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महबूबा मुफ़्ती कर रही हैं रमज़ान और अमरनाथ यात्रा के दौरान युद्धविराम की कोशिश

मुख्यमंत्री ने कहा “सभी पार्टियों का एक प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से मिलने जायेगा और उनसे ये अपील करेगा कि वह युद्धविराम करने की घोषणा करने के बारे में विचार करें I"
कश्मीर

कश्मीर में चल रहे एनकाउंटरों और नागरिकों की हत्याओं के दौर में 9 मई को मुख्यमंत्री महबूबा ने रमज़ान के दौरान युद्धविराम करने की कोशिश की है I ये युद्धविराम मई से अगस्त में होने वाली अमरनाथ यात्रा तक रहेगा I

ये निर्णय सर्वदलीय बैठक के दौरान लिया गया जहाँ मुख्यमंत्री मुफ़्ती ने कहा कि बीजेपी की NDA सरकार से निवेदन किया गया कि इन महीनों के दौरान सुरक्षा बल अपनी जंगी कार्यवाईयाँ रोक दें I

मुख्यमंत्री ने कहा “सर्वदलीय बैठक में ये निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार को कश्मीर में रमज़ान और अमरनाथ यात्रा के दौरान एकतरफा युद्धविराम करना चाहिए, इससे आम लोगों को एनकाउंटरों और तलाशी अभियान से कुछ राहत मिलेगी I”

ये दूसरी बार है जब जम्मू कश्मीर में एकतरफा युद्धविराम करने का निर्णय लिया गया है I 2002 में भी अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीर में रमज़ान के दौरान इसी तरह युद्धविराम किया था I

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए वरिष्ठ  पत्रकार माजिद ह्य्देरी ने कहा “अगर हम पहले किये गए युद्ध विराम के नतीजों को देखें तो उनका कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला था , जो कि कश्मीर की समस्या को सुलझा सके I ये ज़रूरी है कश्मीरी उग्रवादियों के साथ युद्ध विराम होना चाहिए लेकिन इसके बाद किसी नतीजे तक पहुँचने वाली वार्ता की भी ज़रुरत है, जिससे इलाके में शांति स्थापित की जा सके I”

सर्वदलीय बैठक में बोलते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा “सभी पार्टियों का एक प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से मिलने जायेगा और उनसे ये अपील करेगा कि वह युद्धविराम करने की घोषणा करने के बारे में विचार करें I जैसा कि 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रमज़ान , ईद और अमरनाथ यात्रा के दौर किया गया था I”

पिछले तजुर्बे की विफलता को मानते हुए PDP के नेताओं ने इस कदम को घाटी में शांति बनाये रखने और पिछले कुछ समय से चल रहे खून खराबे को रोकने का प्रयास बताया है I

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए PDP के रफ़ी अहमद मीर ने कहा “पिछला युद्ध विराम सफल नहीं हुआ था लेकिन इस युद्ध विराम से कुछ शांति बहाल होने की उम्मीद है I हाल में बहुत खूनखराबा हुआ है I हमें ये विशवास है कि इससे खून खराबा कम होगा I हम और लोगों को खो नहीं सकते I”

इसी दौरान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का बयान मुख्य मंत्री के बयान से बिलकुल विपरीत है I

इंडियन एक्सप्रेस को 9 मई को दिए अपने इंटरव्यू में सेना प्रमुख ने कहा “अगर एक बार वो हम पर पत्थर फेकेंगे एक बार अगर वह गोली चलाएंगे तब ये बिलकुल नहीं हो सकता कि हम रुक जाएँ और कड़ाई न करें I जो भी हमारे साथ लड़ना चाहता है , हम उनके साथ लड़ेंगे I”

सेना प्रमुख के बयान पर मीर ने कहा “ बिपिन रावत लड़ाका हैं I वो गोली से ही बात करेंगे I वो कुछ भी गलत नहीं कह रहे हैं I पर हम पिछले 30 सालों में कुछ भी कर पाने में विफल रहे हैं I 2 उग्रवादी मरते हैं और एक दो दिन बाद एक नया व्यक्ति उग्रवादी बन जाता है I इसीलिए हम युद्धविराम की एक कोशिश करना चाहते हैं I हमें विश्वास है कि इस बार हम सफल होंगे I”

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