डीयू : SFI कार्यकर्ताओं पर हमले के विरोध में छात्रों और शिक्षकों का प्रदर्शन
25 अगस्त रविवार शाम, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़े तीन छात्र कार्यकर्ताओं पर दिल्ली के विजय नगर में दस एबीवीपी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कथित तौर पर हमला कर दिया। इस हमले की निंदा करते हुए छात्रों और शिक्षकों सहित BSCEM, PDSF,आईसा, पिंजरा टॉड और SFI आज 26 अगस्त को दिल्ली विश्वविद्यालय की आर्ट्स गैलरी में एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान, छात्र कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह एक पूर्व नियोजित हमला था और पुलिस इस पूरी घटना पर उचित कार्रवाई करने में देरी कर रही है।
एसएफआई द्वारा मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के अनुसार, जब छात्र कार्यकर्ता विजय नगर इलाके में रविवार शाम को पोस्टर चिपका रहे थे, तब कुछ लोगों का एक समूह स्कॉर्पियो कार में आया और एसएफआई कार्यकर्ताओं पर डंडे और क्रिकेट बैट से प्रहार किया और महिला छात्रों पर भद्दे कमेंट किए।
इस घटना में, एसएफआई के छात्र कार्यकर्ता सुमित कटारिया, हिमांशु और नोएल को हाथ में फैक्चर और सिर पर गंभीर चोटें आईं है।
एसएफआई अध्यक्ष विकास भदौरिया ने न्यूजक्लिक को बताया, "पोस्टर चिपकाना छात्र कार्यकर्ता की सक्रियता का हिस्सा है और ये घटना एक पूर्व नियोजित प्रतीत होती है क्योंकि हमलावरों ने वहां के कार्यकर्ताओं को धमकी दी कि इस साल फरवरी में एबीवीपी नेताओं के खिलाफ एक महिला कार्यकर्ता द्वारा दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत वापस ले लें," उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए तत्काल कार्रवाई करने में लापरवाही कर रही थी।
विकास ने कहा कि हमलावरों को आसानी से पकड़ा जा सकता है अगर कार की जगह और हमलावरों की पहचान करने के लिए घटना स्थल के सीसीटीवी रिकॉर्ड की जांच की जाए।
अंबेडकर विश्वविद्यालय के पीएचडी स्कोलर श्रुति कहती हैं कि, छात्र संघ के चुनाव आने वाले हैं इसलिए एबीवीपी द्वारा इस तरह की हिंसा एक नियमित मामला बन गया है। "यह साफ है कि एबीवीपी को प्रशासन और पुलिस दोनों से संरक्षण प्राप्त हो रहा है क्योंकि एबीवीपी के गुंडे देर रात दिल्ली विश्वविद्यालय के परिसर में घुमते हुए पाए जा सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि जब तक पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं करती, तब तक छात्र कार्यकर्ता मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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