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महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राज्य सरकार को शक्ति परीक्षण करने का दिया आदेश, संजय राउत ने बताया ‘गैरक़ानूनी’ 

महाराष्ट्र विधानभवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत को लिखे पत्र में कोश्यारी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा का एक विशेष सत्र 30 जून (बृहस्पतिवार) को पूर्वाह्न 11 बजे बुलाया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर मतदान एकमात्र एजेंडा होगा और किसी भी सूरत में सदन की कार्यवाही शाम पांच बजे तक पूरी करनी होगी।’’
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मुंबई:  महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के विधानभवन के सचिव को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का शक्ति परीक्षण कराने को कहा है।
     
यह पत्र वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा सत्तारूढ़ शिवसेना से बगावत के बीच आया है। शिंदे पार्टी के ज्यादातर विधायकों और कई निर्दलीय विधायकों के साथ पिछले सप्ताह से गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं, जिससे ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार संकट में घिर गयी है।
     
महाराष्ट्र विधानभवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत को लिखे पत्र में कोश्यारी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा का एक विशेष सत्र 30 जून (बृहस्पतिवार) को पूर्वाह्न 11 बजे बुलाया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर मतदान एकमात्र एजेंडा होगा और किसी भी सूरत में सदन की कार्यवाही शाम पांच बजे तक पूरी करनी होगी।’’
     
पत्र में कहा गया है, ‘‘सदन की कार्यवाही का सजीव प्रसारण किया जाएगा और इसके लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे।’’
     
शिवसेना के नेता एवं मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत से महाराष्ट्र में उत्पन्न राजनीतिक स्थिति के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात को राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की।
     
फडणवीस ने कोश्यारी से अनुरोध किया कि वह उद्धव ठाकरे सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहें।
     
फडणवीस ने दावा किया कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार अल्पमत में प्रतीत हो रही है क्योंकि शिंदे गुट के 39 शिवसेना विधायकों ने कहा है कि वे सरकार का समर्थन नहीं करते हैं।

राज्यपाल का शक्ति परीक्षण का आदेश ‘गैरक़ानूनी’ है : राउत

शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा उद्धव ठाकरे नीत सरकार को शक्ति परीक्षण का आदेश दिए जाने को ‘‘गैरकानूनी’’ बताते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने पर अभी फैसला नहीं दिया है। 
     
उन्होंने कहा कि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस का सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) उच्चतम न्यायालय का रुख कर इस मुद्दे पर न्याय मांगेगा।
     
राज्यपाल पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि राज भवन ने भाजपा नेताओं से मुलाकात करने के बाद ‘‘राफेल से भी तेज गति से’’ कार्रवाई की है। भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने का अनुरोध किया था।
     
राउत ने राज्यपाल को याद दिलाया कि उनके कोटे से राज्य विधायिका के ऊपरी सदन में 12 पार्षदों के नामांकन से जुड़ी फाइल लंबे समय से अटकी हुई है।
     
राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह (शक्ति परीक्षण का आदेश) गैरकानूनी गतिविधि है क्योंकि 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में लंबित है। अगर ऐसी गैरकानूनी गतिविधियां होती है और अगर राज्यपाल तथा भाजपा संविधान को कुचलते हैं तो उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना होगा।’’

उच्चतम न्यायालय शिवसेना की याचिका पर शाम पांच बजे सुनवाई करेगा

उच्चतम न्यायालय शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की उस याचिका पर शाम पांच बजे सुनवाई करने के लिए बुधवार को राजी हो गया, जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए दिए गए निर्देश को चुनौती दी गयी है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी की उन दलीलों पर संज्ञान लिया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा एमवीए सरकार को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे बहुमत साबित करने के लिए दिए गए आदेश के मद्देनजर मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम शाम पांच बजे सुनवाई करेंगे। कृपया यह सुनिश्चित करिए कि संबंधित पक्षों को शाम तीन बजे तक कागजात दे दिए जाए।’’

सिंघवी ने कहा कि शक्ति परीक्षण में उन विधायकों के नाम शामिल नहीं किए जा सकते जो ‘‘दागी’’ हैं।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा था कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए।

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया।

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