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"मोदी जी, योगी जी प्लीज़ मेरी मदद करें, प्लीज़ मुझे इंसाफ़ दिलाइये…"

पूर्व बीजेपी सांसद चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा लापता। वीडियो के जरिये प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार। पिता की तहरीर पर मुकदमा कायम।
पूर्व बीजेपी सांसद चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप

यूपी के शाहजहांपुर जिले के एक निजी काॅलेज में कानून की पढ़ाई कर रही 23 साल की छात्रा ने बीजेपी नेता व पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर छात्राओं के साथ शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। वीडियो के वायरल होने के बाद छात्रा 24 अगस्त शनिवार से गायब है। इस संबंध में भाजपा के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक छात्रा का जो वीडियो वायरल हो रहा है वह पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के लॉ कॉलेज की ही छात्रा का है। वीडियो में लड़की ने आरोप लगाया, 'संत समाज का एक बहुत बड़ा नेता जो कि बहुत लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका है, मुझे भी जान से मारने की धमकी देता है। मेरा मोदी जी और योगी जी से अनुरोध है कि वह प्लीज़ मेरी मदद करें। उसने मेरे परिवार तक को मारने की धमकी दी है। लेकिन मेरे पास उसके खिलाफ सारे सबूत हैं। आप लोगों से आग्रह है कि प्लीज़ मुझे इंसाफ दिलाइये।'

लड़की के पिता ने पुलिस को दी तहरीर में चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण का इल्ज़ाम लगाया है। उन्होंने मीडिया को बताया, ‘तीन दिन से छात्रा गायब है। उसका फोन नंबर भी बंद है। आखिरी बार बातचीत में वह थोड़ी घबराई सी थी। उसने कभी बताया नहीं लेकिन फेसबुक पर जो वीडियो देखा उससे स्वामी चिन्मयानंद पर ही पूरा शक है। ये लोग प्रभावशाली लोग हैं। कुछ भी करा सकते हैं।’

उधर, पूर्व बीजेपी सांसद स्वामी चिन्मयानंद के प्रवक्ता का कहना है कि इल्जाम झूठें हैं और यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। चिन्मयानंद के वकील की ओर से एक एफआईआर भी दर्ज कराई गई है, जिसमें कहा गया है कि चिन्मयानंद सरस्वती को ब्लैक मेल कर पांच करोड़ रुपये मांगे गए हैं। ये रकम स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के व्हाटसएप नंबर पर मैसेज कर मांगी गई। वकील ने शाहजहांपुर चौक कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

वकील ओम सिंह ने बताया कि मैसेज में किसी अज्ञात व्यक्ति ने 5 करोड़ रुपये की मांग की है, साथ ही धमकी दी गई कि उसके पास जो वीडियो हैं, उसे वह वायरल कर देगा। इससे तुम्हारी छवि खराब हो जाएगी। ओम सिंह ने दर्ज कराई रिपोर्ट में आशंका जताई है कि आपराधिक षड़यंत्र के तहत कुछ लोगों द्वारा धन उगाही तथा चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है। डर का माहौल पैदा कर शैक्षणिक संस्थान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

डीजीपी ओपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने एसएसपी को इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही छात्रा की तलाश जारी है।

इस पूरे मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बुधवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी किया और विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने डीजीपी से यह भी कहा है कि इस मामले की जल्द जांच कराई जाए और पीड़ित लड़की एवं उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
महिला आयोग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आयोग ने उन खबरों का संज्ञान लिया है जिनके मुताबिक उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक विधि महाविद्यालय की छात्रा ने चिन्मयानंद पर ‘यौन शोषण’ का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया में एक वीडियो पोस्ट किया और पिछले तीन दिनों से वह लापता है।
आयोग ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध की वह निंदा करता है और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग ने यह भी कहा कि मामले की जल्द जांच कराई जाए और लड़की एवं उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
कौन हैं स्वामी चिन्मयानंद?
स्वामी चिन्मयानंद बीजेपी से तीन बार सांसद रह चुके हैं और राम मंदिर आंदोलन के बड़े नेता रहे हैं। जौनपुर, बदायूं व मछलीशहर सीट से वह सांसद रहे हैं। वह अटल सरकार में गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते साल 25 फरवरी को शाहजहांपुर गए थे। वहां उन्‍होंने स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम में आयोजित मुमुक्ष युवा महोत्सव में भाग भी लिया था। चिन्मयानंद पर पहले भी रेप और अपहरण के आरोप लगे हैं।

गौरतलब है कि 2018 में योगी सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज बालात्कार और अपहरण केस वापस लेने का फैसला किया था। चिन्मयानंद पर नवंबर 2011 को शाहजहांपुर में एफआईआर दर्ज हुई थी। अपहरण और रेप का आरोप उनके ही आश्रम में कई वर्षों तक रहने वाली एक युवती ने लगाया था।

ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि इन आरोपों को खत्म करने के पीछे योगी सरकार की क्या मंशा थी और इस नये प्रकरण का भी क्या अंजाम होगा। क्योंकि जब सरकार चिन्मयानंद के प्रति सहानुभूति का रवैया रखती है तो निष्पक्ष जांच और कार्रवाई कैसे संभव होगी।

 

 

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