' लिखा हुआ एक होर्डिंग दिखाई दे रहा है। यह श्रीनगर के सौरा में एक शैक्षणिक संस्थान है।

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3. नाइस बेकरी

नाइस बेकरी का बोर्ड बीबीसी फुटेज में 00:59 से 1:08 तक देखा जाता है। यह शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज या (SKIMS) अस्पताल के पास सौरा में भी स्थित है।

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4. तीनों स्थान 2.5 किमी के दायरे में हैं

Google मानचित्र दिखाता है कि सभी तीन प्रतिष्ठान - जनाब सेब मस्जिद, रमजान मेमोरियल एजुकेशनल ट्रस्ट और SKIMS अस्पताल की दूरी पैदल तय की जा सकती है।

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5. शार्प साइट आई हॉस्पिटल

बीबीसी फुटेज के पहले कुछ सेकंड में, जहां लोगों को हेल्टर-स्केलेटर चलाते हुए देखा जा सकता है और बैकग्राउंड में शॉट्स देखे जा सकते हैं, हमने एक लैम्पपोस्ट पर एक बोर्ड (संभवतः एक विज्ञापन) देखा। हालांकि, वीडियो की गुणवत्ता खराब होने के कारण, बोर्ड को पढ़ना थोड़ा मुश्किल है। ऑल्ट न्यूज़ ने बीबीसी न्यूज़ से संपर्क किया और रॉ फुटेज लिया जिसमें बोर्ड अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। जैसा कि नीचे दिए गए फोटो असेंबल में स्पष्ट है, बोर्ड पर लिखा है - शार्प साइट ’- जो कि चन्नोरा, श्रीनगर में एक नेत्र चिकित्सालय है।

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यह तथ्य-जाँच इस प्रकार पुष्टि करती है कि बीबीसी और अल जज़ीरा द्वारा प्रसारित वीडियो को सौरा, श्रीनगर में शूट किया गया था। “धारा 370 का हनन” जैसे लिखे बैनरों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को भंग करने के सरकार के हालिया फैसले से अशांति फैल गई थी। लोगों का बड़ा जमावड़ा साबित करता है कि गृह मंत्रालय के दावे गलत हैं। बीबीसी की रिपोर्टों में दावा किया गया था  कि भीड़ को पीछे धकेलने के लिए लाइव राउंड फायर किये गए थे और बीबीसी ने भी दोहराया कि वे अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं। ऑल्ट न्यूज़ इसे स्वतंत्र तौर पर जांचने में असमर्थ है। हालांकि, भारत सरकार ने फायरिंग से इनकार किया है।

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