कार्टून क्लिक : कहां जाएंगे छोटे मोदी, केंद्र या मार्गदर्शक मंडल!
बिहार में मुख्यमंत्री के पद पर नीतीश कुमार की सातवीं बार ‘ताजपोशी’ हो रही है। लेकिन इस बार उनके जोड़ीदार और बिहार के उप मुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी को मौका नहीं मिल रहा। उनकी जगह नीतीश के साथ भाजपा के दो डिप्टी सीएम बनाए जाने की संभावना है। अब सुशील मोदी को केंद्र में लाया जाएगा या लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की तरह मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया जाएगा, कहना मुश्किल है।
नीतीश कुमार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं।
बिहार में हाल में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें मिलीं, जिनमें से नीतीश कुमार की जदयू को 43 सीटें मिलीं और भाजपा को जदयू से 31 सीटें अधिक (74 सीट) हासिल हुईं। बिहार की नयी सरकार में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना है।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कटिहार से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए तारकिशोर प्रसाद और बेतिया से विधायक रेणु देवी उपमुख्यमंत्री पद के मुख्य दावेदार हैं। तारकिशोर प्रसाद को भाजपा विधानमंडल दल का नेता और रेणु देवी को उपनेता चुना गया है ।
अपने साथ हो रहे बर्ताव से ‘आहत’ सुशील मोदी ने व्यंग्यात्मक लहजे में ट्वीट भी किया-
“भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा। आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा।कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।“
भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे ४० वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा।आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा।कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 15, 2020
इस ट्वीट की आख़िरी लाइन में ही सुशील मोदी का सारा दर्द निकलकर सामने आ जाता है कि- “…कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।“
राजभवन के बयान के अनुसार, राज्यपाल फागू चौहान शाम साढ़े चार बजे कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह मौजूद रहेंगे। शाह ने चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही पार्टी की पहली डिजिटल रैली को संबोधित कर चुनाव प्रचार की शुरूआत की थी, लेकिन वह चुनाव प्रचार में मौजूद नहीं रहे थे।
नीतीश कुमार ने 2010 और 2015 में चुनावी जीत के बाद गांधी मैदान में बड़ी संख्या में आम लोगों एवं गणमान्य लोगों की मौजूदगी के बीच शपथ ली थी, लेकिन इस बार कोविड-19 महामारी के कारण यह संभव नहीं हो पाएगा। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान सारे नियम-कायदे टूटते नज़र आए, लेकिन बीच-बीच में कोरोना एक बचाव और आड़ की तरह काम करता है।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार के अलावा राजग के चार घटक दलों भाजपा, जदयू, हम पार्टी और वीआईपी से आठ अन्य नेताओं को कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है और बाद में इसका विस्तार किया जा सकता है ।
जदयू से जिनके नाम पर चर्चा है, उनमें अशोक चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार शामिल हैं। विजय कुमार चौधरी को कैबिनेट में शामिल किये जाने की संभावना के बाद संकेत मिले हैं कि भाजपा के खाते में विधानसभा अध्यक्ष का पद जा सकता है। इससे पहले चौधरी विधानसभा अध्यक्ष थे।
जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी ने उन पर विश्वास व्यक्त करने के लिये नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया और कहा कि यह चुनौतीपूर्ण कार्यकाल है और हमें पार्टी को मजबूत बनाना है ।
इसके अलावा कैबिनेट में वीआईपी के नेता मुकेश सहनी और हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी को भी शामिल किया जा सकता है।
राजद ने किया शपथ ग्रहण कार्यक्रम का बहिष्कार
बिहार में विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कार्यक्रम का बहिष्कार करेगा।
राजद के ट्वीट किया, ‘‘राजद शपथ ग्रहण का बहिष्कार करता है। बदलाव का जनादेश राजग के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया।’’
राजद शपथ ग्रहण का बायकॉट करती है। बदलाव का जनादेश NDA के विरुद्ध है। जनादेश को 'शासनादेश' से बदल दिया गया। बिहार के बेरोजगारों,किसानो,संविदाकर्मियों, नियोजित शिक्षकों से पूछे कि उनपर क्या गुजर रही है।NDA के फर्ज़ीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जनप्रतिनिधि है और जनता के साथ खड़े है
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 16, 2020
विपक्षी पार्टी ने राजग पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘बिहार के बेरोजगारों, किसानों, संविदाकर्मियों और नियोजित शिक्षकों से पूछिए कि उन पर क्या गुजर रही है। राजग के फर्जीवाड़े से जनता आक्रोशित है। हम जन प्रतिनिधि हैं और जनता के साथ खड़े हैं। ’’
राजद ने एक अन्य ट्वीट किया, ‘‘बिहार में दो मजबूरों की मजबूर सरकार बन रही है। एक शक्तिविहीन, शिथिल और भ्रष्ट प्रमाणित हो चुके मजबूर मुख्यमंत्री और दूसरा चेहरा विहीन एवं तन्त्र प्रपंच को मजबूर वरिष्ठ घटक दल।’’
लालू प्रसाद की पार्टी ने कहा, ‘‘इनकी मजबूरी का कारण राजद का जनाधार और बिहार के लोगों द्वारा तेजस्वी यादव को अपना सर्वाधिक प्रिय नेता स्वीकार कर लेना है।’’ राजद ने अपने ट्वीट में नीतीश कुमार पर भी तंज किया ।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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