क्यों सीबीआई को अब भी नजीब का पता नहीं चल पाया है ?
नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को कहा के उन्हें नजीब की गुमशुदगी के मामले में एक नया और बहुत महत्वपूर्ण सुराग मिला है I लेकिन जब दिल्ल उच्च न्यायाल में सीबीआई ने ये कहा के वो इस बात का इंतजार कर रही है कि उन्हें उन नौ छात्रों का व्हात्सप्प संदेश और स्थान विवरण मिले जिन्होंने नजीब पर हमला किया तो ये आभास होता है कि वह इसमें पूर्णरूप से असफल रही |
दिल्ली पुलिस के द्वारा युवक को ढूंढने में नाकामी के चेलते ये मामल 16 मई 2017 को CBI सौंपा गया था I लेकिन पिछले साल 14 नवम्बर को हुई सुनवाई में भी CBI ने कोर्ट में यही कहा था जो इस बार कहा है I
नजीब (27 ), एक छात्र जो की JNU से ऍम .सी कर रहे थे माहि-मांडवी हॉस्टल से 15 अक्टूबर 2016 से लापता हैं I इसकी पिछली रात को उनकी झपड़ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कुछ छात्रों से हुई थी I
वरिष्ट वकील कोलिन गोंसाल्वेस ,ने नजीब की माता जी की ओर से तर्क देते हुए कहा की इस तथ्य को रिकॉर्ड में रखना चाहिए कि किस दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रन्च ने एक ऑटो ड्राईवर को पकड़कर मनगढ़ंत झूठी थ्योरी दी जिसमे बतया गया की उसने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय जाने के लिए ऑटो लिया था I सीबीआई ने 14 नवम्बर 2017 ,ये तथ्य कोर्ट के रिकॉर्ड में है की किस तरह से क्राइम ब्रांच अफसरों ने निरुद्देश्यता से एक ऑटो ड्राईवर को उठा कर उसपर दबाव डालकर झूठा बयान दिलाया I
जैसे ही मंगलबार सुनवाई पुनः शुरु हुई, सीबीआई के वकील ने ये कहा की सोमवार को सीबीआई मुख्यालय के बहार प्रदर्शन हुआ था , उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा इस प्रदर्शनकारियों ने सीबीआई मुख्यालय का गेट ब्लॉक किया I
इस प्रदर्शन का आवाहन फातिमा नफीस ने किया था , इसमें JNU ,दिल्ली विश्वविद्यालय जामिया,AMUऔर अन्य जगहों से आये छात्र शामिल हुए I इसमें ये आरोप लगया गया की संस्था नजीब को ढूढ़ने की पर्याप्त कोशिश नहीं कर रहा है | सीबीआई SP एस एस गुरुम ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया की सन्स्थ को नया और अतिमहत्वपूर्ण सुराग मिला है जिसे वो आज कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे |
उच्च न्यायलय की खंड पीठ में शामिल जस्टिस एस मुरलीधर और आई एस मेहता ने कहा की ये एक लोगो की चिंता जाहिर करने का लोकतान्त्रिक तरीका है ,क्योकि केस खीचा जा रहा है |
वकील कोलिन ने कहा जिस तत्पर्ता से जाँच पड़ताल जरूरत थी वो नहीं की गयी और अब न्ययालय में प्रथना करने आये हैं की आदेश दे की जाँच जल्दी हो सके |उन्होंने आरोप लगाया की पुलिस ने एक साल बर्बाद किया |
उन्होंने पुरानी प्रथना को दोहराया कहा की न्यायालय के निगरानी में जॉंच हो |उन्होंने कहा की सेवानिवृत्त न्यायाधीशो को एक मॉनिटर समिति नियुक्त की जाए जो उन सभी कागजातों का निरीक्षण कर सके जो क्राइमब्रांच और सीबीआई ने दिया है | न्यायाधीशों ने इस याचिका को सीएफएसएल रिपोर्टों को देखने के लिए रोके रखा है ।
पहले भी सीबीआई को न्ययालय द्वरा डाट खानी परी थी क्योकि पाँच महींने से केस लेने के बाद भी सीबीआई ने अभी तक कोई परीणाम नहीं दिया है क्योकि इनकी नजीब की गुमशुदगी में कोई दिलचस्पी नहीं है |
नजीब के गुमशुदगी के एक महीने बाद ही नजीब की माता जी उच्च न्ययालय गई 25 नवम्बर 2016 को गई की न्ययालय पुलिस को निर्देशित करे की उनके बेटे का पता लगाये |दिल्ली उच्च न्ययालय ने तत्काल ही दिल्ली पुलिस को निर्दशित किया की सभी दिर्ष्टीकोण को देखे और राजनीती दयेरे के बहार जा करके इस यूवक का पता लगाएं , क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के दिल से कोई यूँहीं नहीं गायब हो सकता है।
हालांकि, नजीब के गायब हो जाने के सात महीने बाद भी पुलिस नजीब के ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चलने से, जांच नौ महीने पहले सीबीआई को सौंपी गई थी|
पिछले वर्ष अगस्त में जब सीबीआई कोई नई प्रोग्रेस रिपोर्ट नहीं दे पाई तो न्ययालय ने सख्त शब्दों में सीबीआई को डाट और कहा की ये आपको मजाका के लिए नहीं दिया था |
6 सितम्बर को न्ययालय ने सीबीआई को निर्दशित किया की नजीब को ढूढने के लिए कदम उठाए |
फ़ातिम नफीस ने प्रदर्शनकारियों को बतया की बीते डेड साल से जाँच के नाम पे एक इंच भी आगे नहीं बढा है | जिससे ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे सीबीआई पर भरोष कायम रहे |इसके साथ ही बिना किसी सबूत के कहानी फैलाई जा रही है की नजीब ISIS में भर्ती हो गया है |
उन्होंने JNU विसी पर भी हमला करते हुए कहा की उसे तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए |यदि उसने वाईस चांसलर के तौर पर FIR किया होता, तो पुलिस ज़्यादा गंभीरता से लेती | हम चाहते हैं कि सीबीआई ने नौ एबीवीपी छात्रों से सवाल करे जिन्होंने नजीब पर हमला किया था I
नवाई की अगली तारीख के रूप में अदालत ने 3 अप्रैल की गयी है I
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