Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

मुज़फ़्फ़रनगर दंगे के 12 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी

सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता मोहम्मद सुलेमान समेत तीन गवाह मुकर गए और उन्होंने अभियोजन का साथ नहीं दिया।
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy: Khas Khabar

मुज़फ़्फ़रनगर : उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में 2013 के दंगा मामले में एक स्थानीय अदालत ने सबूतों के अभाव में 12 लोगों को बरी कर दिया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार तिवारी ने मंगलवार को दंगा मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती) और 436 (आगजनी) से आरोपियों को बरी कर दिया।

अभियोजन के मुताबिक, एसआईटी ने 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। मामले के लंबित रहने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता मोहम्मद सुलेमान समेत तीन गवाह मुकर गए और उन्होंने अभियोजन का साथ नहीं दिया।

आरोप था कि सात सितंबर 2013 को जिले के लिसाढ गांव में दंगों के दौरान भीड़ ने घरों को आग लगा दी थी और लूटपाट की थी।

आपको यहां यह भी बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने 2018 के हापुड़ मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को आगे की जांच करने का निर्देश देने से मंगलवार को इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कहा कि 45 वर्षीय कासिम कुरैशी की हत्या मामले में आगे की जांच करने और पूरक आरोप-पत्र दायर करने के लिए राज्य पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर फैसला निचली अदालत लेगी।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

पढ़ें : हापुड़ मॉब लिंचिंग : आगे की जांच का निर्देश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

 

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest