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लंदन में फ़ासीवाद-विरोधी लामबंदी : टॉमी रॉबिन्सन के समर्थकों का प्रतिरोध

ब्रिटिश धुर दक्षिणपंथी और मुस्लिम विरोधी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन वर्तमान में, अदालत के बाहर प्रसारण के लिए और अदालत के ख़िलाफ़ “अपमानजनक भाषा” का प्रयोग करने और उसकी अवमानना के लिए जेल की सज़ा काट रहे हैं। उन्होंने 2018 में चाइल्ड ग्रूमिंग गैंग के मुक़दमे के दौरान लीड्स क्राउन कोर्ट के बाहर केस के परिणाम को पहले ही घोषित करने का प्रयास किया था।
लंदन में फ़ासीवाद-विरोधी लामबंदी
लंदन में 250-फ़ासीवाद-विरोधी लोगों ने प्रदर्शन कर टॉमी रॉबिन्सन के समर्थकों को चुनौती दे डाली जो खुद काफ़ी कम संख्या में थे।

24 अगस्त को, लंदन में 250-फ़ासीवाद-विरोधी लोगों ने प्रदर्शन कर टॉमी रॉबिन्सन के समर्थकों को चुनौती दे डाली जो खुद काफ़ी कम संख्या में थे। टॉमी रॉबिन्सन को स्टीफ़न याक्ले-लेनन के नाम से भी जाना जाता है और वे धुर दक्षिणपंथी और इस्लाम-विरोधी कार्यकर्ता हैं और जेल में सज़ा काट रहे हैं इस फ़ासीवाद-विरोधी लामबंदी का आह्वान कई सक्रिय समूहों द्वारा किया गया था, जिसमें लंदन एंटी-फ़ासिस्ट असेंबली, रिवोल्यूशनरी कम्युनिस्ट ग्रुप, ग्रीन एंटी-कैपिटलिस्ट फ्रंट और स्टैंड अप टू नस्लवाद शामिल थे।

रॉबिन्सन वर्तमान में, अदालत के बाहर प्रसारण के लिए और अदालत के ख़िलाफ़ “अपमानजनक भाषा” का प्रयोग करने और उसकी अवमानना के लिए जेल की सज़ा काट रहे हैं। उन्होंने 2018 में चाइल्ड ग्रूमिंग गैंग के मुक़दमे के दौरान लीड्स क्राउन कोर्ट के बाहर केस के परिणाम को पहले ही घोषित करने का प्रयास किया था।

मॉर्निंग स्टार ने बताया कि शनिवार को टॉमी रॉबिन्सन के समर्थकों द्वारा एक रैली की गई थी, जिसमें बेल्मश जेल से उनकी रिहाई की मांग की गई थी। इसके ख़िलाफ़ फ़ासीवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों ने ऑक्सफ़ोर्ड सर्कस में जवाबी कार्रवाई की।

ग्रीन एंटी-कैपिटलिस्ट फ्रंट ने अपने बयान में कहा, "तीत में, दूर-दराज़ के कई इलाक़ों में ‘फ़्री टॉमी रॉबिन्सन’ समर्थकों ने सड़कों पर ग़ैर-श्वेत रंग वालो पर कई बार हमला किया है, उस पर भी हमला किया गया जो उन्हें लगता कि वे ‘वामपंथी’ हो सकते हैं, और पुलिस की सुरक्षा में हिटलर को सलाम करते हुए ऐसा करते हैं। जब उन्होंने लीड्स में मार्च किया, तो एक मस्जिद और एक गुरुद्वारे में अगले दिन आग लग गई थी, जो कोई संयोग नहीं हो सकता था।"

उन्होंने आगे कहा, “हम इन लोगों को अपनी सड़कों पर मार्च करने की अनुमति देकर ध्यान आकर्षित करने की अनुमति नहीं दे सकते। जिस समूहों के खिलाफ हमने विरोध किया और पहचान बनाई है, उनमें से एक क्राइस्टचर्च शूटर से फंडिंग प्राप्त कर रहा है और सीधे उनके विचारों से प्रभावित है। हमें क्राइस्टचर्च और एल पासो के पीड़ितों को याद रखना चाहिए और हमारी सड़कों पर इन लोगों के विचारों को सड़कों से दुर रखना चाहिए। नो पसारन!।”

ऑक्सफ़ोर्ड सर्कस पर प्रदर्शन के बाद, फ़ासीवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों ने पोलिश दूतावास में भी पोलिश एलजीबीटी अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मार्च किया, जो एलजीबीटी लोगों के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ और पोलैंड में प्राइड मार्च के ऊपर हमलों का विरोध कर रहे थे।

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